विभिन्न मदो से स्वीकृत जिले के हजारों भवन वर्षों से अधूरे
- समाजसेवियों ने सौंपा ज्ञापन, जनप्रतिनिधि व जिम्मेदार अधिकारियों का नहीं है ध्यान
मंडला महावीर न्यूज 29. जिले के सभी नौ विकासखण्डोंं में अलग-अलग विभागों के विभिन्न मदों से स्वीकृत हजारों भवन वर्षो से अधूरे पड़े हैं। जिसका खुलासा विगत दिवस जिले के समाजसेवियों द्वारा कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन के माध्यम से किया है। जिसमें मांग की गई है कि अधूरे भवनों को शीघ्र पूरा किया जाये, जिससे इन भवनों का जनहित में उपयोग हो सके। बताया गया कि घुघरी जनपद कार्यालय के प्रागंण में राजस्व विभाग के उपयोग के लिए स्वीकृत भवन भी अधूरा है। माधोपुर ग्राम पंचायत कार्यालय के समीप बना भवन भी पूरा नहीं बन सका है और जिले की सैकड़ो आंगनवाड़ी भवन भी पूर्ण होने का इंतजार कर रही हैं।
समाजसेवी कन्हैया ठाकुर ने बताया गया कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी अनुसार सिर्फ राजीव गांधी शिक्षा मिशन व सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्वीकृत एक हजार से अधिक भवन अधूरे हैं। जिसका मामला कलेक्टर के पास लंबित है। शेष अन्य विभागों की गणना की जाये तो ऐसे भवनों की संख्या और अधिक होगी। जिले में ऐसे अनेक भवनों का लोगों को पता ही नहीं कि निर्माण एजेन्सी कौन है। अधूरे पड़े ये भवन लगभग 75 प्रतिशत निर्मित हो चुके है। जिसमें शासन की पर्याप्त राशि व्यय हो चुकी है लेकिन अब इन भवनों में 25 प्रतिशत कार्य और करा दिया जाये तो ये भवन उपयोगी हो जायेगें।
शासन के पास ऐसे अनेक मद है यदि सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि एवं जिम्मेदार अधिकारी चाह ले तो ये मृत भवन जीवित हो जायेगें। वहीं जिले में बने अनेक औचित्यहीन और गुणवत्ताविहीन स्टाप डेम व पुलिया निर्माण का कोई उपयोग नहीं है। औचित्यहीन स्थानों पर बनाकर शासन की राशि अनावश्यक खर्च की गई है। पिछले दिनों मंडला ब्लाक के ग्राम सुभरिया में बना ऐसा ही स्टाप डेम की खबर प्रकाशित की गई थी, जिसमें बताया गया था कि यह निर्माण पहाड़ी के बीच में बगैर बसाहट के स्थान पर 10.50 लाख का बना दिया गया, जो वाटर कैचप एरिया नहीं है। इस तरह के कामों में राशि खर्च ना करके पहले उपयोगी व अधूरे निर्माण कार्यो को पूरा किया जाये तो बेहतर होगा। जिले के ऐसे सभी मामले जनहित व शासकीय राशि के सदुपयोग के लिए विचारणीय है।