पलाश, आगजनी, होली, परंपरा समेत प्रमुख खबरें

पलाश, आगजनी, होली पर्व, अनोखी परंपरा समेत प्रमुख खबरें


जंगल में केसरिया रंग की बहार, शबाब पर पलाश के फूल

  • पलाश के फूलों से जंगल हो जाता है लाल
  • पलाश के लाल रंग में रंगा जिला, गर्मी ने दी दस्तक

मंडला महावीर न्यूज 29. केसरिया रंग के फूल से पटे पेड़ पहाड़ की हरियाली में गुलाबी केसरिया रंग बिखेर रहे हैं। पलाश के इन फूलों का संकेत होता है कि फागुन आ गया है व सर्दी की विदाई, गर्मी की शुरुआत हो रही है। पलाश के फूल से प्राकृतिक रंग भी तैयार किया जाता है। जंगलों, पहाड़ों में पलाश के फूलों की बहार से होलिकोत्सव के आगाज का संदेश मिल जाता है। होली पर ग्रामीण इलाकों में पलाश के फूलों से रंगों को तैयार किए जाते है। फागुन माह में पतझड़ के बाद जंगलों में हर तरफ वीरानी छाई रहती है। जंगलों में अधिकतर वृक्ष सूखे दिखाई देते हैं।

बता दे कि बसंत ऋतु के साथ ही पलाश के पेड़ों पर केसरिया फूल लद गए हैं। जो देखने में प्रकृति की सुंदरता से रूबरू करा रहे है। जिले में अभी हर कहीं ऐसे नजारे दिखाई दे रहे हैं। यहां मंडला जिले के कस्बों से गांवों में और जंगल में पलाश बहुतायत में पाया जाता है। इतना ही नहीं जिले में सफेद पलाश भी देखा गया है जो दुर्लभ भी माना गया है। पलाश के पेड़ और फूल व पत्ते कई तरह के काम में आते है। इसका आयुर्वेदिक महत्व भी है।

लाभदायक है पलाश 

ग्रामीण आज भी पलाश की छाल को उबालकर सेवन करते है, जिसे पथरी का इलाज माना जाता है। पलाश के तने के रेशे से बनी रस्सी काफी मजबूत होती है। इसके पत्ते से दोने व पत्तल बनाए जाते हैं जो पंगत में भोजन परोसने में काम आता है हालांकि डिस्पोजल ने ले लिया। इनमें प्रतिबंध के बाद दोना पत्तल को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। ये ना पर्यावरण प्रदूषण को कम करेंगे। सेहत के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होते है।

पलाश में है औषधीय गुण

बुजुर्गों का मानना है कि इस प्राकृतिक रंग से होली खेलने वालों को कभी भी त्वचा रोग नहीं होता, उसमें चमक भी आ जाती है। बताया गया कि नेत्रों की ज्योति बढ़ाने के लिए पलाश फूल के रस में शहद मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से काफी लाभ होते हैं। इसके बीजों को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद, खाज, खुजली में आराम मिलता है।

वातावरण का सौंदर्य बढ़ा 

होलिका पर्व के नजदीक आते ही शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पलाश के फूल चारों ओर दिखाई देने लगे हैं। पेड़ों पर पलाश के फूलों की बहार छाई हुई है, जिससे वातावरण का सौंदर्य बढ़ गया है। जंगल क्षेत्रो पर अनेक जगह पलाश के पेड़ बड़े पैमाने पर देखे जा सकते है जो होली आने का संकेत दे रहे है। सड़कों के किनारे लगे पलाश के पेड़ों पर आए फूलों ने सड़कों की रौनक बढ़ा दी है। पलाश के फूल, पत्ते व लकड़ी स्वास्थ्य के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होते हैं, जिससे कई रोगों की दवाई बनाई जाती है। टेसू के फूलों से होलिका पर्व पर रंग भी बनाया जाता है। टेसू के पेड़ जिले के अनेक ग्राम में पाए जाते है। जहां का वातावरण इन दिनों ऐसा लगने लगा है मानों पेड़ पर किसी ने दहकते अंगारे लगा दिए हैं। आमतौर पर वसंत ऋतु के समय में यह फूल खिलने लगते है।

 

खूबसूरती के साथ कई गुणों से भरे हैं फूल 

होली के आसपास यह फूल जंगल की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं। हालांकि रंग उत्सव आज से शुरू हो जाएगा। लेकिन प्रकृति ने इसकी तैयारी वसंत ऋतु के आगमन के साथ कर ली थी। ग्रामीण क्षेत्र में टेसू के फूल लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। आज भले ही हमें केमिकल युक्त रंग, गुलाल से होली पर्व मनाते हैं, लेकिन एक समय था, जब पूर्वज पलाश के फूल से ही होली खेला करते थे। पलाश के फूल को होली के लिए एक दिन पहले एकत्रित कर उसे मिट्टी के पात्र में रखकर गर्म करते थे। इससे प्राकृतिक रंग तैयार होता था। पलाश के पेड़ की छाल को उबालकर सेवन करने से पथरी और यकृत रोग दूर होते हैं। व्यवसाय उपयोगी पलाश के तने के रेशे से बनी रस्सी काफी मजबूत होती है। इसके पत्ते से दोने व पत्तल बनाए जाते थे। पूर्व में ये लोगो की आजीविका के प्रमुख साधन रहे है।



 


नारायणगंज अस्पताल में तीन बाईक जलकर खाक

  • अज्ञात लोगों ने दिया घटना को अंजाम
  • नाईट ड्यूटी में कार्यरत कर्मचारियों की बाईक को आसामाजिक तत्वों ने बनाया निशाना
  • नारायणगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर की घटना

मंडला महावीर न्यूज 29. प्रेम, सौहार्द व हर्षोल्लास के पांच दिवसीय पावन पर्व होली की शुरूआत हो गई है, लेकिन इस खुशियों के पर्व को नारायणगंज क्षेत्र नजर लग गई है। 14 मार्च शुक्रवार रात्रि करीब दो बजे किसी अज्ञात लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणगंज परिसर के अंदर रात्रिकालीन ड्यूटी कर रहे तीन कर्मचारियों की बाईक में आग लगा दी। बाईक में लगी आग इतनी भयावह थी तीनों बाईक कुछ ही देर में जलकर खाक हो गई। आग लगते ही अस्पताल परिसर में हाहाकर मच गया। तत्काल इसकी जानकारी टिकरिया पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही रात्रिकालीन ड्यूटी में तैनाम पुलिस जवान मौके पर पहुंचे। बाईक में आग किसने लगाई इसकी पतासाजी की जा रही है।

जानकारी अनुसार नारायणगंज मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में शुक्रवार रात्रि करीब दो बजे तीन बाईक में किसी अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। बताया गया कि रात्रि में होलिका दहन के बाद जहां लोग अपने-अपने घरों में सोने चले गए, उसके बाद रात्रि करीब दो बजे किसी अज्ञात लोगों ने अस्पताल परिसर में प्रवेश करके तीन कर्मचारियों की बाईक में आग लगा दी और फरार हो गए।

बताया गया कि तीनों कर्मचारियों की बाईक लैब के बाजू में ट्रामा यूनिट जाने वाले स्थान में एक शेड के नीचे खड़ी हुई थी। इसी बाजू में डॉक्टर और स्टाफ के रूम भी है। आग लगते ही एक एक करके तीनों गाडिय़ों की पेट्रोल टंकी ब्लास्ट होने लगी। बिस्फोट इतना भयानक था कि बहुत तेज आवाज आई। आवाज सुनकर अस्पताल के कर्मचारी दौड़ पड़े। पूरा अस्पताल खाली हो गया।

बाईक में लगी आग को बुझाने अस्पताल के कर्मचारियों ने जी जान लगा दिये, लेकिन बाईक में लगी आग इतनी भयानक थी कि तीनों बाईक जलकर खाक हो गई। इस आगजनी की घटना से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का पूरा स्टाफ सकते में है। किसी अज्ञात व्यक्ति ने इस आगजनी की वारदात को परिसर के अंदर प्रवेश करके कैसे अंजाम दे दिया। इसकी घटना की शिकायत सीएचसी प्रभारी सीबीएमओ डॉ. अमृत लाल कोल ने टिकरिया थाना में की है।

बताया गया कि रात्रि में ड्यूटी पर तैनात तीनों कर्मचारियों ने भी शुक्रवार को 12 बजे इस बात की रिपोर्ट दर्ज कराई है। टिकरिया पुलिस मौके कर निरीक्षण, जांच कर आगजनी की घटना कैसे घटित हुई, इसकी पतासाजी कर रही है। अस्पताल परिसर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे से अज्ञात लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। टिकरिया पुलिस इस घटना की जांच कर रही है। जल्द ही इस घटना में संलिप्त लोगों को पकड़ लिया जाएगा।




पूज्य सिंधी पंचायत का होली मिलन समारोह आयोजित

  • शोकाकुल परिवारों को रंग गुलाल तिलक लगाकर मनाया रंगों का त्यौहार

मंडला महावीर न्यूज 29. पूज्य सिंधी पंचायत के द्वारा रंगों के पर्व को अंबेडकर वार्ड स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब में सामाजिक जनों की उपस्थिति में मनाया गया।सर्वप्रथम गुरुद्वारा साहिब की प्रथम तल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पूजा अर्चना के साथ धार्मिक भजन गाए गए। पल्लव पूजा के साथ परिवारों की खुशहाली के लिए कामना की गई।

गणेश भगवान की आराधना 

इसके पश्चात सामाजिक जनों ने मिलकर प्रथम पूज्य श्री गणेश भगवान की आरती पूजा की, विधिवत पूजन के साथ सामाजिक जनों ने गणेश भगवान की आरती उतारी और जन समुदाय के लिए खुशहाली के लिए कामना की।

राम दरबार,श्री झूलेलाल साईं, भगवान कृष्ण राधा की पूजा अर्चना 

गुरुद्वारा साहिब में स्थित श्री राम दरबार,श्री झूलेलाल सांई एवं भगवान कृष्ण राधा की आरती पूजा की गई। आराध्य देव को प्रसादी का भोग लगाया गया। तदोपरांत माल्यार्पण कर स्तुति आराधना की गई,सभी परिवारों के लिए सुख शांति के लिए पल्लव पूजा के साथ गुरू अरदास की गई। इसमें सिंधी समाज के सभी परिवारों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।

शोकाकुल परिवारों को लगाया गुलाल 

प्रतिवर्ष की भांति शोकाकुल परिवार इस होली आयोजन में शामिल हुए। सामाजिक सदस्यों के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई। शोकाकुल परिवारों के सदस्यों को रंग गुलाल तिलक लगाकर होली का पर्व मनाते हुए शुभकामनाएं दी एवं सभी परिवारों की सुख शांति के लिए कामना की गई,कार्यक्रम के अंत में प्रसादी का वितरण किया गया एवं स्वल्पाहार आयोजित किया गया।

भगवान झूलेलाल मंदिर में की आराधना 

इसके बाद अंबेडकर वार्ड स्थित भगवानी बाई केवल राम श्री झूलेलाल मंदिर में समाज के सदस्यों के द्वारा पूजा आराधना की गई और आराध्य भगवान झूलेलाल साईं से हर परिवार के सुख समृद्धि के लिए कामना की गई।



 


अनोखी परंपरा का साक्षी बना मंडला, हजारों कंडों से किया वैदिक होलिका दहन

  • स्थानीय प्रशासन का रहा सहयोग
  • नगरवासियों में दिखा विशेष उत्साह

मंडला महावीर न्यूज 29. पांच दिवसीय रंगों का पर्व होली की शुरूआत होली दहन से शुरू हो गई है। होलिका दहन की पावन बेला पर तहसील चौराहा मंडला में एक बार फिर अनोखी परंपरा देखने को मिली। जहां हजारों कंडों से वैदिक रीति से होलिका दहन किया गया। यह अनूठी परंपरा वर्ष 2016 से लगातार चली आ रही है और इस बार भी इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग उमड़े।


बताया गया कि जैसे ही होलिका दहन की तैयारियां पूरी हुईं, वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अग्नि प्रज्वलित की गई। हजारों कंडों से दहन होते ही श्रद्धालुओं में उत्साह बढ़ गया और चारों ओर भक्तिमय माहौल बन गया। इस विशेष आयोजन में धार्मिक अनुष्ठान का विशेष ध्यान रखा गया, जिसमें पुरोहितों द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना की गई।

अग्नि प्रज्वलन के दौरान भक्तों ने सुख-समृद्धि और बुरी शक्तियों के विनाश के लिए प्रार्थना की। इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए आसपास के गांवों और शहरों से भी लोग पहुंचे। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक संदेश है कि वैदिक रीति से किए गए अनुष्ठान सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और समाज में सुख-शांति बनाए रखते हैं।

इस आयोजन को सफल बनाने में प्रशासन का भी विशेष योगदान रहा। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा, जिससे कार्यक्रम में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। नगर परिषद और अन्य संबंधित विभागों ने भी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस अनोखी परंपरा को लेकर नगरवासियों में विशेष उत्साह देखा गया।

लोगों का मानना है कि इस प्रकार का आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करता है, बल्कि समाज में एकजुटता और संस्कृति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है। हर साल की तरह इस बार भी यह आयोजन बेहद सफल रहा, और लोगों ने मंगलमय भविष्य की कामना के साथ होलिका दहन की इस अनोखी परंपरा का आनंद लिया।



पेड़ों की डालिया कटाते समय गिरा चौकीदार, उपचार के दौरान मौत

  • जोखिम भरा काम मना करने के बाद भी ले गए अपने साथ
  • परिजनों ने संबंधित रेंजर पर कार्रवाई की मांग

मंडला महावीर न्यूज 29. जिला मुख्यालय के तिलक वार्ड निवासी एक 55 वर्षीय व्यक्ति पेड़ काटने के दौरान नीचे गिर गया। जिससे व्यक्ति गंभीर घायल हो गया और उपचार के लिए जबलपुर भेजा गया। जहां उपचार के दौरान 12 मार्च को मृत्यु हो गई। परिजनों ने संबंधित अधिकार पर जबरन पेड़ काटने ले जाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। परिजनों ने इसकी शिकायत कोतवाली मंडला में लिखित रूप से की है।

जानकारी अनुसार संजय यादव निवासी तिलक वार्ड ने बताया कि उनके पिता हीरा लाल यादव चौकीदार स्थाई कर्मचारी पूर्व वन मंडल मंडला में कार्यरत थे जो वन मंडल अधिकारी के बंगले में रात्रि कालीन सेवाएं दे रहे थे। विगत 9 मार्च रविवार अवकाश के दिन रेंजर एमवाय खोखर ने उनके घर आकर हीरालाल यादव उम्र लगभग 55 वर्ष को जबरदस्ती नील गिरी के पेड़ कटवाने अपने साथ ले जा रहे थे, लेकिन संजय के पिता ने मना कर दिया कि वे पेड़ में नहीं चढ़ सकते, यह काम मेरे से नहीं होगा। मना करने के बाद रेंजर साहब ने कहां कि मना करोगे तो मैडम से बोलकर नौकरी से निकलवा दूंगा या घने जंगलों में ट्रांसफर कर दूंगा।

संजय ने बताया कि रेंजर साहब की इन धमकियों के कारण उनके पिता हीरा लाल न चाहते हुए भी उनके साथ चले गए। जहां वे नील गिरी के बहुत बड़े चिकने पेड़ में रस्सी का सहारा लेकर लगभग 25 से 30 फिट ऊंचाई में डालियां काटते समय रस्सी टूटने के कारण जमीन पर गिर गए। जिसके कारण उन्हें गंभीर चोटे आई। रेंजर साहब ने उन्हें जिला चिकित्सालय में भर्ती कर चले गए। जिसके बाद पता चला कि उनकी हालत काफी खराब है। जिसके बाद उन्हें तत्काल जबलपुर सुभाष चंद्र मेडिकल में ले जाकर भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान 12 मार्च को उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने संबंधित रेंजर के ऊपर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की मांग की है। परिजनों ने कहा कि अवकाश के दिन जबरदस्ती जोखिम वाला कार्य कराने वाले रेंजर के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए।



