पानी के लिए त्राहि-त्राहि
- वनग्राम रेडम के वंशिदे कर रहे पानी के लिए जद्दोजहद
- 40 घर के वंशिदे दो किलोमीटर दूर से पानी लाने मजबूर
- वनांचल क्षेत्र नलजल योजना से दूर, एक माह से पेयजल के लिए हो रहे परेशान
- वन ग्राम रेड़म में गहराता जल संकट, ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर
मंडला महावीर न्यूज 29. आजादी के वर्षो बाद भी जिले के कई गांव विकास की बाट जोह रहे हैं। जिले में ऐसे कई गांव है, जहां मूलभूत सुविधाओं के साथ योजनाओं तक का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के सभी विकासखंड के कई ग्राम, मजरे, टोलों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि शुरू हो गई है। ग्रामीण पानी के लिए परेशान होते नजर आ रहे है। अप्रैल माह का प्रथम पखवाड़ा चल रहा है और जिले के ग्रामीण अंचलों में जल संकट गहराने लगा। वहीं गर्मी अपने रूद्र रूप अपनी प्रचंडता पर पहुंच गई है, पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। प्रंचड गर्मी की शुरूआत हो गई है। अब ग्रामीणों को बेहद परेशानी का सामना करने के साथ पानी के लिए जदोजहद करते देखा जा रहा है। दूर-दूर से लोग पीने के पानी की व्यवस्था करने मजबूर है। पेयजल के लिए लोग हैंडपंप, कुंआ, नदी, झिरिया समेत अन्य जल स्त्रोत का सहारा लेना पड़ रहा है। जल स्त्रोत भी अब धोखा देने लगे है। ग्रामीणों की जल समस्या के लिए विभाग कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।
जानकारी अनुसार जिले के करीब 1215 गांवों को वर्ष 2024 तक हर घर नल कनेक्शन का लक्ष्य जल जीवन योजना के तहत रखा गया था। जिससे हर परिवार को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। इस शुद्ध पेयजल के लिए अभी भी कई ग्रामों के ग्रामीणों को इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल ग्रामीण पानी के लिए कुंए, हैंडपंपों में घंटो लाईन लगाकर और दो-दो किलोमीटर पैदल चलकर पेयजल की व्यवस्था कर रहे है। बताया गया कि विकासखंड निवास के ग्राम, मजरे, टोलों में जल संकट गहराना शुरू हो गया है। निवास अंतर्गत ग्राम पंचायत थानमगांव के पोषक ग्राम थानमगांव, मलहरी माल, मलहरी रैयत और रेड़म में पेयजल की समस्या शुरू हो गई है। वनग्राम रेडम को छोड़कर अन्य टोलो में भी पेयजल की समस्या तापमान बढऩे के साथ बनेगी।
वन ग्राम रेड़म में विगत एक माह से जल संकट की समस्या बनी हुई है। वन ग्राम रेड़म के ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम के लगभग 40 परिवारों की 250 आबादी पिछले एक महीने से पीने के पानी के लिए तरस रहा है। विडंबना यह है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं जैसे जल जीवन मिशन का लाभ यहां के लोगों नहीं मिला है। जहां शासन गांव-गांव में नल-जल और घर-घर में नल की टोंटी लगाने की बात कह रहा है, वहीं वनग्राम रेड़म में यह योजना विफल होती नजर आ रही हैं। ये योजनाएं धरातल पर उतरने के बजाय कागजों तक ही सीमित रह गई हैं।
हैंडपंप उगलने लगा गरम हवा, कुंए भी सूखा
फिलहाल रेड़म गांव में ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक बोर और एक कुआं मौजूद तो है, लेकिन दोनों में ही पानी की क्षमता बहुत कम है, जो पूरे गांव की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। तापमान बढ़ते ही इनका जलस्तर नीचे खिसक गया है। जिसके कारण हैंडपंप से गरम हवा निकल रही है। वहीं कुंआ में भी पानी नीचे उतर गया है। बताया गया कि वार्ड क्रमांक 20 की बसाहट गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां पानी लाने के लिए ग्रामीणों को दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
झिरिया का पानी पीने मजबूर
