- नाम मात्र के पेंशन को लेकर गुरुजियों के छलक आए आंसू
- 11 सेवानिवृत गुरुजियों को दी गई भाव भीनी विदाई
- आदर्श शिक्षक गुरुजी संघ का आयोजन
मंडला महावीर न्यूज 29. गोंड़ी पब्लिक ट्रस्ट के सभागार में आदर्श शिक्षक गुरुजी संघ के बैनर तले गुरुजी से प्राथमिक शिक्षक बने 11 शिक्षकों को उनके 62 वर्ष की शासकीय सेवा पूर्ण करने पर संघ के प्रांताध्यक्ष गजेंद्र गुर्जर के मुख्य आतिथ्य एवं जिला अध्यक्ष श्याम बैरागी की अध्यक्षता में विदाई, सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें सेवानिवृत शिक्षिका मंडला से श्रीमती माधुरी मिश्रा, शिक्षक अनंतराम पटेल, राम जी चौधरी, बिछिया से बसंत झरिया, मवई से हरि लाल यादव, रामगोपाल पटेल घुघरी से बीएल सिंगौर, मोहगांव से मूलचंद झारिया, नारायणगंज से अमर सिंह कुलस्ते, अमर सिंह मार्को एवं नैनपुर से ओमकार सिंगौर को भाव भीनी विदाई देते हुए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सेवानिवृत शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति के बाद पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों के निर्वहन की पीड़ा को उद्घाटित करते हुए कहा कि 22 से 25 वर्षों तक शिक्षा के पुनीत कार्य करने के बाद अब 500 से लेकर 2000 तक मिलने वाली पेंशन के सहारे शेष जीवन गुजारने के सवाल ने जीवन को अंधकारमय बना दिया है। इतनी कम पेंशन में ना पेट की आग बुझेगी ना दवाइयां की कोई व्यवस्था होगी, सामाजिक प्रतिष्ठा को बरकरार रख पाने की बात तो हम सोच भी नहीं सकते।
बताया गया कि उस वक्त तो सबकी आंखें छलछला आईं जब सेवा निवृत दिव्यांग शिक्षक गुरुजी अमर सिंह कुलस्ते ने बताया कि 25 साल सेवा देने के बाद पेंशन कुछ नहीं बनी। दोनों बच्चे दुर्घटना में चल बसे। एक 17 साल की बेटी है जिसके हाथ पीले करने का सवाल मुझे बेचैन किए जा रहा है। पत्नी के साथ तन्हा हूं। थोड़ी सी बर्रा जमीन है जो उपजाऊ नहीं है। आय का कोई साधन नहीं है। गांव घर में मजदूरी ही जीवन यापन का एकमात्र जरिया है। बस इतना ही बोल पाया, उसका गला भर आया, आंखें नम हो गई और पूरा माहौल गमगीन हो गया। यही हाल अमूमन सभी शिक्षकों का है।
गुरुजी बसंत झरिया ने बताया कि 12 साल की सेवा के बाद वे सेवानिवृत हुए लेकिन उन्हें न कोई राशि मिली और ना ही कोई पेंशन बनी ।वे राशि और पेंशन के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, कोई सुनने वाला नहीं है। जिलाध्यक्ष श्याम बैरागी ने अपने संस्मरणों को रखा जिससे आंदोलन के दिनों की याद तरो-ताजा हो गई। पेंशन और अन्य स्वत्वों को लेकर कहा कि हम अंतिम समय तक यह लड़ाई जारी रखेंगे ,कोई भी गुरुजी अपने को अकेला ना समझे, संगठन उनके साथ है। पेंशन पीड़ा को लेकर एक मार्मिक गीत भी सुनाया- सखी नैनन में नींद नहीं आत है एनपीएस खाए जात है।
जिला सचिव मुकेश पाठक ने सभी सेवानिवृत शिक्षकों की स्वस्थ और दीर्घायु की कामना करते हुए कहा कि संघ आपके हर सुख दुख में आपके साथ खड़ा रहेगा।जब भी कोई समस्या आये तो संगठन को याद कीजिए। इन्होंने सेवा निवृत शिक्षको के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए सहयोग की भूरि भूरि प्रशंसा की।
प्रांताध्यक्ष गजेंद्र गुर्जर ने कहा कि शिक्षक संवर्ग में गुरु जी सर्वाधिक छले गए हैं। लंबी सेवा देने के बाद भी 431 रुपया पेंशन ऊंट के मुंह में जीरा बराबर भी नहीं है। सरकार एक सम्मानजनक पेंशन भी नहीं दे पाई। नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता की लड़ाई को हम लड़ेंगे। शासन से संवाद के रास्ते खोल कर रखे हैं। जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन भी करेंगे ।अंतिम विकल्प के रूप में कोर्ट की शरण में जाएंगे, अपने हकों की लड़ाई में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
समारोह को सेवानिवृत शिक्षक हरि यादव, श्रीमती माधुरी मिश्रा, अनंत राम पटेल ,अमर सिंह कुलस्ते ने संबोधित करते हुए सबसे एकजुट रहकर हकों के लिए लड़ते रहने की अपील की। साहित्यकार शिक्षाविद् डॉक्टर प्रोफेसर राजेश ठाकुर ने अपने गीत प्रस्तुत किया। समारोह में पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश यादव नंदकुमार जंघेला, ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र परते, सुरेश धुर्वे, प्रेम धनंजय, सुशील झरिया, रम्मू कुर्मेश्वर, सुद्धू परते, कालका मरावी, गणेश कछवाहा,नंदकुमार यादव, हेमराज साहू , रेवाराम तेकाम, श्याम साहू सरजीत ठाकुर, आशा डहेरिया, प्रमिला संत, शैल हरदहा, ज्योति जंघेला सहित सैकड़ों गुरुजी उपस्थित रहे।