सुख समृध्दि के लिए आज भी होलिका की आग से जलाते है घरों के चूल्हे

  • परिवार की सुख, समृद्धि के लिए प्राचीन परंपरा का लोग कर रहे निर्वाहन

मंडला महावीर न्यूज 29. हर एक भारतीय त्यौहार कोई न कोई संदेश देता है, साथ ही समाज में सद्कार्य करने की प्रेरणा देता है। त्यौहारों से समृद्ध हमारे देश में अनेकों तीज त्यौहार मनाते है। उनमें से एक पांच दिवसीय रंगो का प्रमुख त्योहार होली है। यह त्यौहार होलिका दहन के प्रारंभ होकर रंग पंचमी तक मनाया जाता है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होने वाला होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत सहित अनेकों संदेश तो देता ही है, साथ ही अनेकों परंपराओं को पोषित करता है। उन्हीं परंपराओं में से एक है होली की आग से अपने घरों का चूल्हा जलाना।

बताया गया कि आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला सहित तहसील निवास क्षेत्र में आज भी यह परंपरा प्रचलित है जहां होलिका दहन की आग से लोग अपने घरों का चूल्हा जलाते हैं। संसाधनों के अभाव और लकड़ी कंडों की प्रचूर मात्रा के चलते पूर्व में यह आग वर्ष भर चूल्हे में बनी रहती थी और प्रतिवर्ष लोग इस चूल्हे की आग का नवीनीकरण करते थे। अब भले ही बहुतायत घरों में चूल्हों की जगह गैस चूल्हे ने ले लिया हो, लेकिन आज भी ग्रामीण अंचल में लोग होलिका दहन के बाद सुबह उसकी आग से ही चूल्हा जलाकर इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। नगरीय क्षेत्र के जिन घरों में चूल्हा के स्थान पर गैस चूल्हा है वे होली की आग से गैस चूल्हा जलाकर इस अतिप्राचीन परंपरा का निर्वाह आज भी करते हैं जिससे उनके परिवार में सुख समृद्धि बनी रहे।


रिपोर्टर- रोहित प्रशांत चौकसे



सिंधी समाज की महिलाओं ने किया होलिका माता पूजन

  • मीठी रोटी, सिंधी गीयर, गुलाब जामुन, रेवड़ी और अन्य सामग्री का लगाया भोग

मंडला महावीर न्यूज 29. रंगों के पर्व होली की पारंपरिक पूजा के अंतर्गत धुरेङ़ी पर्व के एक दिन पूर्व सिंधी समाज की महिलाएं प्रतिवर्ष सामूहिक रूप से होलिका माता की पूजा करती है। इसमें पारंपरिक व्यंजन मीठी रोटी, सिंधी गीयर, गुलाब जामुन,भजिया, रेवड़ी आदि का भोग लगाया जाता है। इस पूजा में मीठी रोटी जो कि होलिका माता का प्रतीक है इसके ऊपर धागा बांधा जाता है, इसमें धागा भक्त प्रहलाद का प्रतीक है, इसमें मीठी रोटी को अग्नि दी जाती है तो मीठी रोटी जल जाती है और धागा जो कि भक्त प्रहलाद का प्रतीक है वह शेष रह जाता है, इसका आशय यह है कि बुराई पर अच्छाई की जीत और हम इसे परंपरा के तौर पर पूजन करते हैं।

बताया गया कि सिंधी समाज की महिलाएं होलिका माता की पूजा के अवसर पर उपवास रखती हैं और पूजन अर्चन के बाद ही प्रसादी ग्रहण करती हैं, महिलाओं ने बताया कि इस पूजन सामग्री को परंपरागत पूजन के बाद तीसरे दिन ठंडा करते हैं। सभी महिलाओं ने एक दूसरे को होली पर्व की शुभकामनाएं दी और परंपराओं को निभाते हुए विधिवत पूजन अर्चन किया।



 


अनोखी परंपरा-फूलों के रंग से खेलते है होली

  • पलाश के रंग से होली खेलने की अनोखी परंपरा
  • पलेहरा ग्राम के ग्रामीण बनाते है पलाश के फूल से रंग
  • एक सप्ताह पहले करते है फूलों से रंग बनाने की तैयारी
  • पलाश के फूलों से बने रंग से होली खेलने की परंपरा को संजोकर रखे आदिवासी समाज

मंडला महावीर न्यूज 29. मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर स्थित एक ऐसा गांव है जहां आदिवासी समाज अपनी परंपरा को बरकरार रखने के लिए होली पर्व में फूलों से रंग बनाकर होली खेलते है। यह परम्परा इस ग्राम में वर्षो से चली आ रही है। इस गांव का नाम पलेहरा है, जहां के आदिवासी पलाश के फूलों से रंग बनाकर होली खेलते हैं। यहां गांव के सभी महिला पुरूष एकत्र होकर जंगल की ओर निकलते हैं और फूल को तोडऩे से पहले विधि विधान से पूजन अर्चन करते हुए दादरे गाते हैं, जिसके बाद पलाश के फूलों को तोड़ा जाता है। इस पलाश के फूल को छुइला के नाम से भी जाना जाता है। होली में इस फूल का उपयोग आज भी कई ग्रामीण रंग के रूप में करते हैं।

जानकारी अनुसार पलाश के फूल से बने रंग एकाएक जल्दी से नहीं छूटते, इसका रंग काफी गहरा होता है। वहीं यह पूरी तरह से प्राकृतिक रंग है, जो बाजार में मिलने वाले केमिकल रंगों से कही बेहतर है। इसका रंग शरीर को एलर्जी व गर्मी से राहत देता है। लेकिन लोग बाजार में बिकने वाले केमिकल रंगों पर ज्यादा विश्वास करते हैं। गांवों में आज भी पलाश के फूलों से बने रंग से होली खेलने की परंपरा को संजोकर रखे हुए है।

यहां के ग्रामीणों का मानना है कि फूलों से बने कलर शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। पलाश के चटक फूलों से बने सुर्ख रंग शरीर का पूरा ख्याल रखते हैं। पलाश के फूल से तैयार प्राकृतिक रंग से होली खेलने की परंपरा से प्रभावित हुए लोगों को रासायनिक रंग व त्वचा संबंधी बीमारी से निजात दिलाने के लिए प्राकृतिक रंग बेहतर लगने लगा है। पलाश के फूल से तैयार प्राकृतिक रंग से होली खेलने की मुहिम पांच वर्ष पहले कस्बे में शुरू की गई। इस बार यहां के लोगों ने प्राकृतिक रंग से होली खेलने का फैंसला किया है।

एक सप्ताह पहले से करते है तैयारी 

पलहेरा के ग्रामीणों ने बताया कि यहां के लोग होली के एक सप्ताह पहले से पलाश के फूल एकत्र करना शुरू कर देते हैं। घर की महिलाएं व बच्चे जंगल से पलाश का फूल तोडऩे के लिए जाते हैं। फूल लेकर लौटते हैं। होली के एक दिन पहले फूलों को गर्म पानी में उबालते हैं, पानी जितना गर्म करते हैं रंग उतना ही लाल होता है। लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार रंग बनाते हैं। यहां वंशिदों ने बताया कि ठंडे पानी में पलाश का फूल डालकर स्नान करने से गर्मी में लू नहीं लगती है।

रंग बनाने के साथ आयुर्वेद में होता है उपयोग 

बताया गया कि पलाश के फूल को पीस कर चेहरे पर लगाने से निखार बढ़ता है। होली रंगों और खुशियों का त्योहार है, त्योहार में मस्ती का तड़का तब और बढ़ जाता है जब इसमें हर्बल रंगों का मेल हो जाता है। जिले में भी पलाश के पेड़ों की भरमार है। पलाश के फूलों से न सिर्फ प्राकृतिक रंग बनाए जाते हैं बल्कि आयुर्वेद के रुप में इसका बेहतरीन इस्तेमाल भी किया जाता है।



 


नियत तिथि से एक दिन पहले किया होलिका दहन

  • अनिष्ट की आशंका में यहां एक दिन पहले ही मनाते है त्यौहार
  • लोगों में रहा उत्साह
  • आज धनगांव में बरसेगा रंग, गुलाल

मंडला महावीर न्यूज 29.  मंडला और निवास विकासखंडके बीच करीब 40 किलोमीटर दूर एक अनोखा गांव बसा है, जहां वर्ष के प्रमुख त्यौहार को एक दिन पहले ही मना लिया जाता है। यह अनोखा गांव दो विकासखंड के बीच मोहगांव ब्लाक के अंतिम छोर में बसा गांव है, जिसे धनगांव के नाम से जाना जाता है। ग्राम धनगांव में वर्षो से एक अनोखी परंपरा चल रही है। जिसका निर्वाहन यहां के ग्रामीण कर रहे है। वर्ष के मुख्य तीन त्यौहार होली, दीवाली और हरियाली अमावस्या में यहां नियत तिथि के एक दिन पहले ही त्यौहार मना लिया जाता है। ग्राम धनगांव में बुधवार को ही होलिका दहन कर रंगो के पर्व की शुरूआत की। करीब एक हजार की आबादी वाले ग्राम धनगांव में हर व्यक्ति रंग, गुलाल की लाली में होली पर्व की एक दूसरों को शुभकामनाएं दी।

जानकारी अनुसार होलिका दहन से आठ दिन पहले तक के काल को होलाष्टक माना जाता है। होलाष्टक 07 मार्च से प्रारंभ हुआ, जो 14 मार्च तक चलेगा। आज सभी स्थानों में होलिका दहन किया जाएगा। इसी तारतम्य में जब गुरूवार को पूरा जिला और देश होलिका दहन की तैयारी करेंगा, और शाम होते ही जगह-जगह स्थापित होलिका की प्रतिमा का दहन किया जाएगा। लेकिन यह सब धनगांव में 12 मार्च बुधवार की शाम करीब 6 बजे ही होलिका दहन कर दिया गया। इस गांव में प्रमुख त्योहारों की खुशियां एक दिन पहले ही मना ली जाती है। स्थानीय लोगों की धारणा है कि ऐसा ना करें तो गांव में विपत्ति आ जाएगी।

शैला नृत्य करके बांटते है खुशियां 

देश भर में जहां 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च को पूरा देश रंगो से सराबोर होगा। वहीं ग्राम धनगांव में एक दिन पहले 12 मार्च को ही तय तिथि से एक दिन पहले ही होलिका दहन कर लिया गया और 13 मार्च को पूरा गांव रंगो के पर्व को धूमधाम से मनाएगा। सिर्फ इसी साल ही नहीं बल्कि प्रतिवर्ष होली के एक दिन पहले ही होली मना ली जाती है। इसके पीछे ग्रामीणों की अपनी परंपरा और मान्यता है। यहां एक साथ मिलकर ग्रामीण पूजा करते हैं। होलिका दहन कर एक दूसरों को गुलाल लगाते है। इसके साथ ही सारा गांव मिलकर अपना आदिवासी नृत्य शैला कर खुशियां बांटते हैं।

उत्साह के साथ रहता है इंतजार 

कई बार इस परंपरा को तोडऩे के कारण पूरे गांव में बीमारियों का प्रकोप फैला है। इसलिए इस गांव के लोग एक दिन पहले त्योहार मनाना उचित समझते हैं। ऐसा नहीं की इससे उनका उत्साह कम होता हो। गांव के ग्रामीण बड़े ही उत्साह के साथ इस दिन का इंतजार करते हैं और सभी मिलकर होलिका दहन करते है। ग्रामीणों के इस त्योहार में कोई भी चीज की कमी नहीं होती। सभी ग्रामीण इस रंगों के पर्व को धूमधाम से मिलजुल कर मनाते है।

परंपरा का कर रहे निर्वाहन 

गांव के ग्रामीण अपने पूर्वजों की बनाई परंपरा को नहीं तोड़ रहे। ऐसे में गांव में एक दिन पहले मनाए जाने वाले होली, दीवाली और हरियाली अमावस्या त्यौहार को लेकर ग्रामीणों में खुशी नजर आती है जो खुशी अन्य त्यौहार मनाते दूसरे लोगों में होती है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में एक दिन पहले त्यौहार मनाने की परंपरा के पीछे गांव के बुजूर्गो की मान्यता है कि इससे गांव के देव खुश होते है और गांव खुशहाल रहता है। जिसके कारण पूर्वजों ने जो परंपरा बनाई थी, उसे हम नहीं तोड़ सकते हैं।



रिश्तों में मिठास घोलती है शक्कर की माला

  • होली पर्व में वर्षो चल रही माला भेंट करने की परंपरा
  • शक्कर की माला का कम हो गया व्यापार
  • विलुप्त होने लगी स्थानीय परंपरा

मंडला महावीर न्यूज 29. होली पर्व रिश्तों में मिठास घोलने के लिए आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला में वर्षो से शक्कर की माला एक दूसरे को भेंट करने की पंरपरा चली जा रही है। वैसे तो होली का पर्व रंग, गुलाल लगाकर शुभकानाएं देने के साथ रिश्तों में खुशियों के रंग और मिठास भरने का है, लेकिन आज भी इस आधुनिक युग में आदिवासी बाहुल्य जिला के लोग होली में शक्कर की माला भेंट करने की परंपरा को संजो कर रखे है।


जानकारी अनुसार होली रंगों का त्योहार है, जिसमें लोग आपस में मिलकर रंगों में सराबोर होकर होली खेलते हैं। होली पर्व में लोग आपसी रंजिशें, आपसी बुराइयों को भुलाकर एक नए रिश्ते बनाते हैं। होली न केवल रिश्तों को ही मजबूती प्रदान करता है, बल्कि लोगों के दिलों को भी जोड़ता है। होली का पर्व रंग-गुलाल लगाकर शुभकानाएं देने के साथ रिश्तों में खुशियों के रंग और मिठास घोलने का है। रिश्तों की मिठास को और मीठा करने के लिए अब बाजारों में शक्कर की माला दिखने लगी है। इस माला को बनाने वाले दिन रात शक्कर से माला बनाने का कार्य कर रहे है। शक्कर की माला भेंट करने की पंरपरा वर्षो पुरानी है, जिसे लोग आज भी संजोकर रखे हुए है। हालांकि पूर्व की तुलना में इसका उपयोग अब कम हो गया है।

स्थानीय बुजूर्गो का कहना है कि रिश्तों में मिठास बनाए रखने और राग-द्वेष, बैर की होली जलाकर उन्हें प्रेम की मीठी माला में पिरोकर गले लगाना ही होली का मुख्य उद्देश्य है। इसका जीवंत प्रतीक है शक्कर की माला। यह केवल होली पर्व पर ही दिखाई देती है। इसे होली पर्व में एक दूसरे को भेंट करने का मतलब होता है कि हम जिस रिश्ते को निभा रहे हैं, वह रिश्ता भी इस माला की तरह मीठा बना रहे। शक्कर की माला का उपयोग पहले पर्व की एक मिठाई के रूप में भी किया जाता था। अब यह परंपरा भी धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है।

कम हो गया माला का व्यापार

ग्राम रामबाग में शक्कर बनाने वालों ने बताया कि पिछले एक दशक में शक्कर की माला का व्यापार आधे से भी कम हो गया है। पहले करीब 5 से 8 क्विंटल माला बिक जाती थी। अब बमुश्किल से करीब 2 से 3 क्ंिवटल तक सिमट कर रह गई है। जिले के कुछ परिवार इस परम्परा आगे बढ़ाने के लिए अपनी युवा पीढ़ी को इसकी जानकारी दे रहे हैं। इस बार शक्कर की माला फिलहाल थोक में 80 रूपए किलो तक अभी बिक रही है। वहीं फुटकर में 100 रूपए किलो है। आगामी एक दो दिनों बाद यही माला की कीमत होली के एक दिन पहले बढ़ जाएगी।

ऐसे बनती है शक्कर की मीठी माला 

रामबाग के माला बनाने वाले ने बताया कि शक्कर की माला बनाने के लिए शक्कर की चाशनी तैयार कर उसके झाग को अलग कर लकड़ी के सांचे में डालते हैं। इस सांचे में छोटे-छोटे खंड बने होते हैं। सांचे में ही एक लंबा धागा डाला जाता है, जिससे चाशनी में डूब जाए। एक से दो घंटे के बाद जब चाशनी सूख जाती है तो उसे सांचे से निकाला जाता है। और शक्कर की माला तैयार हो जाती है। इसमें चीनी के अलावा सफेदी लाने के लिए हाइट्रोजन पाडर मिलाया जाता है, जिससे सफेदी आती है।

