पेयजल के लिए ग्रामीणों की जदोजहद
- दो किलोमीटर दूर से पानी की कर रहे ग्रामीण व्यवस्था
- नैनपुर के ग्राम खिरसारू के ग्रामीण पीने के पानी और निस्तारी पानी के लिए परेशान
मंडला महावीर न्यूज 29. आजादी के वर्षो बाद भी जिले के कई गांव विकास की बाट जोह रहे हैं। जिले में ऐसे कई गांव है, जहां मूलभूत सुविधाओं के साथ योजनाओं तक का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के सभी विकासखंड के कई ग्राम, मजरे, टोलों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि शुरू हो गई है। ग्रामीण पानी के लिए परेशान होते नजर आ रहे है। फरवरी माह का प्रथम पखवाड़ा ही अभी समाप्त हुआ है, और जिले के ग्रामीण अंचलों में जल संकट गहराने लगा था। वहीं अभी गर्मी अपने रूद्र रूप अपनी प्रचंडता पर नहीं पहुंची है। जब प्रंचड गर्मी की शुरूआत होगी तब ग्रामीणों को बेहद परेशानी का सामना करने के साथ पानी के लिए जदोजहद करते देखे जाएगे। दूर-दूर से लोग पीने के पानी की व्यवस्था करने मजबूर है। पेयजल के लिए लोग हैंडपंप, कुंआ, नदी समेत अन्य जल स्त्रोत का सहारा लेना पड़ रहा है। जल स्त्रोत भी अब धोखा देने लगे है। ग्रामीणों की जल समस्या के लिए विभाग कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर रहा है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।
जानकारी अनुसार जिले के करीब 1215 गांवों को वर्ष 2024 तक हर घर नल कनेक्शन का लक्ष्य जल जीवन योजना के तहत रखा गया था। जिससे हर परिवार को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। इस शुद्ध पेयजल के लिए अभी भी कई ग्रामों के ग्रामीणों को इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल ग्रामीण पानी के लिए कुंए, हैंडपंपों में घंटो लाईन लगाकर और दो-दो किलोमीटर पैदल चलकर पेयजल की व्यवस्था कर रहे है। बताया गया कि तहसील नैनपुर के ग्राम, मजरे, टोलों में जल संकट गहराना शुरू हो गया है। प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में बड़ी संख्या में दूर दराज के ग्रामीण पेयजल की समस्या को लेकर आने लगे है। जिससे इस गर्मी में पेयजल की समस्या से निजात मिल सके।
दो किमी दूर से लाते है पीने का पानी
बताया गया कि तहसील नैनपुर की ग्राम पंचायत रमघड़ी के ग्राम खिरसारू में पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि शुरू हो गई है। यहां के करीब 200 आबादी वाले ग्राम के ग्रामीणों को कई वर्षो से पेयजल की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है। ग्राम खिरसारू में विगत दो वर्ष पहले ही पेयजल के लिए पानी की टंकी और नलजल योजना के लिए पाईप लाईन विभाग द्वारा बिछाई गई है। लेकिन इन पाईपों से घर-घर तक पानी की जगह हवा जा रही है। ग्रामीणों को पानी के लिए जदोजहद करनी पड़ी है। ग्राम में पेयजल के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण ग्रामीणों को दो किलोमीटर दूर पेयजल के पानी के लिए जाना पड़ता है।
निस्तारी पानी के लिए जाना पड़ता है जंगल और नदी
ग्रामीणों ने बताया कि पीने के पानी के लिए गांव से करीब दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। जिसमें एक घंटा ग्रामीणों को लगता है। वहीं नहाने और अन्य निस्तार के पानी के लिए इससे भी दूर जंगल और नदी, तालाब जाना पड़ता है। जिसके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पानी की उचित व्यवस्था ना होने के कारण यहां के स्कूली बच्चों को काफी दिक्कत होती है। ग्रामीण और बच्चें कई बार नहा भी पाते है। दूरी अधिक होने के कारण दो-दो, तीन-तीन दिन तक बिना नहाए ही ग्रमीणों को रहना पड़ता है। स्कूली बच्चों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
एक कुंआ के भरोसो गांव
ग्राम खिरसारू में एक ही सरकारी कुंआ है, जिसके पानी का उपयोग ग्राम के सभी लोग पीने के पानी के लिए करते है। गर्मी के दिनों में इस कुंए का पानी भी सूख जाता है। जिसके बाद ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है। गर्मी के सीजन में ग्रामीणों दो से चार किलोमीटर दूर पीने के पानी की व्यवस्था करने के लिए जाना पड़ता है। पानी की समस्या के कारण घरों में बने शौचालय भी बेकार, खंडहर हो रहे है। पर्याप्त पानी ना मिलने के कारण ग्रामीण शौचालय का उपयोग करना बंद कर दिए है। जिसके कारण ग्रामीण खुले में शौच के लिए जाने मजबूर है।
पाईप लाईन बिछी, लेकिन नहीं आ रहा पानी
ग्रामीणों ने बताया कि विगत दो वर्ष पहले गांव में नलजल योजना के तहत पानी की टंकी और पाईप लाईन बिछा दी है, जब से ग्रामीण इन पाईपों में पानी आने का इंतजार करते नजर आ रहे है। लेकिन विभाग टंकी और पाईप लाईन बिछा कर भूल गया है। आधा अधूरा कार्य कर ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है। पेयजल की उचित व्यवस्था ना होने के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।