बताया गया कि वनग्राम रेडम में जल संकट गहरा गया है। इस ग्राम के सबसे चिंताजनक बात यह है कि पानी की कोई और वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण वनग्राम के ग्रामीण नदी के किनारे स्थित एक झिरिया से गंदा पानी छानकर पीने के लिए मजबूर हैं। यह स्थिति ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है, क्योंकि दूषित पानी से कई तरह की बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग से उनके वार्ड में बोर या हैंडपंप की व्यवस्था कराने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए तो पीने के पानी की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है और उन्हें दूषित पानी पीने से मुक्ति मिल सकती है। ग्रामीणों ने शासन, प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस गंभीर जल संकट का तत्काल संज्ञान लेकर पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है।
जल संकट से निपटने पंचायत ने बनाई कार्य योजना
ग्राम पंचायत थानमगांव ने पेयजल की गंभीर समस्या को देखते हुए वर्ष 2025-26 के लिए एक कार्य योजना बनाई है। इस संबंध में ग्राम पंचायत द्वारा एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत थानमगांव में ग्रीष्मकालीन मौसम के दौरान पेयजल की समस्या होने की संभावना है। इससे ग्राम थानमगांव के वनग्राम थानमगांव, मलहरी माल, मलहरी रैयत और वनग्राम रेडम गांव गर्मी के सीजन में प्रभावित होते है। इस समस्या से निपटने के लिए ग्राम पंचायत थानमगांव ने सामान्य सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव के आधार पर वर्ष 2025-26 के लिए एक पेयजल कार्य योजना तैयार कर संबंधित अधिकारियों को देते हुए इस समस्या का समाधान करने की बात कही है।
हैंडपंप खनन के लिए प्रस्ताव, मांगी स्वीकृति
ग्राम पंचायत थानमगांव ने अपने क्षेत्र में हैंडपंप खनन कराने का प्रस्ताव पास किया है। जिसके लिए पंचायत ने संबंधित विभाग से स्वीकृति मांगी है। ग्राम पंचायत द्वारा पास किये गए प्रस्ताव में ग्राम पंचायत थानमगांव के पंाच स्थानों में हैंडपंप खनन का प्रस्ताव पास किया गया है। जिसमें थानमगांव माध्यमिक शाला के पास, रेडम कछरा टोला महेश के घर के पास, रेडम कछरा टोला केहर के घर के पास, थानमगांव भेड़ी टोला और मलहरी प्राथमिक शाला के पास हैंडपंप खनन होना है। ग्राम पंचायत थानमगांव की सरपंच सरिता मरावी ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंडला से इन स्थानों पर हैंडपंप खनन की स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया है। पंचायत का मानना है कि इससे इन क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता में सुधार होगा।
इनका कहना है
ग्राम रेडम में पिछले एक माह से पेयजल समस्या बनी हुई है। वार्ड क्रमांक 20 में 40 घर है, जो दो किलोमीटर दूर से पानी लाने मजबूर है। शासन, प्रशासन से सभी ग्रामीणों ने जल संकट से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है।
एक माह से वार्ड क्रमांक 20 के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण ग्रामीणों पेयजल के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। ग्राम में शुद्ध पेयजल के लिए जल्द से जल्द पुख्ता इंतजाम किया जाना चाहिए, जिससे इस गर्मी में परेशानी ना हो।
गांव में पानी की किल्लत शुरू हो गई है, गांव से दूर एक झिरिया से पानी लाकर पीने मजबूर है, इस समस्या के लिए सरपंच को भी अवगत कराया है, जिसके बाद पंचायत द्वारा पानी की व्यवस्था के लिए कार्ययोजना बनाकर संबंधितों को भेजा है।
वनग्राम रेडम में हर साल पानी की समस्या बनी रहती है। विगत एक माह से पानी की समस्या गांव में है, इस समस्या के लिए सरपंच से भी कहा है, टेंकर से पानी पर्याप्त नहीं मिल पाता है, गांव में पानी के लिए पुख्ता इंतजाम किया जाना चाहिए।