इस नवरात्र शेर पर नहीं, हाथी पर आएंगी मां दुर्गा
- नौ दिन नहीं आठ दिन होगी माँ भवानी के नौ स्वरूपों की पूजा
मंडला महावीर न्यूज 29. हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व साल में चार बार आता है। इस साल पंचाग के अनुसार 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू होने वाली हैं, जो 6 अप्रैल तक चलेंगी। इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के पूजा में नियम और अनुशासन का विशेष महत्व बताया गया है। चैत्र नवरात्र कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की पूजा शुरू हो जाएगी। यह पूजा इस वर्ष नौ दिनों तक नहीं होगी, इस वर्ष नवरात्र आठ दिन की है, जिसमें मां के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। हालांकि इस साल मां दुर्गा शेर की बजाय हाथी पर सवार होकर आएंगी। देवी भागवत पुराण के अनुसार, माता दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है। हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि जब माता हाथी पर आती हैं, तो देश में अच्छी बारिश होती है, जिससे फसलें अच्छी होती हैं और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है।
पंडित राम गोपाल शास्त्री नीलू महाराज ने बताया कि चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से शुरू होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में इस वर्ष द्वितीया और तृतीया तिथि 31 मार्च को एक ही दिन होगी। जिसके कारण तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण आठ दिनों की नवरात्र होगी। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवें दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा आराधना नवरात्रि में की जाती है। 30 मार्च को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह 10 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
दिन के अनुसार तय होता है वाहन
नवरात्र में मां दुर्गा किस वाहन से धरती लोक पर आएंगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि नवरात्रि की शुरुआत किस दिन से हो रही है और यह नियम चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि दोनों में ही एक समान रूप से देखने को मिलता है। अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। अगर नवरात्रि का पहला दिन मंगलवार या शनिवार हो तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं, गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि आरंभ हो माता डोली में बैठकर आती हैं। वहीं बुधवार के दिन कलश स्थापना और नवरात्रि का पहला दिन हो तो मां दुर्गा नाव की सवारी करती हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 30 मार्च रविवार से शुरू हो रही है इसलिए मां दुर्गा हाथी पर आ रही हैं।
हाथी पर करेंगी मां दुर्गा प्रस्थान
पंडित विजया नंद शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष माता शेर पर नहीं हाथी पर सवार होकर आएंगी। धर्म शास्त्रों के मुताबिक जब नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार को होता है तो माता की सवारी हाथी होती है। हाथी पर सवार होकर आना शुभ संकेत माना जाता है। इसके अलावा 6 अप्रैल रविवार को नवरात्रि का समापन होगा और माता रानी हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी। माता का हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करना शुभ संकेत माना जाता है।
अच्छी बारिश के संकेत
बताया गया कि नवरात्रि 6 अप्रैल को समाप्त होगी। नवरात्र का समापन रविवार को होगा। माता के प्रस्थान की सवारी गज है। माता का हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करना शुभ संकेत होता है। यह संकेत अच्छी बारिश, खुशहाली और तरक्की का होता है। किसानों को फसल में अच्छा मुनाफा होगा तो देश दुनिया पर इसका अच्छा असर देखने को मिल सकता है।