आये थे एक दूसरे को तलाक देने, फिर हो गए एक

आये थे एक दूसरे को तलाक देने, फिर हो गए एक

  • न्यायधीश की समझाईश के बाद दो दंपत्ति का जोड़ा टूटने से बचा
  • 3 वर्षो से अलग रह रहे दंपति और भरण पोषण के मामले को नेशनल लोक अदालत ने कराया एक
  • बैंक के 650 प्रकरणों में से 113 प्रकरण निराकृत, 17 लाख 22 हजार 557 रूपए किए वसूल

मंडला महावीर न्यूज 29. कहते है कि जोडिय़ां ऊपर वाला बनाकर भेजता है, यह कहावत निवास में आयोजित नेशनल लोक अदालत में चरितार्थ हुई, जब एक दंपत्ति एक दूसरे को तलाक देने के लिए लोक अदालत में पहुंचे। यहां न्यायधीश की समझाईश के बाद यह दंपत्ति एक दूसरे को तलाक देने के वजाए फिर एक हो गए। निवास विकासखंड में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंडला सचिव तपन धारगा के मार्गदर्शन मे नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

बताया गया कि तहसील विधिक सेवा समिति निवास में जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में नेशनल लोक अदालत का मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना के साथ शुभारंभ किया गया। जिसमें सभी प्रकार के राजीनामा योग्य मोटर व्हीकल के प्रकरण, आपराधिक प्रकरण, सिविल प्रकरण, भरण-पोषण, चेक बाउंस, पारिवारिक, वैवाहिक मामले, न्यायालय के प्रकरण के साथ बैंक के प्री – लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया।

जिला न्यायाधीश, अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि तहसील न्यायालय में नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। जिसमें सभी समझौते योग्य प्रकरणों के निराकरण के लिए 2 खंडपीठों का गठन किया गया। जिसमें आपसी सुलह के आधार पर राजीनामा किया गया। उन्होंने बताया कि इस बार की नेशनल लोक अदालत में प्री लिटिगेशन प्रकरणों में बैंक के 650 प्रकरणों में से 113 प्रकरण निराकृत हुए। जिसमें वसूली राशि 17 लाख 22 हजार 557 रूपए प्राप्त हुए, वही नगर परिषद निवास के 104 प्रकरणों में से 12 प्रकरण निराकृत हुए, जिसमें 40 हजार 331 रूपए राशि की वसूली हुई और न्यायालय के पेंडिंग केसेस में समझौते योग्य 26 अपराधिक प्रकरण के 16 प्रकरण निराकृत एवं पारिवारिक भरण -पोषण प्रकरणों में से 08 प्रकरणों का निराकरण किया गया। अन्य प्रकार के प्रकरण जिसमें न्यायालय के कुल प्रकरणों का निराकरण किया गया। मोटर व्हीकल एक्ट के 02 प्रकरण निराकृत हुए। इस प्रकार न्यायालय के पेंडिंग कुल 30 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें लगभग 88 लोग लाभान्वित हुए।

न्यायधीश ने माला पहनवाकर दंपत्ति का कराया राजीनामा 

एक दंपत्ति को जिला न्यायाधीश प्रवीण कुमार सिन्हा द्वारा 3 सालों से अपने मायके में रह रही आवेदिका आरती मरावी का प्रकरण न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिसमें दोनों की आपसी सहमति से तलाक के लिए आवेदन किया गया। न्यायाधीश के द्वारा समझाइश देने के बाद दोनों दंपति राजी खुशी पहले की तरह साथ रहने के लिए तैयार हो गए। इस तरह नेशनल लोक अदालत में या प्रकरण समाप्त किया गया। इसके साथ ही पदमिनी सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा एक प्रकरण जिसमें पति पत्नी कुछ समय से आपसी मतभेद के कारण अलग रह रहे थे, जिनका भरण पोषण का प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। न्यायाधीश द्वारा समझाइश के बाद दंपत्ति एक दूसरे को माला पहनाकर राजीनामा कर न्यायालय से ही खुशी खुशी अपने घर गए। अध्यक्ष तहसील विधिक सेवा समिति निवास प्रवीण कुमार सिन्हा ने नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिए न्यायाधीश, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों के प्रति आभार प्रकट किया है।



रिपोर्टर- रोहित प्रशांत चौकसे


 

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