विलुप्त होती और भी परंपराएं 

स्थानीय बुजूर्ग बताते है कि होलिका दहन में गेहूं की नई फसल की बालियां, हरे चने के पौधे एक साथ बांधकर होरा को होली की आग में भूनकर उन्हें परिजनों के साथ मिलकर खाने की परम्परा भी अब औपचारिकता बनकर रह गई है। होरा भूनकर फाग में आने वाले नए गेहूं, चना की फसलों को अग्निेदव को समर्पित कर उनसे अच्छी पैदावार की कामना की जाती थी। इस परम्परा को किसानों के अलावा आमजन भी खूब निभाते थे। इसके साथ ही बाजारों में भी इस होरा को बेचा जाता था, लेकिन आज यह परंपरा भी गायब होने लगी है।

प्यार की मिठास का प्रतीक 

शक्कर की माला होली में मिठास और भाईचारे का प्रतीक है। यह रिश्तों में प्रेम की मिठास घोलती है। इसे लोग भगवान को अर्पित करने के लिए मिठाई की जगह शक्कर की माला का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही होली पर्व की दूज में भी बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर शक्कर की माला पहनाती हैं, जिससे भाई बहन के प्यार में मिठास बनी रहे।

संतोष कछवाहा

पहले होली में घर-घर शक्कर माला पहनाकर रंग-गुलाल लगाने की परंपरा थी। धीरे-धीरे परंपरा समाप्त होती जा रही है और उसी के आधार पर व्यापार भी कम होता जा रहा है। वर्तमान में होली में शक्कर की माला का 20 प्रतिशत ही व्यापार बचा है।


रूकमणी कछवहा

पहले पर्व के दौरान जिले में दर्जनों व्यापारी महाशिवरात्रि के बाद से ही माला बनाने के काम में जुट जाते थे। बाजार में शक्कर के माला की भरमार होती थी, होली के पहले ही बाजार शक्कर की माला से गुलजार हो जाता था। अब यह भी विलुप्त होती जा रही है।


संदीप बरमैया



पांच हजार कंडों से होगा वैदिक होलिका दहन

  • वैदिक परिवार के आयोजन का सफलतम 10 वें वर्ष में प्रवेश
  • आज होगी पूरे रीति-रिवाजों के साथ होलिका स्थापना और दहन
  • 2016 से निरंतर जारी है वैदिक होलिका दहन
  • पर्यावरण संरक्षण की अनूठी मिसाल

मंडला महावीर न्यूज 29. आदिवासी बहुल जिला मंडला में वैदिक परिवार मंडला द्वारा 2016 से निरंतर वैदिक होलिका दहन का आयोजन किया जा रहा है, जो पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक परंपराओं के समन्वय की एक मिसाल बन चुका है। इस वर्ष भी 13 मार्च को रात्रि 10 बजे पांच हजार कंडों से वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार होलिका दहन किया जाएगा।

जानकारी अनुसार वैदिक परिवार मंडला द्वारा प्रतिवर्ष विशाल होलिका दहन समारोह का आयोजन किया जाता है। वैदिक परिवार मंडला का मुख्य उद्देश हमारे बच्चों को हमारे संस्कारों से जोडऩा था साथ ही होलिका दहन को लेकर जो भ्रांतियां प्रचलित थी उन्हें दूर करना भी समिति का लक्ष्य है। वैदिक परिवार द्वारा किए जा रहे इस होलिका दहन में दहन पूर्णत: गोबर के उपलों (कंडो) द्वारा किया जाता है। इस दहन में लगभक 3000 से 5000 उपलों का उपयोग किया जाता है, वैदिक परिवार मंडला के इस आयोजन ने 10 वे वर्ष में सफलता पूर्वक प्रवेश कर लिया है। जिसमें शहर वासियों के विशेष सहयोग रहता है।

 

परंपरा और पर्यावरण के संगम की प्रेरणादायक पहल 

परंपरागत रूप से होलिका दहन में लकड़ी का उपयोग किया जाता है, जिससे वनों की कटाई और वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ती है। लेकिन वैदिक परिवार मंडला ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए 2016 से गोबर के कंडों का उपयोग शुरू किया। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी पवित्र माना जाता है। इस पहल में शहरवासियों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी रहती है। लोग स्वेच्छा से कंडों का सहयोग करते हैं और आयोजन को सफल बनाते हैं। वैदिक परिवार मंडला की यह अनूठी सोच पूरे जिले के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो यह दर्शाती है कि परंपराओं को निभाते हुए भी हम प्रकृति का संरक्षण कर सकते हैं।

व्यापक स्तर में मनाने की बना रहे योजना 

बताया गया कि समिति सदस्य आपसी और आमजनों के सहयोग से इस आयोजन को करते हैं। जिसमें समिति द्वारा कहीं से भी किसी प्रकार का चंदा नहीं लिया जाता है। लोग स्वेच्छा से कंडों का सहयोग करते हैं। इस आयोजन से यह संदेश जाता है कि सही सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर हम अपने धार्मिक आयोजनों को पर्यावरण हितैषी बना सकते हैं। मंडला में जारी यह वैदिक होलिका दहन आने वाले वर्षों में और भी व्यापक स्तर पर मनाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे इसे देश भर में अपनाया जा सके।

इनका कहना है

वैदिक परिवार मंडला द्वारा किया गया यह ऐतिहासिक प्रयास केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो आने वाली पीढिय़ों को स्वच्छ और हरित भविष्य देने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। लकड़ी की जगह कंडों का उपयोग न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ता है। यह पहल यह साबित करती है कि परंपराओं को निभाते हुए भी हम आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल समाधान अपना सकते हैं। पूरे देश को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।


कपिल वर्मा

वैदिक होलिका दहन का यह अनूठा प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लकड़ी की तुलना में कंडों से होलिका दहन करने से न केवल प्रदूषण कम होता है, बल्कि धार्मिक परंपराओं का भी पालन किया जाता है। यह पहल पूरे जिले के लिए प्रेरणादायक है।


प्रसन्न सराफ

वैदिक परिवार मंडला द्वारा शुरू किया गया यह अभियान समाज में जागरूकता लाने का कार्य कर रहा है। हम सबका दायित्व है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए अपनी परंपराओं का पालन करें। 5000 कंडों से होलिका दहन करना एक ऐतिहासिक कदम है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए।


रूपेश इसरानी

मंडला में वैदिक होलिका दहन की यह पहल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है। यह देखना सुखद है कि लोग इस विचार को समर्थन दे रहे हैं और एक स्वच्छ व सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं। लोग स्वेच्छा से इसमें सहयोग करते है।


आनंद चौरसिया



पारंपरिक परिधानों में सजे नन्हें मुन्ने बच्चे

  • किड्जी प्री स्कूल में मनाया हर्षोल्लास से होली महोत्सव  

मंडला महावीर न्यूज 29. किड्जी प्रीस्कूल सिविल लाइन्स में होली का रंगारंग उत्सव बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। सीनियर केजी के छात्रों ने एक सुंदर नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें होली के त्यौहार के पीछे की पौराणिक कथा को दर्शाया गया। इसके अलावा, विभिन्न कक्षाओं के नन्हे विद्यार्थियों ने देश के विभिन्न राज्यों में मनाई जाने वाली होली की झलक नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शाई। बच्चों को होली से संबंधित विभिन्न कला एवं शिल्प गतिविधियों की जानकारी भी दी गई, जिससे उनकी रचनात्मकता को और अधिक बढ़ावा मिला।

प्ले ग्रुप से लेकर सीनियर केजी तक के सभी छात्र पारंपरिक परिधानों में सजे, जिससे सांस्कृतिक पर्व की भावना को और बल मिला। विशेष रूप से डांस टीचर भव्यदीप कछवाहा ने एक सराहनीय पहल करते हुए नन्हे विद्यार्थियों के साथ मिलकर जोश और उत्साह से भरे नृत्य प्रस्तुत किए। जिससे पूरे माहौल में उमंग और आनंद की लहर दौड़ गई।पूरे आयोजन की रूपरेखा किड्जी के शिक्षकों एवं शिक्षण संकाय के मार्गदर्शन में बखूबी तैयार की गई और उसे सफलता पूर्वक क्रियान्वित किया गया। इस आयोजन को सफल बनाने में स्कूल प्राचार्या शालिनी शुक्ला, शैक्षणिक समन्वयक राशि पमनानी ने अहम भूमिका निभाई और अपनी उत्तम दिशा-निर्देशों से इस कार्यक्रम को श्रेष्ठ बनाया।



आपराधिक मामलों में फरार आठ वारंटी धराए

  • बम्हनी पुलिस और मनेरी चौकी ने स्थायी वारंटियों को किया गिरफ्तार

मंडला महावीर न्यूज 29. मंडला पुलिस द्वारा स्थायी वारंटियों के धरपकड़ व गिरफ्तार करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें विभिन्न थानों की संयुक्त टीम द्वारा विभिन्न आपराधिक मामलों में न्यायालय द्वारा केश के ट्रायल के दौरान न्यायालय में उपस्थित नहीं होने से आरोपियों के विरुद्ध स्थायी, गिरफ्तारी वारंट जारी किये गयें हैं। अभियान अंतर्गत थाना बम्हनी बंजर पुलिस को 07 आरोपियों और थाना बीजाडांडी पुलिस को 1 वारंटी पकडऩे में सफलता प्राप्त हुई।

बताया गया कि थाना बम्हनी में सात आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत स्थाई वारंट जारी किया गया। वहीं चौकी मनेरी के प्रकरण में न्यायालय द्वारा जारी स्थायी वारंटी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश करने में सफलता मिली है। जिसमें थाना प्रभारी बम्हनी उप निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह भदोरिया, सहायक उपनिरीक्षक शशांक श्रीवास्तव, मुकेश चौरसिय, प्रधान आरक्षक अभिषेक चौकी मनेरी, आरक्षक सुनील चौकी अंजनिया एवं आरक्षक प्रशांत अवस्थी थाना बीजाडांडी द्वारा गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया।


अवैध 70 लीटर कच्ची शराब एवं 700 किलो महुआ लहान जप्त

  • ग्राम कारीकोन, इमलीगोहन में मदिरा निर्माण करने वाले अड्डों पर दबिश

मंडला महावीर न्यूज 29. कलेक्टर सोमेश मिश्रा के निर्देशन में जिला आबकारी टीम द्वारा मण्डला जिले में मदिरा के अवैध संग्रहण, परिवहन एवं विक्रय के विरुद्ध की गई कार्यवाही में वृत मंडला में ग्राम कारीकोन, इमलीगोहन में मदिरा निर्माण करने वाले अड्डों पर दबिश की कार्यवाही की गई।


हाथ भट्टी कच्ची मदिरा निर्माण करने वाले विभिन्न अड्डों से 70 लीटर कच्ची शराब मूल्य 10500 जप्त किया। 700 किलो लगभग महुआ लहान जप्त कर घटनास्थल पर नष्ट किया। जप्त लहान की अनुमानित कीमत 70000 है। आबकारी बल को देखकर आरोपी भाग गए। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।


 


जिले के नौ मृदा परीक्षण केन्द्र में प्राईवेट संस्था करेगी मिट्टी की जांच

  • बंद पड़े थे ब्लाकों के मृदा परीक्षण केन्द्र
  • किसानों को नहीं मिल पा रही थी मिट्टी के पोषक तत्वों की जानकारी

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले के सभी विकासखंडों क्षेत्र के किसान मिट्टी परीक्षण केन्द्र खुलने के लिए बीते कई वर्षो से इंतजार कर रहे हैं। जिले के नौ विकासखंडों में मृदा प्रयोगशाला के लिए भवन तो बनकर तैयार हो गया, लेकिन यहां काम करने के लिए तकनीकी कर्मचारी पदस्थ नहीं किए गए है। इसके कारण किसानों के खेत की मिट्टी के नमूने के परीक्षण के लिए जिला मुख्यालय भेजना पड़ता है। रिपोर्ट के लिए भी किसानों को इंतजार करना पड़ता था। किसान अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता की जांच के लिए फसल की तैयारी के पूर्व मिट्टी की गुणवत्ता परखते है। जिससे समय रहते खेत का उपचार कर सके और अच्छी फसल की पैदावार हो सके, लेकिन किसानों को इसके लिए भी मशक्कत करनी पड़ती थी। ब्लाक स्तर में केन्द्र शुरू नही होने से किसानों को जिला मुख्यालय अपने खेतों की मिट्टी की जांच के लिए आना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ने इन मृदा परीक्षण केन्द्र को प्राईवेट संस्था को सौंप दिया है। इस वर्ष फसल कटने के बाद प्राईवेट संस्था के कर्मचारी किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच करेंगे।

जानकारी अनुसार कृषि विभाग की लेटलतीफी के चलते किसान परेशान हो रहे हैं। उनकी परेशानी मिट्टी के परीक्षण को लेकर है। इसके लिए उन्हें फिलहाल कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के भरोसे ही रहना पड़ रहा है। हालांकि जिले के प्रत्येक ब्लॉक में मृदा परीक्षण केंद्र बनाए हैं, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी अब तक यह पूरी तरह से शुरू नहीं किए जा सके हैं। इन केंद्रों पर टेक्नीशियन और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

कैमिकल और स्टूमेंट बनी रोड़ा 

जिले के सभी विकासखंडों में मृदा प्रयोगशाला बनकर तैयार है। इन भवनों को विगत 2019 में ही संबंधित अधिकारी के हैंड ओवर कर दिया गया था। जिसके बाद यहां मृदा जांच के लिए लगने वाली मशीनें भी उपलब्ध करा दी गई थी, लेकिन इन मशीनों के द्वारा होने वाली जांच में लगने वाले स्टूमेंट और कैमिकल की व्यवस्था नहीं की गई है। इसके साथ ही स्टाफ की कमी भी इस पर रोड़ा बनी रही, जिसके कारण जिला मुख्यालय को छोड़कर सभी नौ विकासखंडों में मृदा की जांच शुरू नहीं की गई है।

इस वर्ष 21179 का लक्ष्य 

सहायक संचालक कृषि आरडी जाटव ने बताया कि वर्ष 2024-25 में 21179 का लक्ष्य मिला है, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग ने अभी तक 19 हजार की पूर्ति कर ली है। जल्द ही शेष बचे लक्ष्य को विभाग पूरा कर लेगा। इसके साथ ही मार्च माह के लिए 6 हजार का अलग से लक्ष्य भी विभाग को मिला है। जिसे भी पूरा करने की बात विभाग कह रहा है। बताया गया कि जिले को मिले लक्ष्य को सभी ब्लाकों में दे दिया जाता है, जिससे प्राप्त लक्ष्य को पूरा किया जा सके। सभी ब्लाकों से किसान मित्र, किसान दीदी समेत विभाग के कर्मचारी द्वारा मिट्टी के नमूने एकत्र कर जिला मुख्यालय में जांच के लिए भेजा जाता है। जिसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है। जिससे किसानों को अपने खेत में मौजूदा पोषक तत्वों की जानकारी लग सके और अगली फसल के लिए अपने खेत तैयार कर सके।

मशीनें थी उपलब्ध, फिर भी जांच नहीं हो सकी शुरू 

जिले के सभी विकासखंडों में मृदा परीक्षण के लिए छोटी और बड़ी मशीनें उपलब्ध कराई गई थी। इन प्रयोगशाला में रखी मशीनों से मृदा की जांच करने के लिए उसमें लगने वाले कैमिकल की आवश्कता होती है। वहीं सभी ब्लाकों में डबल एस बड़ी मशीनें उपलब्ध करा दी गई थी लेकिन इसे शुरू करने के लिए सहायक सामग्री, फर्नीचर और स्टाफ की कमी बनी रही, जिसके कारण विभाग इन ब्लाकों में मिट्टी की जांच शुरू नहीं कर पाया। जिससे किसान अपनी मिट्टी की जांच जिला मुख्यालय स्थित प्रयोगशाला में कराने पहुंचते थे।

स्टाफ है प्रशिक्षित, अब प्राईवेट संस्था के कर्मचारी करेंगे मृदा जांच 

बताया गया कि ब्लाक स्तर पर बनाए गए मृदा प्रयोगशाला में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए आदेश मिले थे, जिसके बाद यहां विभाग के कर्मचारियों को ब्लाकों में बने प्रयोगशाला में नमूने की जांच के लिए ट्रेनिंग दे दी गई थी। अब शासन ने मृदा जांच के लिए नई व्यवस्था बनाई है। किसानों के मिट्टी की जांच समय में हो सके और मिट्टी के पोषक तत्वों की जानकारी मिल सके, इसके लिए अब प्राईवेट संस्था को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अब प्राईवेट संस्था के कर्मचारी किसानों के मिट्टी की जांच ब्लाक स्तर पर ही करेंगे।

