आस्था का केन्द्र उत्तर वाहिनी नर्मदा परिक्रमा
- चैत्र माह में पहुंचने लगे नर्मदा भक्त
- 19 व 20 अप्रैल को होगी दो दिवसीय परिक्रमा
मंडला महावीर न्यूज 29. विगत पांच वर्षो से मंडला जिले में उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा में बड़ी संख्या में नर्मदा भक्त शामिल हो रहे हैं। इस वर्ष उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा का आयोजन चैत्र माह में दो बार किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जिले और प्रदेशों से नर्मदा भक्त अपनी श्रृद्धा भक्ति अनुसार पूरे चैत्र माह में मंडला में आकर उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा रोजाना कर रहे है। इस नर्मदा परिक्रमा में महाराष्ट्र के नर्मदा भक्तों की संख्या ज्यादा होती है। इस वर्ष भी मंडला में दो दिवसीय उत्तरवाहिनी परिक्रमा माहिष्मती मां नर्मदा उत्तर वाहिनी परिक्रमा आयोजन समिति द्वारा आयोजित किया गया है। इससे पहले ही सैकड़ों भक्तों ने मंडला में आकर उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा पूर्ण कर लिए है। बताया गया कि माँ नर्मदा की पैदल यात्रा करने पर यह परिक्रमा 3 साल 3 महीने और 13 दिन में पूरी होती है। इसके लिए कुल 2,600 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
जानकारी अनुसार माहिष्मती मां नर्मदा उत्तर वाहिनी परिक्रमा आयोजन समिति द्वारा दूसरे चरण में आगामी 19 व 20 अप्रैल को जिले में उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा आयोजित करेंगी। इसके पहले ही सैकड़ों नर्मदा भक्त परिक्रमा करने के लिए पहुंच रहे है। दूसरे जिले और प्रदेशों से पहुंचे नर्मदा भक्तों ने घाघा में रात्रि विश्राम कर रहे है। वहां महाआरती के बाद देर रात तक भजन-कीर्तन का दौर भी चल रहा है। महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के कई जिलों से समेत अन्य प्रदेश के जिलों से पहुंचे माँ नर्मदा भक्तों का माहिष्मती मां नर्मदा उत्तर वाहिनी परिक्रमा आयोजन समिति द्वारा अभिनंदन किया जा रहा है। आगामी 19 एवं 20 अप्रैल के पूर्व से ही उत्तर वाहिनी परिक्रमा के लिए भक्तों का आना प्रारंभ हो गया है। परिक्रमा के लिए पहुंचने वाले भक्तों का समिति के द्वारा स्वल्पाहार की व्यवस्था कर धर्मशाला में रूकने की व्यवस्था बनाई जा रही है।
परिक्रमावासियों की कर रहे सेवा
जिले में आयोजित होने वाली मां नर्मदा की उत्तर वाहिनी परिक्रमा में चैत्र माह में सैकड़ों, हजारों लोग यहां आकर नर्मदा परिक्रमा करते है। इन परिक्रमावासियों के लिए जिले के भक्त अपनी श्रृद्धा अनुसार उनके लिए परिक्रमा पथ पर भोजन, पानी समेत अन्य व्यवस्थाएं करते है। व्यास नारायण मंदिर से शुरू होने वाली उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा का प्रथम पड़ाव ग्राम घाघा के नर्मदा तट किनारे होता है। इस एक तरफ के परिक्रम पथ पर सैकड़ों भक्त परिक्रमावासियों के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं बना रहे है। वहीं दूसरी ओर नर्मदा पार करने के बाद जबलपुर मंडला मार्ग में परिक्रमावासियों के लिए कम व्यवस्थाएं है। कुछ भक्तों ने नगरवासियों समेत भक्तों से अपील की है कि गर्मी को देखते हुए उत्तरवाहिनी परिक्रमा कर रहे भक्तों के लिए बबैहा से मंडला के बीच श्रृद्धा अनुसार इनके लिए व्यवस्थाएं बनाए।
तिंदनी ग्राम में परिक्रमावासियों के लिए व्यवस्था
बताया गया कि ग्राम तिंदनी में धुर्वे परिवार द्वारा नर्मदा परिक्रमावासियों की विगत वर्षो से सेवा करते आ रहे है। रामभरोस धुर्वे का परिवार नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए एक अलग से कमरा भी तैयार करा दिए है। जिससे यहां से गुजरने वाले परिक्रमावासी यहां विश्राम कर अपनी परिक्रमा में आगे बढ़ सकते है। इस वर्ष भी चैत्र माह में अन्य जिले समेत महाराष्ट्र से आने वाले परिक्रमावासी यहां ग्राम तिंदनी में रूक रहे है। जहां भक्तों को जलपान भी कराया जा रहा है। यहां रामभरोस धुर्वे द्वारा नर्मदा परिक्रमा वासियों को भोजन बाल भोग एवं रात्रि विश्राम की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। रामभरोस धुर्वे उत्तर वाहिनी परिक्रमा से काफी प्रेरित है। अन्य राज्यों से मां नर्मदा के भक्त परिक्रमा के लिए पहुंच रहे हैं। बता दे कि मंडला निवासी मां नर्मदा भक्त पहुंच रहे भक्तों को जगह-जगह जलपान और स्वल्पाहार भी करा रहे हैं। इस वर्ष भी लगातार उत्तर वाहिनी परिक्रमा के लिए चैत्र मास में परिक्रमा वासियों की संख्या बढ़ रही है। जिले के समस्त मां नर्मदा भक्तों से अपील है कि इन भक्तों का अपनी सुविधा अनुसार स्वागत कर अनुग्रहित करें।