शुचि की फिरकी गेंदबाजी ने राष्ट्रीय स्तर पर दिलाई पहचान

  • शुचि की फिरकी गेंदबाजी ने राष्ट्रीय स्तर पर दिलाई पहचान
  • इंडिया की डी टीम में शामिल हुई जिले की बेटी शुचि उपाध्याय 

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले में हुनरमंदों की कमी नहीं है, वहीं आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला की बेटियां भी किसी बेटे से कम नहीं है। पूरे देश में जिले की बेटियां अपना और जिले का नाम रोशन कर रही है। ऐसी एक उभरती क्रिकेट खिलाड़ी शुचि उपाध्याय भी अपनी फिरकी गेंदबाजी से दिग्गज खिलाडिय़ों को चकमा देने में कामयाब हो रही है। अपनी फिरकी गेंदबाजी के कारण मंडला की बेटी शुचि मध्यप्रदेश की सीनियर टीम में शामिल हुई और शुचि फिलहाल इंडिया की डी टीम में शामिल हो चुकी है। अब इनका सपना इंडिया की टीम में शामिल होकर अपने भारत देश के लिए अपनी फिरकी गेंदबाजी से देश का गौरव बढ़ाना चाहती है। जिसके लिए शुचि दिन रात अपनी मेहनत और लगन से इस सपने को पूरा करने का प्रयास कर रही है।

शुचि के पिता सुधार उपाध्याय ने बताया कि मंडला के महात्मा गांधी मैदान से लड़कों के ओपन टूर्नामेंट में अपनी फिरकी गेंदबाजी का जौहर दिखाने वाली एक मात्र बेटी शुचि इन दिनों देश के विभिन्न स्टेडियम में न केवल बतौर क्रिकेट खिलाड़ी मध्यप्रदेश टीम में शामिल है बल्कि इस खिलाड़ी ने वर्ष 2024-25 में देश की सीनियर वूमेन नेशनल ट्रॉफी में प्लेयर ऑफ सीरीज का खिताब भी अपने नाम कर सभी सिलेक्टरों को अपने खेल की ओर आकर्षित किया है। वर्तमान में शुचि इंडिया डी टीम में चैलेंजर ट्राफी चेन्नई के लिए खेली है। हाल ही में महिला प्रीमियर लीग में मुंबई इंडियंस ने शुचि को बतौर नेट गेंदबाज के लिए आमंत्रित किया था।

ऐसे शुरू हुआ क्रिकेट में सफर 

शुचि बचपन से ही अपने घर के नजदीक गली मोहल्ले में क्रिकेट खेलने वाले लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थी। शुचि के पिता अपनी बेटी को क्रिकेट खेलता देखते थे तो उनका लगता था कि उनकी बेटी क्रिकेटर बनना चाहती है। शुचि के पिता सुधीर उपाध्याय ने अपनी बेटी के सपने को साकार करने के लिए उसे क्रिकेट में आगे बढ़ाना शुरु किया। सुधीर उपाध्याय ने बताया कि जब उसे क्रिकेट की ट्रेनिंग शुरु कराई तो मंडला में कोई भी लड़की क्रिकेट नहीं खेलती थी। ऐसे में स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले लड़कों की क्रिकेट प्रतियोगिता में ही आयोजकों और खिलाडिय़ों से बात कर उसे खिलाना शुरू किया। सुचि ने भी यहां अच्छा प्रदर्शन किया और इसके बाद तो कम उम्र में ही उसे जिला स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिलने लगा और उसके खेल में निखार भी आता गया। इसके बाद शुचि ने अपनी खेल प्रतिभा को निखारने जीन जान लगाकर मेहनत करने लगी। इसके बाद एकडमी ज्वाइन की और संभाग स्तरीय टीम में शामिल होकर खेलने का मौका भी मिला। इसके बाद शुचि के बढ़ते कदम कभी भी पीछे नहीं हटे, वह आगे बढ़ते ही गई। आज शुचि आदिवासी जिला मंडला का नाम राष्ट्रीय स्तर पर कर रही है। वह इंडिया की डी टीम में शामिल हो गई है।