समय पर रिपोर्ट ना मिलने से किसान थे परेशान 

बताया गया कि सभी विकासखंड में मृदा प्रयोगशाला का भवन बनकर तैयार है। मशीनें आ चुकी है लेकिन स्टाफ की कमी के कारण किसानों को अपने खेत की मिट्टी के नमूने की जांच के परेशान होना पड़ता था। वहीं मिट्टी के नमूने जिला मुख्यलाय भेजा जाता था। मुख्यलाय में सभी ब्लाकों से मृदा के नमूने जांच के लिए आते है। जिसके कारण रिपोर्ट मिलने में थोड़ा समय लगता है। वहीं किसानों का कहना है कि मिट्टी परीक्षण कराने के बाद समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने से आगामी फसल को लगाने के लिए खेतों में कम मौजूदा तत्वों को पूरा करने में देरी हो जाती है। जिससे फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।

इनका कहना है

सभी नौ विकासखंडों में मृदा के नमूने एकत्र करने के लिए भवन तैयार है, अब शासन ने नई व्यवस्था बनाई है, मंडला जिले में आठ प्राईवेट संस्था चयनित हो गई है, जो आगामी समय में किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच करेंगे। जल्द ही सभी ब्लाकों में मृदा की जांच शुरू हो जाएगी।
आरडी जाटव, सहायक संचालक, कृषि



धारा 40 के तहत मवई सरपंच को किया पद से पृथक

  • कैलाश धुर्वे बने मवई ग्राम पंचायत के कार्यकारी सरपंच

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले के वनांचल विकासखंड मवई की ग्राम पंचायत मवई के सरपंच हीरालाल धुर्वे को धारा 40 के तहत सरपंच के पद से पृथक कर दिया गया है। इन पर चुनाव के दौरान निर्वाचन के लिए नाम निर्देशन पत्र और शपथ पत्र में जानकारी छुपाई गई। इसके साथ ही अपने पद का दुरूपयोग करते हुए शासकीय राशि में हेराफेरी की गई। जिसकी शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच में हीरालाल धुर्वे दोषी पाए गए।

बताया गया कि सरपंच हीरालाल धुर्वे को वित्तीय अनियमित्ता करने और अपने कर्तव्यो के निर्वहन में अवचार का दोषी पाया गया। जिसके तहत धारा 40 के तहत ग्राम पंचायत मवई के सरपंच के पद से पृथक किया गया है। इसके बाद खाली सरपंच पद को भरने के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिछिया के नायब तहसीलदार मवई द्वारा ग्राम पंचायत मवई के सभी पंचों को पत्र जारी कर नए सरपंच चुनने के लिए मंगलवार को बुलाया गया।

बताया गया कि मंगलवार दोपहर को पंचायत समन्वयक तरुण नंदनवार एवं नायब तहसीलदार मवई द्वारा दो प्रत्याशी के बीच निर्वाचन कराया गया। कार्यकारी सरपंच पद के लिए वार्ड क्रमांक 14 से सदस्य कैलाश धुर्वे एवं वार्ड क्रमांक 20 से सदस्य राजेश आयाम का नाम आया। दोनों सदस्यों के बीच मतदान प्रतिक्रिया के तहत निर्वाचन संपन्न कराया गया। जिसमें वार्ड क्रमांक 14 के सदस्य कैलाश धुर्वे को 11 मत मिले और राजेश आयाम को 9 मत प्राप्त हुए। निर्वाचन में कैलाश धुर्वे कार्यकारी सरपंच चुने गए।



झील महोत्सव-दिन में साहसिक खेल, रात में सजेगी सुरों की महफिल

  • नाइट वाटर सफारी में पर्यटक क्रूज पर उठाएंगे आनंद
  • मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड और जबलपुर पुरातत्व पर्यटन संस्कृति परिषद का आयोजन 29 मार्च से 13 अप्रैल
  • बिंयोड स्टूडियोज ने तैयार किया कार्यक्रम का डिजाइन

मंडला महावीर न्यूज 29. जबलपुर बरगी बांध पुन: जल, थल और नभ पर होने वाले साहसिक खेलों का साक्षी बनेगा। 29 मार्च से 13 अप्रैल तक मंडला जिले के विकासखंड बीजाडांडी के ग्राम देवरी-बकई में होने वाले झील महोत्सव में स्लिंग शॉट, वाटर पैरा सेलिंग, सर्फिंग जैसे साहसिक खेल होंगे, वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड (एमपीटीबी) और जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद (जेएटीसीसी) के आयोजन में पर्यटक नाइट वाटर सफारी का आनंद क्रूज पर उठा सकेंगे। महोत्सव में राजस्थान, महाराष्ट्र के कलाकार लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे।


बताया गया कि झील महोत्सव में नगर व अन्य राज्यों के कलाकार सुगम और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति करेंगे। एक घंटे के नौका विहार के दौरान नगर के बैंड और अन्य संगीत समूह संगीत की महफिल सजाएंगे। पर्यटकों के ठहरने के लिए अमेरिकन स्विस टेंट भी लगाए जा रहे हैं। देवरी बकई के नर्मदा व्यू के निकट आयोजित कार्यक्रम में बॉलीवुड और दक्षिण भारत के सिने स्टार शिरकत करेंगे। महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए फिल्म निर्माता और बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है।


महोत्सव का डिजाइन और एग्जिक्यूशन वह कर रहे हैं। जेएटीसीसी के सीईओ हेमंत सिंह ने बताया कि झील महोत्सव के वाटर स्पोर्टस और कल्चरल प्रोग्राम का फ्यूजन पर्यटकों को आकर्षित करने वाला बनाया गया है। महोत्सव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा। बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण ने बताया कि इस महोत्सव की कार्ययोजना ही इस प्रकार बनाई गई है कि इसमें भाग लेने के लिए देशभर के लोग आएं, यहां लोगों के आनंद के लिए समुद्र तटों पर होने वाली अनोखी राइड्स के अलावा महोत्सव के पूरे क्षेत्र को फुटफाल बढ़ाने के लिहाज से तैयार किया जा रहा है।

मंडला कलेक्टर और एसपी ने किया आयोजन स्थल का दौरा 

झील महोत्सव मंडला जिले की सीमा के अंतिम गांव देवरी बकई के नर्मदा व्यू में आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम स्थल का दौरा बीते दिन मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने एसपी रजत सकलेचा सहित जिले के कई अधिकारियों के साथ किया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, जेएटीसीसी के सीईओ हेमंत सिंह, पर्यटन प्रबंधक तरुण मिश्रा, बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण, एसडीएम निवास शाहिद खान आदि उपस्थित थे।

क्रूज पर नाइट सफारी और हाउस बोट का आनंद उठाएंगे लोग 

झील महोत्सव के दौरान बरगी बांध पर दो क्रूज चलाई जाएंगी जो पर्यटकों को एक घंटे बांध में नौका विहार कराएंगी। इस दौरान नगर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। क्रूज पर भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। जलविहार के क्रम में एक हाउस बोट बरगी बांध में उतारा जाएगा जो पर्यटकों को अलग अनुभव कराएगा।



एक घंटे की मशक्कत के बाद भीषण आग पर पाया काबू

  • कालपी के जागरूक लोगों ने आग बुझाने में की मदद
  • वन विभाग के कर्मचारी नहीं दिखे सक्रिय

मंडला महावीर न्यूज 29. मंडला जबलपुर नेशनल हाईवे 30 मार्ग में ग्राम कालपी के वनविभाग डिपो के पास खड़े एक ट्रक में अचानक भीषण आग लग गई। अचानक लगी इतनी तेज से विकराल रूप ली कि पूरा ट्रक धू-धू कर जलने लगा। आग बुझाने का भरकस प्रयास किया गया, लेकिन आग अपना विकराल रूप दिखा रही थी। गनीमत रही की ट्रक के अंदर चालक, परिचालक नहीं थे, ना ही ट्रक में कोई सामान लोड था, ट्रक खाली था। जिसके कारण वाहन के अलावा कोई हानि नहीं हुई। आगजनी की घटना भी पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और मौके पर ग्राम के लोग और वन विभाग के श्रमिकों ने आग बुझाने का प्रयास किया। इस आगजनी की सूचना बीजाडांडी पुलिस को दी गई है। इस हादसे की जांच पुलिस कर रही है, कि आग लगने का क्या कारण था।

जानकारी अनुसार मंडला जबलपुर के बीच ग्राम कालपी फॉरेस्ट डिपो के समीप आगजनी की घटना सोमवार सुबह करीब 9.30 बजे घटित हुई। घटना उस समय हुई जब एक ट्रक जबलपुर से कालपी डिपो लकड़ी लेने आया हुआ था। यहां डिपो के पास ही वाहन चालक ने ट्रक को मार्ग किनारे खड़ा कर डिपो में पर्ची कटाने गया हुआ था। वहां से जैसे ही वाहन के लौटा तो देखा कि ट्रक में आग लगी हुई है और पूरा ट्रक भीषण आग की चपेट में आ गया है। वाहन चालक ने बताया कि ट्रक में आग कैसे लगी पता नहीं चल सका है। शायद बैटरी में शॉट सर्किट के कारण वाहन में आग लग गई होगी। आग लगने के बाद वाहन में रखा खाना बनाने के लिए छोटा सिलेंडर भी आग की चपेट में आ गया। जिसके कारण आग ने भीषण रूप ले लिया।


बताया गया कि वाहन चालक ने ट्रक में लगी भीषण आग को देखते ही मदद के लिए चिल्लाया, आवाज सुनकर आसपास के लोग और डिपो में मौजूद कर्मचारी मौके पर पहुंचे। जहां आग बुझाने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद करीब एक घंटे में ट्रक की भीषण आग पर काबू पाया जा सका, जब तक पूरा ट्रक जलकर खाक हो चुका था। इस आगजनी की घटना में किसी को कोई हानि नहीं पहुंची है, लेकिन वाहन मालिका ट्रक पूरी तरह जलकर खाक हो गया है।

वन कर्मी नहीं आए आगे 

बताया गया कि जैसे ही ट्रक में आग लगी। वहां आसपास के ग्रामीण और डिपो में काम करने वाले श्रमिक दौड़ पड़े। वहीं कालपी क्षेत्र के एक जागरूक युवक मनोज शर्मा अपने साथियों के साथ सूचना मिलते ही पहुंच गया, लेकिन डिपो के पास हुई आगजनी की घटना में क्षेत्र का बीट गार्ड नहीं पहुंचा। वन विभाग के कर्मचारी अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ते हुए डिपो में रखा अग्निशमन यंत्र आग बुझाने के लिये दिये। लेकिन डिपो के कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। बल्कि डिपो में काम कर रहे श्रमिकों ने जागरूक युवक मनोज शर्मा की मदद के लिए आग बुझाने सामने आए। वहां मौजूद वाहन चालक, स्थानीय ग्रामीण समेत अन्य लोगों ने अपने-अपने साधन से आग बुझाने का प्रयास किया। इसके साथ ही एक छोटा पानी का टेंकर भी बुलाया गया। जिसकी मदद से आग पर काबू पाया जा सका।

स्थानीय युवाओं का रहता है सहयोग 

बताया कि ग्राम कालपी के कुछ जागरूक युवा विगत कई वर्षो से क्षेत्र में होने वाली घटना, दुर्घटना और आगजनी की घटना में मदद के लिए सूचना मिलते ही तत्काल पहुंच जाते है। इन युवाओं कालपी क्षेत्र के मनोज शर्मा काफी सक्रिय है। ये स्थानीय स्तर पर एक होटल की दुकान चलाते है। वहीं अपने कार्य के साथ समाज सेवा और मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते है। मंगलवार को भी सुबह जब ट्रक में आग लगी और जैसे ही इसकी जानकारी उन्हें मिली। तत्काल मौके पर पहुंच गए। वहां डिपो में रखे अग्निशमन यंत्र और पानी से आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। इस दौरान उनके साथी ईश्वर दुबेे, संजय धार, विनय बैरागी, गोलू बैरागी, मुन्ना पटेल, वन विभाग से श्याम खंडाते समेत ग्रामीण और डिपो में काम कर रहे श्रमिकों ने आग बुझाने में मदद की। सभी के प्रयासों से भीषण आग पर काबू पाया जा सका।



तेज रफ्तार ट्राला ने राह चलते बुजुर्ग को कुचल

  • बीजाडांडी पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए ट्राला को पकड़ा
  • घायल बुजूर्ग को जबलपुर किया रैफर, उपचार के दौरान हुई मौत

मंडला महावीर न्यूज 29. नेशनल हाईवे 30 में वाहनों की रफ्तार पर लगाम नहीं लग पा रहा है। तेज रफ्तार वाहनों से हादसे का अंदेशा बना हुआ है। विगत कुछ दिनों से हाईवे में सड़क हादसे की खबर मिल रही है। इन हादसों पर ब्रेक लगाने संबंधित विभाग नाकाम हो रहा है। बेलगाम भागते वाहन का शिकार मंगलवार को एक बुजूर्ग हो गया। तेज रफ्तार में भागता ट्राला ने एक बुजूर्ग को रौंदते हुए आगे बढ़ गया। हादसे में बुजूर्ग के दोनों पैर ट्राला की चपेट में आ गए। जिसके कारण बुजूर्ग गंभीर घायल हो गया। तत्काल घायल बुजूर्ग को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बीजाडांडी ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद घायल बुजूर्ग को जबलपुर रेफर कर दिया। जहां बुजूर्ग की उपचार के दौरान मौत हो गई। बीजाडांडी पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच कर रही है।

जानकारी अनुसार बीजाडांडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम धनवाही में तेज रफ्तार से जा रहे ट्राला ने मार्ग में चलते बुजुर्ग को कुचल कर फरार हो गया। इस हादसे की जानकारी तत्काल बीजाडांडी पुलिस को दी गई। तत्परता दिखाते हुए बीजाडांडी पुलिस ने कुछ दूर पर ही भागते ट्राला को पकड़ लिया। बताया गया कि बीजाडांडी क्षेत्र के ग्राम खूसर निवासी बुजुर्ग देवी सिंह पिता नेकू सिंह बरकड़े ग्राम धनवाही अपने जीजा के घर आया हुआ था।

बताया गया कि बुजूर्ग देवी सिंह मार्ग पार कर रहा था। इसी दौरान तेज रफ्तार ट्राले ने टक्कर मार दी, जिससे बुजुर्ग देवी सिंह ट्राला की चपेट में आ गया और उसके दोनों पैर ट्राला के नीचे आ गए। जिससे उसके दोनों पैर कुचल गये। गंभीर घायल बुजुर्ग को ग्रामीणों व पुलिस की मदद से बीजाडांडी सामुदायक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहाँ से प्राथमिक उपचार के जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बताया गया कि जबलपुर में उपचार के दौरान घायल बुजूर्ग की मृत्यु हो गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस हादसे की जानकारी तत्काल बीजाडांडी पुलिस को दी और सूचना मिलते ही बीजाडांडी पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए भाग रहे ट्रालीा को पकड़ कर अपनी अभीरक्षा में ले लिया। मामला दर्ज कर जांच कर रही है।



 


बीईओ कार्यालय की लापरवाही-वेतन को तरसते नैनपुर ब्लाक के शिक्षक

  • वेतन ना मिलने पर होली में धरने पर बैठेंगे शिक्षक
  • शिक्षकों की लोन की किस्त जमा नहीं होने से पेनाल्टी बढ़ी, सिविल खराब

