- नॉर्मल डिलीवरी के सात दिन बाद महिला की मौत
- परिजनो का आरोप महिला के पेट में ही छोड़ दिया कॉटन
मंडला महावीर न्यूज 29. बिछिया थाना के अंतर्गत अंतर्गत सरकारी अस्पताल पर 4 दिसंबर को नॉर्मल डिलीवरी के ठीक 7 दिन बाद महिला की जबलपुर मेडिकल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत की खबर सुनते ही गुस्साए परिजनों ने 12 दिसंबर को अस्पताल पहुंच कर हंगामा किया। नेशनल हाईवे जाम कर दिया। जानकारी लगते ही मौके पर स्थानीय पुलिस और तहसीलदार पहुंचकर परिजनों को समझाइस दी। लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थी। दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की जाने की बात कहते रहे। काफी देर समझाईश के बाद ग्रामीण और परिजन हाईवे से हटे जिससे लगभग 20 मिनट तक नेशनल हाइवे में जाम लगा रहा।
जानकारी के अनुसार मोनिष मोग्रे पिता नारायण दास मोग्रे 23 वर्ष निवासी जामुन टोला करंजिया बिछिया ने 4 दिसंबर को उसकी पत्नी रीनू मोग्रे को गर्भावस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया था। जहां उसी रात 10.30 बजे नार्मल प्रसव दौरान बेटे का जन्म हुआ। बच्चे की हालत नाजुक होने के वजह से जच्चा बच्चा दोनो को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि महिला के प्रसव दौरान स्टाफ नर्स के द्वारा गलत चीरा- लगाया और वहां कॉटन डाल दिया। इसके चलते शरीर पर इंफेक्शन हो गया और महिला की मौत हो गई।
ऑपरेशन कर महिला के पेट से निकाला कॉटन
महिला की स्थिति बिगडऩे पर चला पता सात दिसंबर को जिला अस्पताल पर भर्ती महिला रीनू की तबीयत अचानक बिगड़ी जिसे चक्कर और बीपीलो आने के बाद यहां डॉक्टर ने उसे बॉटल लगाया। लेकिन स्थिति में बदलाव नहीं आया। 9 दिसंबर को राउंड पर देखने आई महिला चिकित्सक ने जांच करने पर परिजनों को बताया कि महिला के पेट पर कॉटन है। जिसे ऑपरेशन बाद निकाला गया और परिजनों नें भी देखा।
ज्ञापन सौंपकर न्याय की मांग की
गंभीर स्थिति पर महिला को 10 दिसंबर को जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था। जिसके बाद वहां डॉक्टरों ने महिला को भर्ती कर इलाज शुरू किया। लेकिन पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल जाने के चलते। महिला की 11 दिसंबर की शाम 6.30 मौत हो गई। यहां परिजनों के द्वारा बिछिया अस्पताल के दोषी डॉक्टरों के वजह से महिला की मौत हो जाने के बाद उन पर कठोर कार्रवाई की जाने को लेकर तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और न्याय की मांग की है।