टीम इंडिया में शामिल होने की चाहती हुई पूरी 

बताया गया कि आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले की बेटी शुचि ने महज दो वर्षों में ही बालिका क्रिकेट की अंडर 19, अंडर 23 एवं सीनियर टीम मध्यप्रदेश में शामिल होने का गौरव प्राप्त किया है। विगत दिवस आयोजित हुए एक दिवसीय महिला क्रिकेट फार्मेट के टूर्नामेंट में मंडला जिले की इस खिलाड़ी का एमपी टीम में उल्लेखनीय योगदान रहा है। शुचि ने बताया कि शुरू से ही उनका सपना था कि वह इंडिया की टीम में शामिल होकर अपने देश के लिए खेलना चाहती है। अब वह सपना भी लगभग पूरा हो ही गया है। शुचि फिलहाल इंडिया की डी टीम में अपना स्थान बना ली है। इसके बाद शुचि अपनी फिरकी गेंदबाजी से इंडिया की टीम में भी शामिल हो जाएगी। शुचि उपाध्याय का कहना है कि वो इंडियन वूमेन क्रिकेट टीम का हिस्सा बनना चाहती हैं। जिसके लिए वह लगातार मेहनत भी कर रही है। शुचि लेफ्ट आर्म स्पिन में माहिर हैं, उसे बैटिंग की बजाय बॉलिंग ज्यादा पसंद है। शुचि का कहना है कि एमपी टीम में शामिल होने के बाद इंडिया की डी टीम में शामिल होकर बड़े शहरों में खिलाडिय़ों के साथ खेलना उसके लिए अच्छा अनुभव है। यह सब मंडला के उन खिलाडिय़ों की बदौलत सम्भव हो सका जो एक लड़की को अपनी टीम का सदस्य बनाकर उसे पूरा मौका दिया था, बस अब उसे टीम इंडिया में एंट्री लेनी है।

आठ मैच में शुचि ने ली 18 विकेट 

बताया गया कि विगत दिवस मणिपुर, दिल्ली, झारखंड, छत्तीसगढ़, गोवा एवं तमिलनाडु, कश्मीर, मुंबई के साथ हुए रोमांचक मुकाबले में एमपी टीम ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। मध्यप्रदेश रहिला फिरदोष के नेतृत्व में एमपी टीम में जबलपुर संभाग के मंडला जिले की उभरती खिलाड़ी शुचि उपाध्याय की फिरकी गेंदबाजी ने सात मैच में 16 विकेट हासिल किए हैं। शुचि ने झारखंड के विरुद्ध 4, तमिलनाडु के 3, छत्तीसगढ़, गोवा, दिल्ली के विरुद्ध 3, कश्मीर विरुद्ध 1 और मुंबई के विरुद्ध 5 विकेट हासिल किए है। फाइनल मुकाबला राजकोट में एमपी विरुद्ध बंगाल के मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट लेकर फिरकी गेंदबाजी का हुनर सबको दिखाया।

फिरकी गेंदबाजी से चैलेंजर ट्राफी में हुआ चयन 

बताया गया कि मप्र सीनियर महिला क्रिकेट टीम ने राजकोट में खेले गए फाइनल मैच में बंगाल को हराकर जीत हासिल की। इसके बाद टीम के आठ महिला खिलाडिय़ों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली चैलेंजर ट्राफी के लिए किया गया। मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला की बेटी शुचि उपाध्याय भी चैलेंजर ट्राफी में शामिल हुई। विगत दिवस चेन्नई में आयोजित टूर्नामेंट में शुचि इंडिया डी टीम का हिस्सा बनकर अपनी फिरकी गेंदबाजी से सबको हैनार कर दी। बताया गया कि शुचि उपाध्याय को नेशनल सीनियर वूमेन ट्राफी में प्लेयर ऑफ द सीरीज घोषित किया गया था। शुचि ने टूर्नामेंट के दौरान शानदार गेंदबाजी करते हुए 18 विकेट अपने नाम किए थे।



 

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