मंडला महावीर न्यूज 29. बीईओ कार्यालय नैनपुर में इस माह अब तक शिक्षकों का वेतन जमा नहीं हो पाया, जिसके कारण पर्सनल लोन, होम लोन में फंसे लगभग 80 प्रतिशत शिक्षकों को लोन की किस्त जमा करने में भारी परेशानी हो रही है। बहुत से शिक्षकों की लोन की किस्त समय पर जमा नहीं होने के कारण उन्हें पैनाल्टी देनी पड़ेगी और उनकी सिविल भी खराब हो रही है। इसी तरह पिछले माह भी नैनपुर ब्लाक में वेतन देरी से जमा होने के कारण भी बहुत से शिक्षकों को लोन की किस्त चुकाने में ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा और कुछ शिक्षकों की अनावश्यक वेतन रोकने से विवाद की स्थिति बन गई, लेकिन इसके बावजूद इससे सबक ना लेते हुए इस माह भी वेतन बिल बनाने में लापरवाही की गई, जिसके कारण शिक्षकों की होली बेरंग होने की परिस्थिति निर्मित हो रही है।

ट्रायबल वेलफेयर के प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी ने आरोप लगाया कि पिछले माह के विवादित स्थिति से सबक ना लेते हुए बीईओ कार्यालय द्वारा शिक्षकों के वेतन में फिर लापरवाही की गई। बीईओ नैनपुर से लेखापाल का स्थानांतरण हो जाने के बाद उन्हें तुरंत कार्यमुक्त नहीं किया गया। इसके बाद 25 फरवरी 2025 को वेतन बिल क्रिएट करने के समय उसे कार्यमुक्त किया गया, इसके बाद कार्यालय यदि चाहता तो उसी के सहयोग से वेतन बिल क्रिएट कराकर समय पर वेतन जमा किया जा सकता था, लेकिन ऐसा ना करते हुए वेतन के समय नया क्रिएटर बनाया गया जिसे कम्प्यूटर में वेतन संबंधी काम करने का कोई अनुभव नहीं है।

ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन नैनपुर के वेतन शीघ्र जमा करने के दबाव के बाद कम्प्यूटर के जानकार शिक्षक को वेतन बिल क्रिएट करने के लिए कार्यालय में अटैच किया गया। फिर भी वेतन बिल नहीं बन सका, जिसके कारण कुछ एचआरए हेड में आवंटन खत्म हो गया। जिसके चलते पुन: बिलों में सुधार करके बिल क्रिएट किया जा रहा है। होली के त्यौहार को देखते हुए कार्यालय द्वारा अतिथि शिक्षकों का बिल लगाकर यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि कार्यालय में वेतन का काम चल रहा है।

ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के ब्लाक अध्यक्ष अमरसिंह चंदेला और प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी द्वारा होली पूर्व वेतन जमा ना होने पर होली में धरने में बैठने की धमकी देने के बाद आनन-फानन में कार्यालय के सभी कर्मचारी एक सक्रियता दिखाते हुए स्थानांतरित पुराने लेखापाल के सहयोग बिल क्रिएट कर होली पर्व के पूर्व वेतन जमा कराने की जुगत में लग गए हैं। एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजीव सोनी ने कार्यालय पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि ऐसी ही तत्परता के साथ यदि पहले ही बिल क्रिएट कर लिया जाता तो ना तो किसी हैड में आवंटन खत्म होने की स्थिति बनती, ना ही शिक्षकों की लोन की किस्त में पेनल्टी लगने या सिविल खराब होने की स्थिति निर्मित होती। इस सबके बावजूद यदि किसी कारणवश होली के पूर्व वेतन जमा नहीं होगी तो मजबूरी में हमें बीईओ कार्यालय के सामने होली जैसे पावन पर्व में धरने में बैठने को मजबूर होना पड़ेगा।



 


हॉक फोर्स और नक्सलियों की मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर

  • दो समर्थक गिरफ्तार
  • मुठभेड़ में नक्सलियों ने 125 और पुलिस की ओर से 80 राउंड हुई फायरिंग
  • बालाघाट आईजी ने प्रेस कांफ्रेंस में दी जानकारी

मंडला महावीर न्यूज 29. कान्हा नेशनल पार्क के चिमटा वन क्षेत्र में रविवार दोपहर को पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ हुई। नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना खटिया थाना क्षेत्र के कान्हा नेशनल पार्क में 8 मार्च को मिली थी। नक्सलियों की सूचना मिलते ही हॉक फोर्स ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक पुरूष नक्सली मारा गया। जिसकी शिनाख्त अभी नहीं हो सकी है। मृतक नक्सली का पोस्टमार्टम बम्हनी अस्पताल में किया गया है। अज्ञात मृतक नक्सली के शव को सुरक्षित रखा दिया गया है। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस से संपर्क किया जा रहा है, जिससे शव की शिनाख्त हो सके। नक्सली मुठभेड़ में दो नक्सली के मददगारो को भी हिरासत में लिया गया है जो ग्राम सौतिया और बटवार के रहने वाले है जिनसे पूछ ताछ की जा रही है।

बालाघाट रेंज के आईजी संजय सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेस में बताया कि रविवार को हॉक फोर्स के साथ हुई मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया है। वहीं पुलिस ने दो नक्सल समर्थकों को भी गिरफ्तार किया है। इस घटना क्रम की जानकारी देते हुए आईजी श्री सिंह ने बताया कि 8 मार्च को नक्सलियों की सूचना मिली थी। जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी दौरान पता चला कि दो नक्सल समर्थकों ने नक्सलियों के लिए राशन खरीदा है। यह सामान 9 मार्च को नक्सलियों को दिया जाना था। यह जानकारी मिलते ही हॉक फोर्स ने घटना स्थल पर एंबुश लगाया। जिसके कुछ देर बाद 18 से 20 नक्सली सादे कपड़े और कुछ वर्दी में हथियारों के साथ पहुंच गए। जैसे ही नक्सली राशन लेकर जाने लगे, उसी दौरान सुरक्षा बलों ने उन्हें आत्म समर्पण की चेतावनी दी। जिसके बाद नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी और जवाबी कार्रवाई में एक हॉक फोर्स के हाथों एक नक्सली मारा गया और उसके साथी घने जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल हुए।

दो नक्सल समर्थक और 315 बोर हथियार बरामद 

कान्हा के चिमटा वन क्षेत्र में रविवार को हॉक फोर्स के साथ हुई मुठभेड़ में उनके दो समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार नक्सल समर्थकों में अशोक कुमार वल्को 28 वर्ष निवासी ग्राम बटवार और संतोष कुमार धुर्वे 28 वर्ष ग्राम सौतिया शामिल हैं। क्षेत्र में अन्य नक्सलियों की मौजूदगी की आशंका के चलते सीआरपीएफ और हॉक फोर्स सघन तलाशी अभियान चला रहा है। मुठभेड़ में नक्सलियों की ओर से 125 और पुलिस की ओर से 80 राउंड फायरिंग हुई। मौके पर 315 बोर की बंदूक बरामद की गई है।

सभी जवान सुरक्षित

आईजी संजय सिंह ने बताया की मौके पर अभी सर्चिंग अभियान जारी है, नक्सलियों के छुपने के क्या स्थान हो सकते है, उस आधार पर और फोर्स बढ़ाई जाएगी। इन्होंने बताया की जिस क्षेत्र में सर्च आपरेशन चल रहा था, वो क्षेत्र कान्हा नेशनल पार्क के सफारी जोन से दूर था। उस मार्ग पर होने वाली सफारी पर कुछ देर के लिए रोक लगा दी गई थी, लेकिन ऑपरेशन समाप्त होने के बाद सैलानियों के लिए मार्ग खोल दिए गए। वहीं इस ऑपरेशन में हॉक फोर्स, सीआरपीएफ, एसएएफ और जिला पुलिस बल शामिल रहा। इस अभियान में शामिल जवानों को पूरे ऑपरेशन के दौरान कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।



 

गर्भवती महिलाओं को दी जा रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाए

  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस शिविर आयोजित, गर्भवती महिलाओं की हो रही जांच
  • जच्चा बच्चा की सुरक्षा के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी
  • जिले के हर सीएचसी में तय तारीख को मनाया जा रहा मातृत्व दिवस
  • हाई रिस्क प्रेगनेंसी में महिलाओं को रहता खतरा, रखे विशेष ध्यान
  • गर्भवती महिलाओं की हुई टॉलरेंस टेस्ट

मंडला महावीर न्यूज 29. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रति माह की 09 और 25 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के अंतर्गत गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच कराई जा रही है। जिससे जच्चा, बच्चा स्वस्थ रहे। मातृत्व दिवस शिविर में गर्भवती महिलाओं का एचआईवी, हिमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, यूरीन प्रोटीन, यूरिन क्लॉक एवं एल्बुमिन की जांच की गई।

जानकारी अनुसार आयोजित मातृत्व दिवस शिविर में गर्भवती महिलाओं की प्रसव के पहले ही जांच के दौरान उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान हो जाती है। यदि ऐसी कोई गर्भवती महिला चिन्हित होती है तो ऐसी गर्भवती का प्रसवकाल में विशेष ध्यान रखा जाता है। सीएमएचओ डॉ. केसी सरोते ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के तहत हर महीने की नौ तारीख को जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया जा रहा है। अवकाश तय तिथि में अवकाश होने पर आगामी कार्य दिवस में शिविर का आयोजन किया जाता है। बताया गया कि गर्भवती महिलाओं की जांच के बाद अगर किसी भी महिलाओं में एंबनॉर्मल भू्रण या गर्भाशय में किसी प्रकार की शिकायत रहने पर उसे पहले अच्छे स्वास्थ्य सेवा के लिए बेहतर अस्पताल भेजा जाता है, जिससे प्रसव के समय महिलाओं को कोई परेशानी ना हो। मातृत्व दिवस अभियान के अंतर्गत सभी सुविधाएं सरकार द्वारा नि:शुल्क दी जा रही है।

गर्भवती महिलाओं का किया ओजीटीटी 

नर्सिंग ऑफीसर मोनिका उइके ने बताया कि मातृत्व दिवस में गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की जांच भी प्रमुखता से की जा रही है। यह ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट यानी ग्लूकोज सहनशीलता परीक्षण है। यह एक लैब टेस्ट है। इस टेस्ट से पता चलता है कि शरीर बड़ी मात्रा में चीनी को कितनी अच्छी तरह से संसाधित कर सकता है। यह टेस्ट अक्सर मधुमेह के निदान के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के लिए गर्भवती महिला को ग्लूकोज वाला पानी पिलाया जाता है। जिसके करीब दो घंटे बाद रक्त का नमूना लेकर शरीर में शर्करा के स्तर की जांच की जाती है। गर्भवती महिला को दिया जाना वाला ग्लूकोज का शरबत बनाने के लिए 300 एमएल पानी में 75 ग्राम ग्लूकोज मिलाकर बनाया जाता है, जिसे टॉलरेंस टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।

गर्भवती महिलाओं की हो रही जांचे 

शिविर में सभी गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण में हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी, ब्लड प्रेशर, सिकलिंग समेत तमाम जांच नि:शुल्क की जा रही हैं। जांच के आधार पर उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान की जाती है। ऐसी गर्भवती को चिन्हित कर प्रसव के लिए उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए रेफर किया जाता है। उन्होंने बताया हर स्वास्थ्य केन्द्र पर गर्भवती के पंजीकरण का प्रावधान है।

गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच जरूरी 

कुछ वनांचल और दूरस्थ क्षेत्रों की गर्भवती महिलाएं पंजीकरण तो करा लेती हैं लेकिन जांच के लिए केन्द्र पर नहीं पहुंच पाती हैं, सीधे प्रसव के समय उनके परिजन उन्हें स्वास्थ्य केन्द्र लेकर आते हैं। पूर्व की बिना जांच के जोखिम की स्थिति को तय कर पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार जोखिम की स्थिति में केन्द्र पर ही प्रसव कराना पड़ता है या उन्हें जब उच्च चिकित्सा केन्द्र ले जाने की सलाह दी जाती है तब तक जोखिम काफी बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में गर्भवती के लिए बहुत घातक हो जाती है।

जोखिम गर्भावस्था से बचें गर्भवती महिलाएं 

नारायणगंंज सीएचसी प्रभारी सीबीएमओ डॉ. एएल कोल ने बताया कि उच्च जोखिम गर्भावस्था या हाई रिस्क प्रेगनेंसी उसे कहते हैं जिसमें मां और शिशु दोनों में सामान्य गर्भावस्था की तुलना में अधिक जटिलता विकसित होने की संभावना होती है। ऐसी महिलाओं को अन्य सामान्य गर्भवती के मुकाबले ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉ. एएल कोल ने बताया गया कि माह की प्रत्येक 09 व 25 तारीख को स्वास्थ्य केन्द्रों में सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। इसका लाभ सभी गर्भवती महिलाओं को लेना चाहिए। जिससे संस्थागत सुरक्षित प्रसव हो सके और जच्चा और बच्चा सुरक्षित रहे।



थाना कोतवाली ने 119 लीटर अंग्रेजी, देशी शराब की जप्त

  • सफेद रंग की आई 20 स्पोर्ट कार में ले जा रहे थे शराब

मंडला महावीर न्यूज 29. थाना कोतवाली पुलिस की अंग्रेजी शराब के परिवहन के विरुद्ध कार्रवाई की गई। एक्साईज एक्ट की धारा 34(2) के मामला पंजीबद्ध किया गया है। सोमवार को 5 बजे प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर पुलिस ने बताया कि रविवार की रात में हुई कार्रवाई में में 119 लीटर शराब व परिवहन में प्रयुक्त वाहन जब्त किया है। कुल 6.06 लाख का मसरूका जब्त किया गया है। बताया गया कि 14 पेटियों में रखी 119 लीटर अंग्रेजी व देशी शराब एवं एक सफेद रंग की आई 20 कार जब्त की गई है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 9 मार्च की रात थाना कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि रोहन विरानी निवासी झूला पूल महात्मागांधी वार्ड अपने एक सफेद रंग की आई 20 स्पोर्ट कार में काफी मात्रा में शराब कहीं से लेकर आ रहा है। थाना प्रभारी कोतवाली के नेतृत्व में पुलिस टीम मुखबीर के बताए स्थान पर सुचना की तस्दीक की। बताए गए स्थान घर के सामने एक कार दिखी जिसमें काफी मात्रा में शराब रखी मिली। आरोपी रोहन विरानी वहीं कार के पास खड़ा था जिसे अभिरक्षा में लेकर शराब के संबंध में पूछताछ किया गया।

जिसने कार में रखी शराब को बरेला से एक अज्ञात व्यक्ति से अपनी कार में लेकर आना बताया, उक्त कार की सर्चिंग करने पर जिसके पीछे डिक्की में तथा बीच वाली सीट में कुल 14 पेटी में रखी 119 लीटर शराब किमती 1 एक लाख 6 हजार 500 रुपए एवं सफेद रंग की आई 20 स्पोर्ट कार किमती 5 रुपए विधिवत् जब्त कर आरोपी रोहन विरानी पिता रुपचंद विरानी 24 वर्ष, निवासी महात्मागांधी वार्ड के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


 


कम खर्च में प्राकृतिक खेती से बढ़ा उत्पादन

  • जंगल की पत्तियों से बनाते है कीट निवारक दवाई और खाद
  • श्यामा बाई ने सुधारी अपनी आर्थिक स्थिति
  • अपने अनुभव से ग्राम के अन्य महिला किसानों को कर रही प्रेरित

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले की महिला किसान अपनी आर्थिक स्थिति बदलने दृढ़ संकल्पित है। कुछ सीखने की चाह और नई तकनीकी के जरिए प्राकृतिक खेती में अपनी समझ बढ़ा रही है। जिससे महिला किसान पहले से ज्यादा उत्पादन करके अपनी आर्थिक स्थिति बदल रही है। एक ऐसी ही महिला किसान जिले के ग्राम चंगरिया की है, जो प्राकृतिक शुरू करके पहले से ज्यादा उत्पादन कर रही है।

जानकारी अनुसार ग्राम चंगरिया निवासी श्यामा बाई मार्को पति प्रताप सिंह मार्को चंगरिया के मुनगा टोला की महिला सभा की सदस्य है। इन्होंने समय समय पर ग्राम में होने वाली महिला सभा की बैठक, समिति की बैठक,किसान खेत पाठशाला के प्रशिक्षण में जाकर प्राकृतिक खेती के विषय में प्रशिक्षण लेकर अपनी समझ को बढ़ाया। इसके साथ ही इस तकनीक को अपने खेत में प्रयोग करना शुरू किया। श्यामा बाई ने इसके लिए देशी धान का संरक्षण, बीज उपचार, बाड़ी जमीन में बायोचार खाद डाल कर जमीन की उर्वरक शक्ति को बढाया और उस खेत में मक्का को लाइन विधि से बुवाई की। जिससे उसका उत्पादन पहले से जयादा हुआ। श्यामा बाई ने बताया कि प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले घनजीवामृत, द्र्वजीवामृत जैसे कीट निवारक खाद का निर्माण कर इसका उपयोग खेतो में किया। जिससे धान की फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई।

