चमत्कार दिखा रहे बंजरग बली, छोटा पडऩे लगा मंदिर
- ग्राम बंदरिया में बढ़ रही प्रतिमा को देखने दूर-दूर से पहुंचते हैं भक्त
मंडला महावीर न्यूज 29. तीन फीट की प्रतिमा कुछ ही वर्षों में सात फीट ऊंची हो गई। पहले चबूतरा बनवाया, वह छोटा पड़ा तो 8 फीट का मंदिर बनवाया। लेकिन अब वह भी छोटा पडनेे लगा है। अब भव्य मंदिर का निर्माण किया जाने लगा। ये अनोखी घटना है निवास विकासखंड मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर ग्राम बंदरिया की। स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा का स्वरूप बढ़ रहा है। प्रतिमा की ऊंचाई लगातार बढ़ रही है। इस चमत्कार की जानकारी लगते ही लोगो की आस्था भी बढ़ रही है। सामान्य दिनों में भी हनुमान भक्तों की कतार लगी रहती है जहां दूर दूर से भक्तगण पूजन अर्चन व दर्शन के लिए आते। यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। जिसके चलते बजरंगबली के इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।
छोटा पडऩे लगा मंदिर
लोगों ने बताया कि जब ये मूर्ति मिली थी तब लगभग 03 फीट की थी और ग्रामीणों ने छोटा सा मंदिर का निर्माण कराया था। लेकिन हनुमान जी की ये मूर्ति लगातार बढ़ रही है वर्तमान में ये मूर्ति 07 फीट की हो गई है।
गौर नदी का उद्गम स्थल
स्थानीय लोगों ने बताया कि गौर नदी का उद्गम स्थल भी बंदरिया गांव ही है। गौर नदीं के इस उद्गम स्थल पर हर दिन भक्त पहुंच रहे हैं। हनुमान जी की इस मूर्ति को कुछ वर्ष पहले चोरी करने का प्रयास भी किया गया था लेकिन चोर सफल नहीं हो सके। बड़ी ही श्रृद्धा और भक्ति के साथ बजरंग बली की पूजा अर्चना करते हैं।
जन सहयोग से हुआ मंदिर निर्माण
यहां बड़े मंदिर का निर्माण 07 वर्ष पहले शुरू किया गया था। बताया गया कि एक महिला श्रृद्धालु ने मन्नते पूरी होने के बाद मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था। जिसके बाद महिला व जनसहयोग से मंदिर का काम शुरू कर दिया गया जिसका निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और पूर्व का छोटा सा मंदिर अब भव्य आकार ले चुका है जिसके कारण मंदिर प्रांगण की सुंदरता भी बढ़ गई है साथ ही यहां पहुंचने वाले भक्तों के लिये सुविधा भी बढ़ी है।
इनका कहना है
चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस दिन राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव का पर्व कई मामलों में खास है। क्योंकि इस दिन शनिवार होने का अच्छा योग बन रहा है। ऐसे में हनुमान जी के साथ-साथ शनिदेव को प्रशंन्न करना काफी लाभकारी होगा। मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए संकटमोचन की पूजा करना चाहिए।
रोहित चौकसे