पक्षी सर्वेक्षण में प्रतिभागियों ने देखे पांच नई प्रजाति के पक्षी

  • पक्षी सर्वेक्षण में प्रतिभागियों ने देखे पांच नई प्रजाति के पक्षी
  • 13 राज्यों के 85 पक्षी विशेषज्ञों ने किया सर्वेक्षण
  • पक्षी सर्वे से पक्षियों के संरक्षण के लिए तैयार होगी योजना
  • कान्हा पार्क में डब्ल्यूएनसी इंदौर के सहयोग से चार दिवसीय नौवां पक्षी सर्वेक्षण

मंडला महावीर न्यूज 29. कान्हा नेशनल पार्क में वाइल्ड लाइफ एंड नेचर कंजर्वेंसी सोसायटी इंदौर के सहयोग से चार दिवसीय नौवां पक्षी सर्वेक्षण गणना की गई। इससे कान्हा में स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों की जानकारी एकत्र की गई। चार दिनों तक चले इस सर्वे में देश के 13 राज्यों से 85 पक्षी विशेषज्ञों ने पार्क क्षेत्र में पक्षियों की प्रजातियां चिन्हित की है। इस वर्ष पक्षी सर्वेक्षण के दौरान प्रतिभागियों को कान्हा में पांच नई प्रजातियों के पक्षी भी देखने को मिले है। इस वर्ष रोज पीपिट, व्हाईट ईएरड बुलबुल, ब्लेक कैपेड किंगफिशर, रूबी थ्रोएट, ब्लेक हेडेड गल पक्षी शामिल है।

बताया गया कि इससे पहले सर्वेक्षण में 371 प्रजाति के पक्षी कान्हा पार्क में शामिल थे। विगत वर्ष हुए पक्षी सर्वेक्षण में कान्हा पार्क में पक्षियों की लगभग 371 प्रजाति के पक्षी प्रतिभागियों ने देखे थे, वहीं इस वर्ष के नौवें सर्वेक्षण में पांच नए प्रजाति के पक्षी कान्हा में देखे गए है। इस वर्ष के सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रतिभागियों द्वारा जमा की गई है। जिसकी रिपोर्ट सभी प्रतिभागियों की रिपोर्ट से मिलान के बाद जारी की जाएगी। कान्हा टायगर रिजर्व के कोर, बफर एवं फेन परिक्षेत्र के 41 कैम्पों में लाइन ट्रांजेक्ट विधि से सर्वेक्षण किया गया है। जिसकी जानकारी ई-वर्ड एप में संग्रहित की गई। जिससे सर्वेक्षण से विभाग को पक्षियों के आकड़ों को एकत्रित करने में सहायता मिलेगी और निष्कर्ष के अनुसार पक्षियों के संरक्षण के लिए योजना तैयार की जाएगी। पक्षी सर्वेक्षण में पिछले बार हुए सर्वेक्षणों के मुकाबले जहां 05 नई प्रजाति के पक्षी देखे गए।

पक्षी सर्वेक्षण में दिखी पांच नई प्रजातियां 

बताया गया कि कान्हा में कई तरह के वन क्षेत्र है, यहां साल वन, मिश्रित वन, बांस वन सहित घास के बड़े बड़े मैदान भी हैं। जिसके कारण कान्हा के जंगलों में पक्षियों की बहुत सी प्रजातियां देखने को मिलती है। कान्हा में पक्षियों की प्रजातियां अलग अलग होती हैं। कान्हा का भू दृश्य भी बहुत बड़ा है, मंडला जिला, बालाघाट जिला और छत्तीसगढ़ के क्षेत्र में इसका विस्तार होता है। इस बार के पक्षी सर्वेक्षण में जो नए पक्षी प्रतिभागियों को नजर आए है वे पिछले तीन चार वर्षो में कान्हा के जंगलों में नहीं देखे गए है। इस वर्ष 05 प्रजातियों के नए पक्षी सर्वे में नजर आए है। जिसमें गुलाबी पिपिट, सफेद कान वाली बुलबुल, ब्लैक कैप्ड किंगफिशर, रूबी गला, काले सिर वाली गल पक्षी शामिल है।

चार दिन में पक्षियों की जानकारी एकत्र 

कान्हा टायगर रिजर्व जैव विविधता से परिपूर्ण संरक्षित वनक्षेत्र है। कान्हा टाईगर रिजर्व के अंतर्गत पक्षियों की प्रजातियों की पहचान करने एवं आम जनमानस में वन्यप्राणी संरक्षण की भावना जगाने के लिए सतत रूप से पक्षी सर्वेक्षण किया जाता है। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की गणना करना है, इस तरह के सर्वेक्षण से पक्षियों के विषय में अधिक जानकारी एकत्र की जाती है। जिससे पक्षियों के प्राकृतिक आवास, व्यवहार में कोई बदलाव आदि का अध्ययन किया जाता है। जिसके अंतर्गत कान्हा टाईगर रिजर्व मंडला में पक्षी सर्वेक्षण 22 से 25 जनवरी तक नौवांं पक्षी सर्वेक्षण आयोजित किया गया। जिसका प्रारंभ 22 जनवरी को ईको सेंटर खटिया में भावसे, क्षेत्र संचालक, कान्हा टायगर रिजर्व रवीन्द्र मणी त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्हें पक्षी सर्वेक्षण में ली जाने वाली सावधानियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया।

85 प्रतिभागियों ने लिया भाग

पक्षी सर्वेक्षण में 13 राज्यों के 85 प्रतिभागियों ने इस नौवें पक्षी सर्वेक्षण में सहभागिता की गई। जिसमें जम्मू और मेघालय सहित महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं उतराखंड इत्यादि राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। सर्वेक्षण के समापन पर उप संचालक पुनीत गोयल (कोर), उप संचालक सुश्री अमिता, केबी (बफर), पार्क अधीक्षक सहायक संचालक एवं परिक्षेत्र अधिकारी उपस्थित रहें। चार दिवसीय सर्वेक्षण में समस्त प्रतिभागियों द्वारा देखे गये पक्षियों की जानकारी का संकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। पक्षी सर्वेक्षण की रिपोर्ट ई बर्ड ऐप के माध्यम से संकलित की गई है।



 

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