- बीजाडांडी में 21 वीं सदी के कौशलों पर आधारित बूट कैम्प
- छात्राओं ने रचा भविष्य का नया अध्याय, 110 छात्राओं ने लिया हिस्सा
मंडला महावीर न्यूज 29. 21 वीं सदी के कौशलों को प्रोत्साहित करने के लिए शारीरिक साक्षरता, सौंदर्य साक्षरता और गोंड आर्ट पर केंद्रित तीन दिवसीय बूटकैम्प का आयोजन कन्या शिक्षा परिसर बीजाडांडी में किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में कक्षा 6, 7 और 8 की 110 छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और संवाद, सृजनात्मकता, गहन सोच और आपसी सहयोग जैसे महत्वपूर्ण कौशलों को विकसित किया। बूट कैम्प का शुभारंभ विद्यालय के प्राचार्य डॉ. कैलाश चंद्र गुप्ता एवं शाउमावि के प्राचार्य संजय सप्रे ने सरस्वती वंदना के साथ किया। उन्होंने छात्राओं को 21वीं सदी के कौशलों के महत्व को समझाते हुए उनके व्यावहारिक उपयोग पर बल दिया।
कार्यक्रम के पहले दिन ग्रामीण विकास एवं महिला उत्थान संस्थान के प्रमुख रामकुमार सिंगौर ने मंडला की सांस्कृतिक धरोहर गोंड आर्ट का परिचय दिया। उन्होंने गोंड आर्ट के इतिहास, पारंपरिक शैलियों और इसके महत्व को समझाते हुए छात्राओं को इसे सीखने और इसके माध्यम से आय अर्जित करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। श्री सिंगौर ने गोंड आर्ट का अभ्यास कराया और छात्राओं को आवश्यक फीड बैक भी दिया
इक्कीसवीं सदी के कौशलों पर विशेष ध्यान देते हुए पीरामल फाउंडेशन की टीम के इमरान अहमद प्रोग्राम लीडर, प्रवीण देशमुख और अनिकेत कुहिरे ने शारीरिक और सौंदर्य साक्षरता एवं लिंग जागरूकता के माध्यम से छात्राओं को विभिन्न गतिविधियां कराई, जिसमें कौन निकला, दौड़ते भागते दृश्य, रस्सा कसी, बाल टॉस, ब्लाइंड फोल्ड एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से जागरूकर करने का प्रयास किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंडला सहायक आयुक्त श्रीमती वंदना गुप्ता और जिला स्काउट प्रभारी दिनेश दुबे का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। आयोजित बूट कैम्प न केवल छात्राओं के लिए सीखने का अवसर बना, बल्कि 21वीं सदी के कौशलों के महत्व को समझने का भी एक बेहतरीन माध्यम साबित हुआ।