जंगल की पत्तियों से बनाते हे कीट निवारक खाद 

श्यामाबाई मार्को ने बताया की पहले 1 एकड़ में 5 बोरा धान होता था जब से प्राकृतिक खेती करने लगे है तब से धान का उत्पादन 1 एकड़ में 6 बोरा होने लगा है। प्रति एकड़ 1 बोरा की बढ़ोतरी हुई है। इसी प्रयोग को आगे बढ़ाते हुए किचन गार्डन में होने वाली फसलो में पहले बहुत सारी बीमारी लगती थी, जिसमें बहुत सारे पौधे मर जाते थे और जो पौधे जीवित बच जाते उनके लिए बाजार से दवाई लाना पड़ता था। जिसमें ज्यादा पैसा खर्च होता था। लेकिन प्राकृतिक खेती के मध्यम से जंगल के अनेक प्रकार की पत्तियों से कीट निवारक खाद एवं दवा बना कर छिड़काव करने से किचन गार्डन की फसले पहले की अपेक्षा अच्छा उत्पादन दे रही है।

प्राकृतिक खेती के लिए कर रही प्रेरित 

श्यामाबाई ने बताया की जिस प्रकार से उन्होंने स्वयं अपने खेतो में प्राकृतिक खेती को अपना कर लाभ लिया है और अपने अनुभव को गाँव की अन्य महिला किसानो को भी सिखाते हुए उन्हें प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करती है। जिसके बाद ग्राम की अन्य और भी महिलाएं प्राकृतिक खेती को अपनाने लगी है। महिला किसान अब जंगल, जमीन जल, जन और जानवर को एक साथ आपसी समंजस्य बना कर प्राकृतिक खेती करने की समझ बढ़ाकर कम खर्चे में प्राकृतिक खेती करना शुरू किया है। ये जंगल से अलग- अलग पत्तियों के द्व्रारा कीट निवारक दवाई एवं खाद बनाती है, जिसका उपयोग खेती में करते है और जंगल में जाने वाले मवेशियों के कारण जगल को भी खाद मिल जाता है, जिससे जंगल में उगने वाले पेड़ पौधे को पोषक तत्व मिलता है। प्राकृतिक खेती करने के लिए हमारे आस पास के वातावरण को संतुलित बनाये रखने की जरुरत है।

इनका कहना है

जब से प्राकृतिक खेती कर रही हूँ, खेती की लागत कम हो गई है, अभी वर्तमान समय में प्राकृतिक खेती करने से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, इसके साथ ही में गांव की और भी महिला किसानो को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही हूँ। जंगल के बिना प्राकृतिक खेती की कल्पना नहीं की जा सकती इसलिए जंगल को भी बचाना भी अवश्यक है।


श्यामाबाई मार्को, किसान



महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने लिया संकल्प

  • महिला दिवस में इनर व्हील क्लब ने किए विविध आयोजन

मंडला महावीर न्यूज 29. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इनर व्हील क्लब मंडला द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नृपिका पथरिया खातोड़कर रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत क्लब की सभी महिलाओं के सम्मान और पुरस्कार वितरण के साथ हुई। महिलाओं के शारीरिक और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया, जिसमें उनकी प्रतिभा के आधार पर पुरस्कार भी वितरित किए गए।

भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए क्लब की सभी महिलाओं ने गुलाबी साड़ी पहनकर आयोजन में भाग लिया और जागरूकता यात्रा अभियान रैली भी निकाली। इनर व्हील क्लब का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सेवा है, इसी क्रम में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता रैली आयोजित की गई। इस दौरान आम महिलाओं को एचपीवी वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक करने के लिए पंपलेट वितरित किए गए।

इस अवसर पर डॉ. नृपिका पथरिया खातोड़कर ने क्लब की सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर एवं वैक्सीनेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं। कार्यक्रम में क्लब अध्यक्ष मोना जैन, सचिव श्रद्धा तपा सहित क्लब की सभी सदस्याएं उपस्थित रहीं, जिनमें प्रमुख रूप से रूबी तपा, अनुराधा चौरसिया, दीपा खंडेलवाल, अनीता चंद्रोल, प्रिया पमनानी, किरण पमनानी, त्रिवेणी पटेल, तृप्ति गोयल, गीता काल्पीवार, जया सराफ, सीमा अग्रवाल, डॉ. अंजू मरावी, अनीता राय, कमला बानी आदि शामिल थीं। कार्यक्रम का समापन महिलाओं को सामाजिक जागरूकता के प्रति प्रेरित करने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ हुआ।


चुटका के ग्रामीणों ने नि:शुल्क बस सेवा को लौटाया बेरंग

  • एक दिन पहले कैबिनेट मंत्री और सांसद ने दिखाई थी हरी झंडी

मंडला महावीर न्यूज 29. प्रदेश शासन की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने न्यू क्लीयर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना अंतर्गत संचालित नि:शुल्क बस सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह बस सेवा चुटका परियोजना प्रभावित ग्राम चुटका से आर एण्ड आर कॉलोनी गोंझी रैयत मंडला तक नि:शुल्क बस सेवा प्रारंभ की गई थी, लेकिन जैसे ही यह बस ग्राम पहुंची तो ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया।


जानकारी अनुसार रविवार को मंत्री सम्पत्तिया उईके, सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय कुशराम, कलेक्टर सोमेश मिश्रा और मंडला नपा अध्यक्ष विनोद कछवाहा ने चुटका परियोजना द्वारा प्रदत्त चुटका से गोंझी पुनर्वास स्थल तक नि:शुल्क बस सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था, लेकिन इसकी जानकारी चुटका के ग्रामीणों नहीं दी गई थी और ना ही उनसे सहमति ली गई थी। जैसे ही यह बस सोमवार सुबह गांव पहुंचा तो महिला, पुरुष एकजुट हो गए और बस को तत्काल वापस करा दिया।

चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति के दादु लाल कुङापे ने बताया कि विगत शुक्रवार को मंडला कलेक्टर ग्राम चुटका भ्रमण पर पहुंचे थे। जहां उन्हें चुटका ग्राम सभा द्वारा पारित 26 बिन्दुओं के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी। सभी को स्पष्ट कर दिया गया है कि 26 बिन्दुओं पर कार्यवाही पूर्ण हुए बिना गांव खाली नहीं किया जाएगा। महिला मोर्चा संघर्ष समिति की अध्यक्ष मीरा बाई मरावी ने कहा कि परियोजना वाले ग्राम के लोगों को बहला फुसलाकर गांव खाली कराना चाहते हैं, जो सफल नहीं होने वाले है, क्योंकि हम बरगी बांध में सरकार के झूठे वादों की त्रासदी झेल रहे हैं। वाहन वापस जाने के बाद गांव की महिला, पुरुष ने एक पंचनामा बनाया कि बस भेजने को लेकर हमारी ग्राम सभा और न ही पाठा पंचायत ने कोई प्रस्ताव दिया है। यह पांचवीं अनुसूची और पेसा नियमों का उल्लघंन है।



संविदा कर्मचारियों को चार माह से नहीं मिला वेतन

  • लिपिकीय त्रुटि से पद परिवर्तन के कारण आ रही समस्या
  • समस्या का शीघ्र निराकरण कराने कलेक्टर से की मांग

मंडला महावीर न्यूज 29. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत मंडला जिले में नियमित संविदा कर्मचारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। जिसमें चार माह से वेतन न मिलने की समस्या से अवगत कराते हुए होली के पहले वेतन दिलाने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार कैलाश सोनी एलटी, कमलेश सिंह फार्मासिस्ट, किरण कुमार चौहान एलटी मोहगांव, कृष्णकुमार राठौर फार्मासिस्ट घुघरी, शरद राय फार्मासिस्ट नैनपुर, धानेन्द्र सिंह एलटी पिंडरई, दिनेश कुमार हठीले मवई, मनोज दुबे, श्याम सिंह सैयाम को विगत चार माह से वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे बच्चो की पढ़ाई इलाज एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो पा रही है।


जिले के उक्त कर्मचारियों का कहना है कि आईएफएमएस पोर्टल में लिपिकीय त्रुटि से पद परिवर्तन करने के कारण उक्त समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उक्त समस्याओं का निराकरण शीघ्र कराने के लिए मध्यप्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने उक्त समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से कराने की मांग की है।


 


हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, एक नक्सली ढेर

  • मंडला, बालाघाट सीमा में चिमटा फॉरेस्ट कैंप में तैनात है सुरक्षा बल
  • पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी
फाईल फोटो

मंडला महावीर न्यूज 29. मंडला और बालाघाट जिले की सीमा में कान्हा चिमटा फॉरेस्ट कैंप में हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में हॉक फोर्स ने एक नक्सली को ढेर कर दिया है। सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन अंधेरा होने के बाद भी जारी है। इलाके में और भी नक्सलियों की मौजूदगी की आशंका के चलते पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने फोन पर चर्चा में एक नक्सली के मौत की पुष्टि की है, जो दूर दिखाई दे रहा है। जिसकी पहचान नहीं हुई है। जहां तक पुलिस व सुरक्षा बल नहीं पहुंच पाया है।

जानकारी अनुसार दोनों तरफ से फायरिंग जारी है और मुठभेड़ चल रही है। अंधेरा होने के बाद सर्च ऑपरेशन भी पूरे इलाके में चलाया जा रहा है। बता दे कि जिले में लंबे समय से नक्सली अपनी उपस्थिति जंगलों में देते रहे हैं। यहां छोटी वारदातों को अंजाम देने के बाद ये नक्सली भाग जाते हैं। जिले में पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ पहले भी हुई है। जिसमें जिले की पुलिस को सफलता भी मिली है।

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दोपहर से चल रही मुठभेड़ 

जंगल में सर्चिंग के दौरान हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ दोपहर से शुरू हुई. नक्सलियों के फायरिंग करने पर हॉक फोर्स के जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की है। यह मुठभेड़ फारेस्ट कैंप कान्हा नेशनल पार्क खटिया मोचा के पास बताया जा रहा है। दोपहर शुरू हुई यह मुठभेड़ में दोनों तरफ से फायरिंग जारी है।



बुलेट सवार तीन युवक ओवर टेक के हुए शिकार, तीन की मौत

  • नेशनल हाईवे 30 कुड़ामैली की घटना, अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर

मंडला महावीर न्यूज 29. मंडला से जबलपुर नेशनल हाईवे 30 मार्ग नारायणगंज कुड़ामैली के पास बुलेट में जबलपुर की तरफ जा रहे तीन युवक अज्ञात वाहन की टक्कर से हादसे का शिकार हो गए। हादसे में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई और एक युवक गंभीर घायल हो गया था। घटना की जानकारी तत्काल टिकरिया पुलिस और 108 एम्बुलेंस को दी गई। जानकारी मिलते ही एम्बुलेंस और पुलिस घटना स्थल पर पहुंची। जहां घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणगंज ले जाया गया। जहां गंभीर घायल एक युवक को प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल मंडला रेफर कर दिया गया। घायल युवक की गंभीर हालत को देखते हुए मंडला जिला चिकित्सालय में चिकित्सक ने युवक को जबलपुर मेडिकल रैफर कर दिया। युवक की हालत ज्यादा गंभीर थी। जिसकी उपचार के दौरान जबलपुर में मृत्यु हो गई। टिकरिया पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे की जांच कर रही है।

जानकारी अनुसार नेशनल हाईवे 30 मंडला जबलपुर मार्ग में नारायणगंज टिकरिया थाना क्षेत्र में शनिवार देर रात कुड़ामैली के पास एक अज्ञात वाहन ने बुलेट सवार तीन युवकों को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे के बाद अज्ञात वाहन मौके से फरार हो गया। हादसे में बुलेट सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इनके साथ का एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसके प्राथमिक उपचार के बाद मंडला रैफर कर दिया गया। मंडला जिला चिकित्सालय से भी युवक की गंभीर स्थिति को देखते हुए जबलपुर रैफर कर दिया गया। जहां गंभीर घायल युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई।

बताया गया कि हादसे में मृतकों की पहचान मंडला राजीव कॉलोनी निवासी जुनैद और बम्हनी निवासी प्रद्युम्न के रूप में हुई है। वहीं हादसे में गंभीर घायल हुआ तीसरा युवक जुबैर खान है, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई है। टिकरिया थाना प्रभारी गोपाल घासले ने बताया कि तीनों युवक वाहन मैकेनिक थे। तीनों युवक वाहनों के पार्ट्स खरीदने के लिए मंडला से जबलपुर जा रहे थे। इसी दौरान हादसे का शिकार हो गए। हादसा कुड़ामैली के पास तब हुआ, जब युवक अपनी बुलेट को एक वाहन को ओवरटेक कर रही थी। ओवरटेक के दौरान सामने से आ रहे वाहन से जोरदार टक्कर बुलेट की हो गई। हादसा काफी भयावह था, हादसे में मौके पर ही दो की मौत हो गई थी। वहीं तीसरा युवक की भी उपचार के दौरान मौत हो गई। दो युवकों का पोस्टमार्टम नारायणगंज सीएचसी में रविवार को किया गया। पीएम के बाद शव परिजनों को सौप दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और अज्ञात वाहन की तलाश कर रही है।



सड़क हादसे के बाद जागा प्रशासन

  • पुलिस द्वारा ट्रैक्टर्स की चैकिंग के लिए चलाए जा रहा विशेष चेकिंग अभियान
  • 2 लाख 62 हजार 400 का समन शुल्क वसूल किये

मंडला महावीर न्यूज 29. विगत दिनों सड़क हादसे में हुई युवक की मौत के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने सड़क पर कार्रवाई तेज कर दी है जिला प्रशासन ने ट्रैक्टर पर मुख्यालय में प्रवेश बंद कर दिया है। रात 10 बजे के बाद ही ट्रैक्टर जिला मुख्यालय में प्रवेश कर सकेंगे। प्रशासन के आदेश के बाद जिले के लोगों ने राहत की सांस ली है क्योंकि ट्रैक्टरों की धमा चौकड़ी से राहगीरों में हमेशा भय का माहौल बना रहता था। तेज रफ्तार और नाबालिकों के हाथ में ट्रैक्टर से हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता था। मुख्यालय में ट्रैक्टरों के प्रवेश पर प्रतिबंध से शहर वासी तो खुश है लेकिन ट्रैक्टर के कारोबार से जुड़े लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।


बताया गया कि पूर्व में हुए कई हादसों से सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन भी अब सक्रिय नजर आ रहा है और जिले के पुलिस के समस्त थाना एवं चौकियों द्वारा ट्रेक्टर एवं ट्रॉली की चैकिंग के लिए विगत 03 दिवस में सघन चैकिंग की गई। जिसमें थाना प्रभारी चौकी प्रभारी सहित मैदानी स्तर के समस्त अधिकारियों द्वारा अपने अपने थाना क्षेत्र में विशेष चैकिंग अभियान चलाया गया। उक्त चैकिंग अभियान का मुख्य उद्देश्य वाहनों को चेक करके उन पर नंबर प्लेट लगवाना, ड्राइवर लाइसेंस, इंश्योरेंस, नाबालिक द्वारा ना चलाना, ओवर स्पीडिंग रोकना आदि देखते हुए चालान किए गए।

बताया गया कि पुलिस टीम द्वारा विशेष अभियान के दौरान रेडियम भी लगवाया गया। अभियान के दौरान ट्रैक्टर एसोसिएशन के द्वारा आगामी 15 दिवस में सभी नियमों का पालन करवाना सुनिश्चित करने का पुलिस को आश्वासन दिया गया है। जिससे दुर्घटनाओं में कमी आए। उक्त विशेष के दौरान अलग अलग पुलिस टीम द्वारा 909 वाहनों की चैकिंग कर यातायात नियमों का पालन न करने वाले 546 वाहनों पर चालानी कार्यवाही में 2 लाख 62 हजार 400 का समन शुल्क वसूल किये गयें। पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने बताया कि लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।



