आशा वर्करों ने बच्चे का लिया तापमान, की गर्भावस्था की पहचान

आशा वर्करों ने बच्चे का लिया तापमान, की गर्भावस्था की पहचान

  • आशा वर्करो से प्रायोगिक परीक्षा में कराया प्रैक्टिल, देखी उनकी कार्यशैली
  • दूसरे चरण की परीक्षा में 271 आशाओं ने दी प्रायोगिक परीक्षा

मंडला महावीर न्यूज 29. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा और आशा पर्यवेक्षकों के ज्ञान को परखने के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के माध्यम से मंडला जिले में तीन चरण में परीक्षा ले रही है। प्रथम चरण की आतंरिक परीक्षा के लिए जिले के पांच विकासखंडों की 270 आशा व आशा पर्यवेक्षकों को चिन्हित किया गया था, जिन्होंने आवेदन किया था। जिसमें प्रथम चरण के ऑनलाईन परीक्षा में 268 उपस्थित रही और दो अनुपस्थित रही। द्वितीय चरण में 271 आशा व पर्ववेक्षकों ने प्रायोगिक परीक्षा में शामिल हुई है।

जानकारी अनुसार आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला के शहर और ग्रामीण अंचलों में शिशु से लेकर बुजूर्गो के स्वास्थ्य का ख्याल रखने वाली आशा व आशा पर्यवेक्षकों के ज्ञान को परखने के लिए तीन चरण में परीक्षा आयोजित की जा रही है। जिसके दो चरणों की परीक्षा ली गई है। नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओपन स्कूल के द्वारा जिले के पांच विकासखंड बम्हनी, मोहगांव, नारायणगंज, बिछिया, नैनपुर की चयनित 271 आशा वर्कर और पर्यवेक्षकों ने द्वितीय चरण में प्रायोगिक परीक्षा दी। परीक्षा को लेकर ये काफी उत्साहित दिख रही थी। इस परीक्षा में पास होने के बाद आशा प्रमाणित हो जाएगी और पांच हजार रुपये का कैश अवॉर्ड भी मिलेगा। बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग की इस पहल के तीसरे चरण में लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जो 23 मार्च को आयोजित होगी।

डीसीएम हिमांशु सिंगौर ने बताया कि फील्ड में आशा वर्कर का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। परीक्षा का मुख्य उद्देश्य है कि इस परीक्षा के माध्यम से आशा वर्कर का ज्ञान बढ़े। आयोजित परीक्षा में खरा उतरने के लिए आशा वर्कर पूरी तैयारी कर रही है। द्वितीय चरण में आयोजित हुई प्रायोगिक परीक्षा में इनसे हाथ धोना, बच्चे का तापमान मापना, ओआरएस घोल बनाना, शिशु का वजन मापना समेत कई कार्य जो शामिल होते है, उन पर प्रैक्टिकल कराकर देखा गया। आशा वर्करों ने प्रायोगिक परीक्षा में खरा उतरने अपनी तरफ से पूरा प्रयास की।

परीक्षा में पास होने पर आशा होगी सर्टिफाइड 

बताया गया कि आशा वर्कर के ज्ञान को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले ऑनलाईन परीक्षा इसके बाद उनके द्वारा संपादित करने वाले कार्यो को प्रैक्टिल कराकर परीक्षा ली। अब इसके बाद लिखित परीक्षा ली जाएगी। बताया गया कि यदि आशा वर्कर परीक्षा में पास होती हैं तो सर्टिफाइड हो जाएगी और पांच हजार रुपये का कैश अवॉर्ड भी इन्हें मिलेगा। लिखित परीक्षा से पहले आशा वर्करों का आंतरिक परीक्षा और ऑनलाईन परीक्षा ली गई।

आशा वर्करों का बढ़ेगा ज्ञान 

ग्राम व शहर में आशा वर्करों द्वारा जमीनी स्तर पर काम किया जाता है। ये स्वास्थ्य विभाग के रीढ की हड्डी हैं। इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य यह है कि आशा वर्कर का ज्ञान इस परीक्षा के मध्यम से बढ़ाया जाए। परीक्षा में खरा उतरने के लिए आशा वर्कर अध्ययन कर रही है और प्रायोगिक परीक्षा में उनके द्वारा कार्यस्थल में दी जाने वाली सेवाओं को करके दिखाया गया। ली गई प्रायोगिक परीक्षा से भी उनके कार्यो की गुणवत्ता जांची गई। इसके आधार पर ही इन्हें इस प्रायोगिक परीक्षा में अंक दिये जाएगे। प्रेक्टिकल में आशाओं से हाथ धोना, बच्चों का तापमान मापना, घरेलू ओआरएस बनाना, शिशु का वजन मापना, गर्भावस्था का पता करना समेत कई कार्य को प्रैक्टिल कराकर देखा गया।



 

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