- गौड़ी चित्रकारी से महिला बढ़ा सकती है अपनी आय
- ग्राम पाटनगढ़ के कला भवन का किया भ्रमण
- एक्सपोजर विजिट में महिलाओं ने सीखी तकनीकि शैली और नई डिजाईन
मंडला महावीर न्यूज 29. महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए शासन, प्रशासन अनेक योजनाएं चला रही है। जिससे महिलाए आत्मनिर्भर होकर अपनी आर्थिक स्थिति अच्छी होने के साथ उनकी आय में वृद्धि होगी। जिससे वे अपने परिवार के पालन पोषण में अपना साथ दे सकती है। महिलाएं कला के अलग-अलग गुर सीखकर अपनी आय बढ़ा रही है। महिलाएं अब किसी से कम नहीं है।
जानकारी अनुसार नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से संस्था ग्रामीण विकास एवं महिला उत्थान संस्थान द्वारा एलईडीपी प्रोजेक्ट अंतर्गत ग्राम कामता, तिलई एवं इन्द्री की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को डिंडौरी के ग्राम पंचायत पाटनगढ़ का भ्रमण कराया गया। एक्सपोजर विजिट का मुख्य उद्देश्य था कि जो महिलाएं गोड़ी चित्रकारी का प्रशिक्षण ली है एवं लगातार कार्य कर रही है, उन्हें अतिरिक्त तकनीकि शैली एवं डिजाईन का प्रशिक्षण लेकर अपनी कला को और बेहतर बना सकें। जिससे उनकी चित्रकारी में ओर निखार आ जाए। महिलाएं अभी अच्छी चित्रकारी कर रही है, इनकी चित्रकारी में निखान आने के बाद इनकी चित्रकारी को अच्छे दाम मिल सकते है। जिससे इनकी परिवार की आय में अतिरिक्त वृद्धि हो सकेगी।
बताया गया कि स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने ग्राम पंचायत पाटनगढ़ के पूरे गांव का भ्रमण किया। इसके साथ ही यहां बने हस्त कला भवन का भ्रमण किया। यहां स्थित कला भवन में सभी कलाकार एक साथ मिलकर चित्रकारी बनाते हैं। यहां की पूरी दीवारों में चित्रकारी उकेरी गई है जो गोड़ी चित्रकारी की विभिन्न शैलियां प्रदर्शित करती हैं।
बताया गया कि डिंडौरी के ग्राम पाटनगढ़ में पूरा गांव जिसमें बच्चे महिलाएं एवं पुरूष सभी लोग शामिल है, वे सभी इस कला को व्यवसायिक तरीके से कार्य करते हैं। यहां के लोगों की आय का मुख्य साधन कृषि एवं चित्रकारी है। यहां वर्ष भर में यहां कई शैलानी विजिट करने आते हैं ओर गौड़ चित्रकारी को क्रय कर लेकर जाते हैं। जिससे यहां के लोगों को अतिरिक्त आय होती है।