मंडला पुलिस ने भरण-पोषण राशि न चुकाने वाले 11 आरोपियों को किया गिरफ्तार

  • न्यायालय में किया पेश, 31 मार्च तक चलाया जाएगा हेल्पिंग हैण्ड अभियान

मंडला महावीर न्यूज 29. मध्यप्रदेश पुलिस ने हेल्पिंग हैंड अभियान की शुरुआत की है। अभियान पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश कैलाश मकवाणा के नेतृत्व में 01 से 31 मार्च तक चलाया जाएगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य कुटुंब न्यायालयों से प्राप्त भरण-पोषण के प्रकरणों में जारी वारंटों का त्वरित निष्पादन करना है। इसके साथ ही महिलाओं को भरण-पोषण के मामलों में आने वाली प्रक्रियात्मक बाधाओं को दूर करना इस अभियान का प्रमुख लक्ष्य है।

बताया गया कि पुलिस अधीक्षक मंडला द्वारा सभी थाना और चौकी प्रभारियों को न्यायालय से भरण पोषण के मामले में प्राप्त समंस व वारंटो को तामिल करने के लिए निर्देशित किया गया। इसके साथ ही विशेष अभियान के दौरान अदम तामील समंस वारंट की तस्दीक के लिए अनुभाग के पुलिस अधिकारियों को तस्दीक में अदम तामील के कारण का पता कर उनकी तामीली के लिए हर संभव प्रयास करने निर्देश दिये गए है।

11 वारंट तामील किये 

बताया गया कि समंस एवं वारंट की तामिल के लिए जिला एवं थाना स्तर से गठित टीम द्वारा प्रयास करते हुए 11 वारंट तामिल किये गए है। जिसमें थाना कोतवाली द्वारा 04 वारंट, थाना बम्हनी बंजर द्वारा 01, थाना नैनपुर द्वारा 02, थाना बिछिया द्वारा 01 वारंट, थाना मोहगांव द्वारा 01 एवं थाना बीजाड़ांडी द्वारा 02 वारंटी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया।



33.50 लीटर देशी एवं विदेशी शराब और दो पहिया वाहन जब्त

  • चौकी हिरदेनगर पुलिस की शराब के विरूद्ध कार्यवाही

मंडला महावीर न्यूज 29. चौकी हिरदेनगर पुलिस द्वारा अवैध शराब पर कार्रवाई की है। चौकी प्रभारी हिरदेनगर उप निरीक्षक विकाश सिंह तोमर ने टीम गठित कर अवैध शराब परिवहन करते आरोपी कृष्ण कुमार पिता रामप्रसाद पटेल 54 वर्ष निवासी सरदार पटेल वार्ड नंबर 16 मंडला से जप्त किया गया है। बताया गया कि आरोपी स्कूटी एक्टीवा में अवैध शराब सामने एक थैले में रखकर ले जा रहा था।

बताया गया कि आरोपी के पास से देशी प्लेन शराब 50 पाव 180 एमएल के तथा बियर हन्टर की 12 बाटल 750 एमएल की तथा दुसरे थैले में रायल स्टेज शराब की 03 बाटल 750 एमएल की व ओल्ड मन्क शराब की 03 बाटल 750 एमएल की गोवा शराब के 25 पाव 180 एमएल, बकार्डी ब्लेक शराब के 24 पाव 180 एमएल के कुल शराब 33 लीटर 570 एमएल कीमत करीब 24 हजार 800 रुपये एवं एक स्कूटी एक्टिवा की कीमत करीबन 80 हजार रुपये समेत कुल मसरूका 1 लाख 4 हजार 800 रुपये का जप्त किया गया है। आरोपी के विरूद्ध धारा 34(ए) आबकारी एक्ट के तहत कायम किया गया है। कार्यवाही में उप निरीक्षक विकाश सिंह तोमर की टीम जिसमें सहायक उपनिरीक्षक दुर्गा प्रसाद बिसेन, आरक्षक आनंद गौतम शामिल रहें।


वर्षो से कच्चे मार्ग से कर रहे थे आवागमन, अब मिलेगी सुविधा

  • पडरिया से नारायणगंज पहुंच मार्ग का निवास विधायक ने किया भूमिपूजन

मंडला महावीर न्यूज 29. मंडला जिले की जनपद पंचायत नारायणगंज अंतर्गत ग्राम पंचायत पडरिया में पडरिया से नारायणगंज पहुंच मार्ग कई वर्षों से जर्जर और कच्चा था। जिसके कारण ग्रामीणों को बारिश के समय आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। जिसके लिए ग्रामवासी कई बार आवेदन, निवेदन भी कर चुके थे, लेकिन यहां के जनप्रतिनिधियों का इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं था। मार्ग की इस समस्या से यहां के ग्रामीण वर्षो से परेशान थे, लेकिन अब इस समस्या से जल्द ही पडरिया के वंशिदो को निजात मिल जाएगा। अब निवास विधायक चैनसिंह बरकड़े द्वारा अपनी विधायक निधि से यहां के मार्ग का निर्माण कराया जाएगा। जिसका भूमिपूजन किया गया है।

जानकारी अनुसार वर्षाे से पडरिया से नारायणगंज मुख्यालय पहुंच मार्ग कच्चा था। जिससे काफी परेशानी ग्रामीणों को उठानी पड़ती थी। अब इस मार्ग का पक्का निर्माण किया जाएगा। इस मार्ग निर्माण के लिए विधायक निधि से 10 लाख रूपए की राशि निवास विधायक चैन सिंह बरकड़े द्वारा दी गई है। जिसका भूमिपूजन विधायक चैनसिंह बरकड़े द्वारा किया गया है। इस दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि के अलावा ग्राम पंचायत, स्थानीय प्रशासन मौजूद रहा। भूमिपूजन के बाद स्थानीय ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे और ग्रामीणों ने विधायक का आभार व्यक्त किया।

भूमिपूजन कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष मांगन लाल सोनी, रघुनंदन विश्वकर्मा, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राजुल ज्योतिषी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष रितेश सोनी(टिंकल), नगर अध्यक्ष रूपेश अग्रवाल, विपिन रामकुमार सोनी, विपिन छत्रपाल सोनी, संदीप सोनी, गुन्ना सिंगरौरे, ग्राम पंचायत पडरिया सरपंच राजकुमार तेकाम, सचिव हरदयाल मरावी, हिरदेश साहू, बलराम साहू, सुरेंद्र सोनी,रु कमणी रामकुमार साहू, प्रताप सिगरौरे, मुकेश सोनी, राममिलन चौकसे, सत्तू सोनवानी, राजकुमारी, राजा राम कुडापे, राजेश सिगरौरे, बसंत चौकसे समेत स्थानीय व कांग्रेसी नेता उपस्थित रह।



 


59 लाख के तालाब में बूंद भर पानी नहीं

  • गुणवत्ताविहीन कार्य का आरोप
  • ग्राम पथरी के समूह को किया गया था आवंटित
  • गुणवत्ताविहीन कार्य के जांच की मांग

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले में शासकीय निर्माण कार्यो में हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है। जिसका खामियाजा जिले के वंशिदों को भुगतना पड़ता है। यदि शासन की राशि का सद्उपयोग लोगों को ना मिल सके तो, ऐसे में शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन कैसे संभव होगा। शासकीय अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, ग्राम पंचायत शासकीय राशि का ऐसे बंदरबांट करते नजर आते है, जिसका लाभ तो क्षेत्रवासियों को नहीं मिलता, लेकिन यह लाभ उनके हित में जरूर होता है। ऐसे ही अनेक मामले जिले में देखने मिल जाएगे। जहां शासकीय निर्माण कार्यो में जमकर गुणवत्ताविहीन, औचित्यहीन और अनुपयोगी कार्य कर शासकीय राशि की होली खेली जाती है।

जानकारी अनुसार लापरवाही और गुणवत्ताविहीन कार्य की भेंट चढ़े कार्य का एक ऐसा ही मामला एक बार फिर मंडला जिले के नारायणगंज की ग्राम पंचायत बरबटी के ग्राम पथरी का सामने आया है। जहां क्षेत्र के लोगों के लिए विगत वर्ष 2022-23 में 59 लाख रूपए की लागत से अमृत सरोवर तालाब बनाया गया था, जिससे इस तालाब से सिंचाई, मछली पालन और सिंघाड़े लगाकर आर्थिक उन्नति कर सके, लेकिन गुणवत्ताविहीन कार्य के कारण इस अमृत सरोवर तालाब कोई काम नहीं आ रहा है। इस तालाब में एक बूंद पानी नहीं है। जिससे लाखों खर्च कर बनाया गया यह अमृत सरोवर तालाब कोई काम का नहीं है। गुणवत्ताविहीन बनाए गए अमृत सरोवर तालाब पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है।

ग्राम पथरी के ग्रामीणों ने बताया कि बनाए गए अमृत सरोवर तालाब में बूंद भर पानी नहीं है। बनाए गए इस तालाब से ग्रामीण दैनिक उपयोग के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। शासन के लाखों खर्च करने के बाद भी इस अमृत सरोवर तालाब में बूंद भर पानी नहीं है। इस तालाब का ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। इस निर्माण कार्य में विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार से सांठगांठ के चलते अमृत सरोवर तालाब का घटिया निर्माण कार्य किया गया है।

लाखों के तालाब का अधूरा काम 

बताया गया कि ग्राम पथरी में वर्ष 2022-23 में अमृत सरोवर का निर्माण कराया गया था। जिसमें समूह के माध्यम से तालाब में मछली पालन और सिंघाड़े की खेती की जानी थी, इसके साथ इस अमृत सरोवर का लाभ क्षेत्र के किसानों को सिंचाई समेत अन्य दैनिक उपयोग के लिए होता, लेकिन इस तालाब को ऐसा बनाया गया कि इसमें एक बूंद पानी आज नहीं है। शासन के लाखों खर्च करने के बाद ग्राम के विकास पर प्रश्र चिन्ह लग गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तालाब में पानी होने से ग्राम के पशुओं को पानी मिल जाता, लेकिन सरोवर का घटिया निर्माण कार्य कराया गया है। जिससे पानी नही रूक रहा हैं। किसानों को सिंचाई एवं दैनिक उपयोग के पानी के लिए अब भी ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस अमृत सरोवर तालाब निर्माण के लिए गांव में जो सूचना बोर्ड लगाया है, उसमें सरोवर 59 लाख की लागत से बनाया जाना था, जिसमें सामग्री के लिए 34.14 लाख रूपये खर्च किए जाने थे और मजदूरी के लिए 24.86 लाख रूपए थे। निर्माण एजेंसी आरईएस और ठेकेदार ने मिली भगत से सरोवर के नाम पर होली खेलकर काम भी पूरा नहीं किया है।

समूह के नाम से आवंटित हुआ था तालाब 

समिति के सदस्य रतन सिंह ने बताया कि अमृत सरोवर तालाब निर्माण ग्राम पथर्री में समूह के अघनूसिंह धुर्वे, रतनसिंह मरावी, गंगाराम मसराम, सुपालसिंह धुर्वे, सुक्खूसिंह धुर्वे, चैनसिंह धुर्वे, सुम्मतसिंह धुर्वे, शाहमेन धुर्वे, प्रभुसिंह, बबलू, लम्मूसिंह मार्को, रम्मूलाल धुर्वे समेत अन्य सदस्यों के समूह को मछलीपालन एवं सिंचाई के लिए आवंटन में दिया गया था, लेकिन इस तालाबा में पानी के न रूकने के कारण तालाब सूखा पड़ा है। मौके में तालाब के नाम से एक मेढ डाल दी गई है, जिसमें एक बंूद पानी नही है।

फर्जी मस्टररोल से निकाल ली राशि 

ग्रामीणों ने आरोप लगाए है कि तालाब निर्माण कार्य के दौरान वनग्राम कुई के ग्रामीणों के नाम पर फर्जी मस्टर रोल भरा गया है। यहां निर्माण कार्य में सिर्फ पथरी के ग्रामीणों ने ही काम किया है लेकिन फर्जी मस्टररोल भरकर राशि का आहरण किया गया है। ग्राम पंचायत के सरपंच भगतसिंह कुशरे, उपसरपंच हरिलाल धुर्वे पंच ओमबाई, लम्मूसिंह सैयाम, रूकमणी सैयाम सुरेश कुसरे, प्रीति धुर्वे ने अमृत सरोवर में हुई लीपापोती की जांच की मांग की है।



 


आये थे एक दूसरे को तलाक देने, फिर हो गए एक

  • न्यायधीश की समझाईश के बाद दो दंपत्ति का जोड़ा टूटने से बचा
  • 3 वर्षो से अलग रह रहे दंपति और भरण पोषण के मामले को नेशनल लोक अदालत ने कराया एक
  • बैंक के 650 प्रकरणों में से 113 प्रकरण निराकृत, 17 लाख 22 हजार 557 रूपए किए वसूल

मंडला महावीर न्यूज 29. कहते है कि जोडिय़ां ऊपर वाला बनाकर भेजता है, यह कहावत निवास में आयोजित नेशनल लोक अदालत में चरितार्थ हुई, जब एक दंपत्ति एक दूसरे को तलाक देने के लिए लोक अदालत में पहुंचे। यहां न्यायधीश की समझाईश के बाद यह दंपत्ति एक दूसरे को तलाक देने के वजाए फिर एक हो गए। निवास विकासखंड में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंडला सचिव तपन धारगा के मार्गदर्शन मे नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

बताया गया कि तहसील विधिक सेवा समिति निवास में जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में नेशनल लोक अदालत का मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ किया गया। जिसमें सभी प्रकार के राजीनामा योग्य मोटर व्हीकल के प्रकरण, आपराधिक प्रकरण, सिविल प्रकरण, भरण-पोषण, चेक बाउंस, पारिवारिक, वैवाहिक मामले, न्यायालय के प्रकरण के साथ बैंक के प्री – लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया।

जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि तहसील न्यायालय में नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। जिसमें सभी समझौते योग्य प्रकरणों के निराकरण के लिए 2 खंडपीठों का गठन किया गया। जिसमें आपसी सुलह के आधार पर राजीनामा किया गया। उन्होंने बताया कि इस बार की नेशनल लोक अदालत में प्री लिटिगेशन प्रकरणों में बैंक के 650 प्रकरणों में से 113 प्रकरण निराकृत हुए। जिसमें वसूली राशि 17 लाख 22 हजार 557 रूपए प्राप्त हुए, वही नगर परिषद निवास के 104 प्रकरणों में से 12 प्रकरण निराकृत हुए, जिसमें 40 हजार 331 रूपए राशि की वसूली हुई और न्यायालय के पेंडिंग केसेस में समझौते योग्य 26 अपराधिक प्रकरण के 16 प्रकरण निराकृत एवं पारिवारिक भरण -पोषण प्रकरणों में से 08 प्रकरणों का निराकरण किया गया। अन्य प्रकार के प्रकरण जिसमें न्यायालय के कुल प्रकरणों का निराकरण किया गया। मोटर व्हीकल एक्ट के 02 प्रकरण निराकृत हुए। इस प्रकार न्यायालय के पेंडिंग कुल 30 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें लगभग 88 लोग लाभान्वित हुए।

न्यायधीश ने माला पहनवाकर दंपत्ति का कराया राजीनामा 

एक दंपत्ति को जिला न्यायाधीश प्रवीण कुमार सिन्हा द्वारा 3 सालों से अपने मायके में रह रही आवेदिका आरती मरावी का प्रकरण न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसमें दोनों की आपसी सहमति से तलाक के लिए आवेदन किया गया। न्यायाधीश के द्वारा समझाइश देने के बाद दोनों दंपति राजी खुशी पहले की तरह साथ रहने के लिए तैयार हो गए। इस तरह नेशनल लोक अदालत में या प्रकरण समाप्त किया गया। इसके साथ ही पदमिनी सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा एक प्रकरण जिसमें पति पत्नी कुछ समय से आपसी मतभेद के कारण अलग रह रहे थे, जिनका भरण पोषण का प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। न्यायाधीश द्वारा समझाइश के बाद दंपत्ति एक दूसरे को माला पहनाकर राजीनामा कर न्यायालय से ही खुशी खुशी अपने घर गए। अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति निवास प्रवीण कुमार सिन्हा ने नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिए न्यायाधीश, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों के प्रति आभार प्रकट किया है।



