- बॉटलिंग आर्ट में माहिर त्रिलोक ने बॉटल में कैद कर दिया लाल किला
- अपनी कला में माहिर बॉटलिंग आर्टिस्ट त्रिलोक कई उपलब्धियां कर चुके अपने नाम
- हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है नाम
मंडला महावीर न्यूज 29. कहते हैं प्रतिभा पहचान की मोहताज नहीं होती है, उनके कार्य धीरे-धीरे अपनी पहचान बना लेेते हैं। ऐसे ही हमारे आदिवासी बाहुल्य जिले के त्रिलोक सिंधिया हैं, जिन्होंने 12 साल की उम्र से अपनी कला को तरासने का कार्य शुरू किया। आज उनकी कलाकृति को विगत वर्ष हाई रेंज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भी स्थान चुका है। त्रिलोक के द्वारा बनाई गई कलाकृतियों को देखकर हर कोई दंग रह जाता है। ये कांच की बोतलों के अंदर सुंदर कलाकृतियां बनाते हैं। त्रिलोक ने कांच की अलग-अलग बोतलों के अंदर विश्व प्रसिद्ध स्थलों की कलाकृतियों का उकेरा है।
जानकारी के अनुसार बॉटलिंग आर्ट में माहिर त्रिलोक सिंधिया ने कांच की बॉटल को बिना क्षती पहुंचाए बांस के माध्यम से एक से बढ़कर एक कलाकृतियों का निर्माण करते है। इन्होंने कांच की बॉटल के अंदर बांस के माध्यम से इंडिया गेट, अयोध्या के श्रीराम मंदिर समेत अन्य प्रसिद्ध स्थलों की कलाकृतियां बनाई है। त्रिलोक सिंधिया ने बताया कि बचपन से ही उन्हे बांस में कुछ ना कुछ बनाने का शौक था और बनाते थे। लगभग 12 वर्ष की आयु से त्रिलोक ने बांस से मंदिर, टेबिल लैम्प, जहाज और अनेक कलाकृतियां बनाते थे। लेकिन उन कलाकृतियां को चूहा कतर लिया करते थे। जिससे निराश होकर उन्हें अपनी कलाकृतियों को ऐसे चीज में उकरे की ठानी जिससे उनकी कलाकृति सुरक्षित रह सके और उन्होंने कांच की बॉटल के अंदर अपने हुनर को कैद करना शुरू कर दिया।
लेम्प में बनाया जहाज
त्रिलोक ने बताया कि उस समय उनके घर में लैंप जला करता था तो उनका ध्यान लेम्प में गया। सोचा की कुछ किया जाए, तो लेम्प की कांच के अंदर उन्होंने जहाज बनाया। फिर उनकी नजर कांच की सोस की बॉटल पर पड़ी तो सोचा की इसमे कुछ बनाया जाए। सब से पहले काँच की बॉटल के अंदर जहाज बनाया। फिर अनेक कलाकृतियां बनाई।
कांच की बॉटल में बना दिया लाल किला
त्रिलोक कांच की बॉटल के अंदर अद्भूत कलाकृतियां बनाने के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने एक बार फिर अपनी कला का हुनर दिखाते हुए कांच की बॉटल के अंदर एक चिमटी की सहायता से दिल्ली के लाल किला को बॉटल के अंदर कैद कर दिया। इनकी यह कलाकृति और हुनर को देखकर सब हैरान है। बताया गया कि त्रिलोक भारतीय संस्कृति और आधुनिक नवाचार के संगम को अपने हुनर के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास करते है। इनकी इस अद्भूत कला से इनका गौरव चहुओर फैल रहा है। त्रिलोक ने अपनी इस कला से जिल, प्रदेश समेत राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की है।
त्रिलोक ने बनाई बहुत सी कलाकृतियां
कांच की बॉटल के अंदर ही इंडिया गेट, जहाज, चारपाई, रानी किला, कोरोना वायरस, घर, साईकल घड़ी, रिक्शा, आई लव मीय इंडिया, केदारनाथ मंदिर सहित अनेक कलाकृतियां बनाई। त्रिलोक ने अभी हाल ही में कांच की बॉटल के अंदर दिल्ली का लाल किला भी बनाया है। बताया गया कि त्रिलोक सिंधिया को कांच की बॉटल के अंदर इंडिया गेट बनाने के कारण इन्हें विगत वर्ष हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला था। इसके साथ ही बॉटल के अंदर अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर की कलाकृति बनाने के लिए जिले में भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है।