रिपोर्टर- रोहित प्रशांत चौकसे



चुटका परियोजना की मंजूरी के लिए 26 मांगों की थी शर्त

  • 12 वर्ष बाद भी शर्तो पर नहीं किया अमल
  • चुटका परियोजना अधिकारियों को गांव से किया बाहर

मंडला महावीर न्यूज 29.  मंडला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, चुटका परमाणु परियोजना के अधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी ग्राम चुटका पहुंचे। कलेक्टर के आने से पहले नारायणगंज जनपद सीईओ और चुटका परियोजना अधिकारी द्वारा पंचायत सचिव को हरी झंडी निकालने को कहा, लेकिन वहां उपस्थित लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। लोगों ने कहा कि हम परियोजना का विरोध कर रहे हैं और आप परियोजना को हरी झंडी दिखाने आए हैं।

बताया गया कि चुटका परियोजना के अधिकारियों को ग्राम के लोगों ने गांव से बाहर कर दिया। काफी गहमा गहमी के बाद मौके पर उपस्थित लोगों ने आयोजित कार्यक्रम को छोड़ कर अपने घर जाने का निर्णय लिया। इसकी जानकारी एसडीएम निवास को लगी, तो उन्होंने चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति अध्यक्ष दादु लाल कुङापे से बात की और बताया कि यह बैठक चुटका परियोजना के संबंध में नहीं है। कलेक्टर आप लोगों से सामान्य समस्याओं पर चर्चा करने आ रहे हैं। इसके बाद गांव के महिला, पुरुष और अन्य गांव के लोग कलेक्टर से मिलने रूके। कलेक्टर ने उपस्थित लोगों से कहा कि मैं आप लोगों से मिलने आया हूं, परियोजना की बात करने नहीं आया हूं। इस दौरान मंडला कलेक्टर ने शासन से मिल रही योजनाओं का फीडबैक लिया और बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की।

शर्तो पर नहीं किया गया अमल 

दादु लाल कुड़ापे गांव की ओर से बात रखते हुए कहा कि गोंझी में बनाया गया पुनर्वास स्थल हमारे रहने के हिसाब से बहुत ही छोटा है। दूसरा ग्राम पंचायत पाठा के अन्तर्गत चुटका की ग्राम सभा ने 16 मार्च 2012 को 26 मांगों की शर्तें पूरी होने पर परियोजना की सशर्त मंजूरी दी थी। जिसमें पहली मांग थी कि अर्जित भूमि का मुआवजा 60 लाख रुपये हेक्टेयर दिया जाए, जो नर्मदा घाटी में सरदार सरोवर बांध के किसानों को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर दिया गया है। प्रत्येक विस्थापित परिवार को कृषि योग्य पांच एकड़ भूमि दी जाए। समस्त विस्थापित परिवारों के वयस्क बेरोजगार युवक, युवतियों को उसकी योग्यता के अनुसार शासकीय नौकरी प्रदान की जाए। इसी सशर्त परियोजना की सशर्त मंजूरी दी थी। लेकिन 12 साल बाद भी आज तक इस पर अमल नहीं किया गया है।

भोपाल बैठक में करेंगे चर्चा 

ग्रामीणों ने कहां कि मांग पूरी नहीं होने तक हम लोग गांव नहीं छोड़ेगे। इस पर कलेक्टर ने कहा कि मैं अभी इस संबंध कुछ नहीं बता पाऊंगा। भोपाल में जब बैठक होगी तो इस संबंध में चर्चा करुंगा और दो महीने बाद बता पाऊंगा कि सरकार का क्या कहना है। परमाणु संघर्ष समिति की महिला अध्यक्ष मीरा बाई मरावी के यहां कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारीगण पहुंचे। चुटका में आयोजित कार्यक्रम में ग्राम मानेगांव, पाठा, कुंडा, भालीवाङा, टाटीघाट, मोहगांव, चुटका, घोंटखेङा समेत अन्य गांव के लोग शामिल थे। इसके साथ ही जिला पंचायत सदस्य भूपेंद्र बरकड़े, नारायणगंज के रतन सिंह ठाकुर, चुटका के भूतपूर्व सरंपच दयाल सिंह कोकडिय़ा, कुंडा सरपंच मोती लाल मार्को, पाठा सरपंच मंगो बाई उर्वेती, बरगी मत्स्य संघ के अध्यक्ष मुन्ना बर्मन, मुन्ना यादव, सोना बाई, मनीषा बाई, क्षमिया बाई मौजूद रही।



रेवांशी को मिला पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार

  • रेवांशी खो-खो की हे खिलाड़ी, राष्ट्रीय स्तर पर दिखा चुकी अपना हुनर

मंडला महावीर न्यूज 29. प्रतिवर्ष पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार का आयोजन बसंल द्वारा किया जाता है। जिसमें 55 जिलों के चयनित खिलाडिय़ों को प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। इस कार्यक्रम में खिलाडिय़ों को 51 हजार रूपए की राशि का चेक के साथ प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।

मध्यप्रदेश के 55 जिलों में पंख का लक्ष्य अंडर 19 स्पोर्ट्स अचीवर्स का सारथी बनना है। जिन्होंने कई सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद आसमान की ऊंचाइयों तक का रास्ता बनाया और राज्य का प्रतिनिधित्व किया है। ऐसे खिलाडिय़ों को पुरुष्कत करना है। इसके लिए मंडला जिले से रेवांशी विश्वकर्मा पिता राजाराम विश्वकर्मा का चयन पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार के लिए किया गया।

रेवांशी खो-खो की खिलाड़ी हैं, जिसने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया है। राष्ट्रीय स्तर में अपने खेल का हुनर दिखाया है। प्रतिदिन पुलिस लाइन मैदान में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली रेवांशी के चयन से जिलेवासियों में हर्ष है। इनकी इस उपलब्धि के लिए जिला खेल अधिकारी रविंद्र ठाकुर, प्रशिक्षक सोना दुबे, मोहन ठाकुर, जसवंत अहिरवार, शशांक मिश्रा, पंकज उसरते, त्रिलोक डोंगरे, करुणा मर्सकोले, रामवती परते, उमेश नंदा, पुरुषोत्तम नेतम समेत सभी खेल प्रेमियों ने बधाई दी है।



चरित्र संदेह पर पति ने पत्नी की कुल्हाड़ी से की हत्या

  • बीती रात हुआ था विवाद, स्वयं को बचाने पुलिस को कर रहा था गुमराह

मंडला महावीर न्यूज 29. विकासखंड भुआ बिछिया के थाना अन्तर्गत ग्राम माझीपुर में संतोष मरावी ने अपनी पत्नी साधना की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को घर से करीब 100 मीटर दूर खेत में ले जाकर छोड़ दिया। जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने बिछिया पुलिस को दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को आरोपी पति संतोष गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो हत्या करना स्वीकार कर लिया।

जानकारी अनुसार बिछिया के ग्राम माझीपुर निवासी संतोष मरावी 35 वर्ष अपनी पत्नी साधना मरावी 30 वर्ष के चरित्र पर संदेह करता था। इन दोनों के बीच इस बात को लेकर कई बार वाद विवाद भी हुआ था। इसी बात को लेकर बीती रात भी दोनों के बीच विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि संतोष ने अपनी पत्नी साधना की कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी। हत्या के बाद लाश को घर के समीप एक खेत में ले जाकर छोड़ दिया। सुबह जब ग्रामीणों ने साधना को खून में लथपथ मृत अवस्था में देखा तो स्तब्ध रह गए।

बताया गया कि मृतिका साधना की हत्या की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते घटना स्थल पर लोगों का हुजूम लग गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतिका के पति से पूछताछ की। पूछताछ में पति संतोष ने कहा कि पत्नी सुबह शौच के लिए गई थी, इस दौरान किसी ने उस पर हमला कर दिया। पुलिस को लगा कि पति संतोष गुमराह कर रहा है। पुलिस ने जब संतोष से सख्ती से पूछताछ की तो उसने पत्नी की हत्या करना स्वीकार लिया। पुलिस ने पति संतोष को गिरफ्तार कर महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए शासकीय अस्पताल बिछिया भेजा और प्रकरण दर्ज कर लिया।


टीचर्स एसोसिएशन और स्काउट ने मिलकर एक सौ एक महिलाओं का किया सम्मान

  • नारियों को कर्तव्य क्षेत्र के साथ पारिवारिक क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कोटि का परिश्रम दिखाना होता है- कलेक्टर

मंडला महावीर न्यूज 29. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय स्काउट गाइड और ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के द्वारा आयोजित महिला सम्मान कार्यक्रम में जिले भर की उन मातृशक्तियों को सम्मानित किया गया जो अपने कर्तव्य क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। इस अवसर पर शासकीय और अशासकीय विद्यालयों, बैंक, वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अनेकानेक विभागों में कार्यरत महिला शिक्षकों अधिकारियों और कर्मचारियों, इंजीनियर आदि को आमंत्रित किया गया था।

महिला सम्मान कार्यक्रम कलेक्टर सोमेश मिश्रा के मुख्य आतिथ्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंडला श्रेयान्स कुमट, के विशिष्ठ आतिथ्य और सहायक आयुक्त श्रीमती वंदना गुप्ता की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मंडला एसडीएम श्रीमती सोनल सेडाम जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती मुन्नी बरकड़े की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम के प्रारम्भ में भारत स्काउट गाइड जिला मंडला के प्रमुख आयुक्त संजय तिवारी ने अपने स्वागत प्रतिवेदन में कहा कि महिलाओं का सम्मान हमेशा होना चाहिए चूंकि महिला दिवस का अवसर है तो एक प्रयास महिलाओं के सम्मान में किया है जिससे हमारी वे मातृशक्तियां प्रोत्साहित हों जो अपने कार्य क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ दे रहीं हैं।


ट्राइबल वेल्फेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डी के सिंग़ौर ने अपने स्वागत भाषण में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन पर महिलाओं की उपलब्धियों पर सम्मान और लैंगिक समानता के लिए जोर शोर से बातें होती हैं लेकिन हमें सबसे पहले अपने घर से प्रयास करना चाहिए। हमारे घर में मां बहन पत्नी बेटी बहु आदि मातृ शक्तियों के रूप में अवश्य होती हैं इनके अधिकार, सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्धता सर्वप्रथम होनी चाहिए। प्रांताध्यक्ष होने के नाते एसोसिएशन को अपना घर परिवार ही मानते हैं यहां पर पुरुष और महिला सदस्यों में समानता और बराबर से सम्मान का व्यवहार हो ध्यान रखते हैं।

एसोसिएशन इस अवसर पर मंच से जिले की 101 उन मातृशक्तियों को सम्मानित किया गया जिनका अपने कार्य क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है। आमंत्रित मातृ शक्तियों को तिलक वंदन कर स्काउट स्कार्फ पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में महिलाओं की भूमिका पुरुष की अपेक्षा दो गुनी होती है क्योंकि महिलाओं को अपने कार्य क्षेत्र के साथ पारिवारिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कोटि के परिश्रम को दिखाना होता है। किसी भी मातृशक्ति को यह बता पाना या समझा पाना कठिन होता है कि शैक्षणिक क्षेत्र में या कर्तव्य क्षेत्र में उत्कृष्ट काम किया है तो उसे पारिवारिक क्षेत्र में आराम मिल जाए।

उन्होंने अपने उद्बोधन में महिलाओं के महत्व पर आगे कहा कि यदि नारियों की पचास प्रतिशत जनसंख्या को आर्थिक एवं शैक्षिक गतिविधियों से अलग कर दें तो किसी भी देश का विकास निश्चित ही संभव नहीं है । इस अवसर पर भारतीय स्काउट गाइड की विभिन्न यूनिटों और ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को व्यवस्थित संचालन में भरपूर सहयोग किया। पूरा कार्यक्रम की तैयारी सहायक आयुक्त व जिला स्काउट कमिश्नर श्रीमती वंदना गुप्ता की निगरानी में किया गया। स्काउट जिला सचिव दिनेश दुबे, जिला अध्यक्ष अजय खोत, स्काउट जिला समन्वयक व ट्वेटा ब्लॉक अध्यक्ष लोक सिंह पदम, स्काउट संयुक्त सचिव व ट्वेटा महिला विंग जिला अध्यक्ष मीना साहू, ब्लॉक प्रभारी रवि हरदहा, कमलेश हरदहा, सोनसिंह धुर्वे,महेश प्रसाद सरौते, क्रांति कुमार सोनवानी,सुनील पटेल सनातन सैनी ट्राइबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन से वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष सरिता सिंह , मंडला ब्लॉक अध्यक्ष संजू लता सिंगौर आदि का कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में सक्रिय योगदान रहा।

आभार प्रदर्शन दिनेश दुबे ने किया। उन्होंने समस्त मातृ शक्तियों का आभार व्यक्त करते हुए महिला दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम का सफ़ल मंच संचालन जिला अध्यक्ष दिलीप मरावी ने किया। कार्यक्रम में आमंत्रित सभी मातृशक्तियों के कार्यक्रम को शानदार बताते हुए डॉ उपेंद्र शुक्ला प्राचार्य एवं उपाध्यक्ष,महर्षि स्कूल, अखिलेश चंद्रौल उपाध्यक्ष, सावित्री सांडया रेंजर कमिश्नर, कल्पना नागेश्वर प्राचार्य एवं उपाध्यक्ष, गीता काल्पी वार नेप्रशंसा कर आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।



विभिन्न मदो से स्वीकृत जिले के हजारों भवन वर्षों से अधूरे

  • समाजसेवियों ने सौंपा ज्ञापन, जनप्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारियों का नहीं है ध्यान

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले के सभी नौ विकासखण्डोंं में अलग-अलग विभागों के विभिन्न मदों से स्वीकृत हजारों भवन वर्षो से अधूरे पड़े हैं। जिसका खुलासा विगत दिवस जिले के समाजसेवियों द्वारा कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन के माध्यम से किया है। जिसमें मांग की गई है कि अधूरे भवनों को शीघ्र पूरा किया जाये, जिससे इन भवनों का जनहित में उपयोग हो सके। बताया गया कि घुघरी जनपद कार्यालय के प्रागंण में राजस्व विभाग के उपयोग के लिए स्वीकृत भवन भी अधूरा है। माधोपुर ग्राम पंचायत कार्यालय के समीप बना भवन भी पूरा नहीं बन सका है और जिले की सैकड़ो आंगनवाड़ी भवन भी पूर्ण होने का इंतजार कर रही हैं।

समाजसेवी कन्हैया ठाकुर ने बताया गया कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार सिर्फ राजीव गांधी शिक्षा मिशन व सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्वीकृत एक हजार से अधिक भवन अधूरे हैं। जिसका मामला कलेक्टर के पास लंबित है। शेष अन्य विभागों की गणना की जाये तो ऐसे भवनों की संख्या और अधिक होगी। जिले में ऐसे अनेक भवनों का लोगों को पता ही नहीं कि निर्माण एजेन्सी कौन है। अधूरे पड़े ये भवन लगभग 75 प्रतिशत निर्मित हो चुके है। जिसमें शासन की पर्याप्त राशि व्यय हो चुकी है लेकिन अब इन भवनों में 25 प्रतिशत कार्य और करा दिया जाये तो ये भवन उपयोगी हो जायेगें।


शासन के पास ऐसे अनेक मद है यदि सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि एवं जिम्मेदार अधिकारी चाह ले तो ये मृत भवन जीवित हो जायेगें। वहीं जिले में बने अनेक औचित्यहीन और गुणवत्ताविहीन स्टाप डेम व पुलिया निर्माण का कोई उपयोग नहीं है। औचित्यहीन स्थानों पर बनाकर शासन की राशि अनावश्यक खर्च की गई है। पिछले दिनों मंडला ब्लाक के ग्राम सुभरिया में बना ऐसा ही स्टाप डेम की खबर प्रकाशित की गई थी, जिसमें बताया गया था कि यह निर्माण पहाड़ी के बीच में बगैर बसाहट के स्थान पर 10.50 लाख का बना दिया गया, जो वाटर कैचप एरिया नहीं है। इस तरह के कामों में राशि खर्च ना करके पहले उपयोगी व अधूरे निर्माण कार्यो को पूरा किया जाये तो बेहतर होगा। जिले के ऐसे सभी मामले जनहित व शासकीय राशि के सदुपयोग के लिए विचारणीय है।


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