- मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण से क्षेत्र में रोजगार होंगे उपलब्ध
- मधुमक्खी पालन में आने वाली समस्या एवं बजट पर की चर्चा
मंडला महावीर न्यूज 29. विगत दिवस मधुमक्खी पालन एवं वन शहद में उदमीता के अवसर पर भोपाल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पीएचडीसीसीआई के द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें मध्यप्रदेश के एफपीओ एवं अलग अलग संस्थाओं से लोगो ने सहभागिता की। मंडला जिला से नाबार्ड के देबव्रत पाल के सहयोग से सेंटर ऑफ़ डिस्कवरी फॉर विलेज डेवलपमेंट संस्था मंडला से निशार कुरैशी एवं पुरषोत्तम उइके ने सहभागिता की। शहद उत्पादन में रोजगार की संभावना विषय का उद्घाटन वक्तव्य अनिरुद्ध दुबे द्वारा किया गया। इस अवसर पर नाबार्ड भोपाल के सीजीएम द्वारा नाबार्ड की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो लोग वाइल्ड हनी पर कार्य कर रहे है वे मधुमक्खी पालन के कार्य में भी आगे आये। हार्टिकल्चर के डिप्टी डारेक्टर ने शासन की योजना और सबसीडी के विषय में जानकारी दी।
मंडला के निशार कुरैशी ने कहा कि मधुमक्खी पालन से लाभ के साथ उसकी समस्या एवं शहद के मूल्य पर भी चर्चा होनी चाहिए। विभागों को जो बजट दिया जाता है उसमें प्रशिक्षण, टूल किट एवं शहद निकासी मशीन का बजट नहीं होता है, जिसके बिना मधुमक्खी पालन कार्य अधुरा रह जायेगा और सम्बंधित विभागों को भी जिला स्तर पर मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जिससे विभाग के माध्यम से इस क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध हो सके।
विंध्य हर्बल भोपाल से आई श्रीमती सुमन ने बताया की लेब रिपोर्ट में क्या क्या जाँच की जाती है और फिल्ड में ट्राईफेड एवं वन विभाग के द्वारा शहद संग्रहण का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन्दोर से आये मधुमक्खी पलक दीपक बघेल ने मधुमक्खी के बारे में बताया। इस अवसर पर पतंजलि से आये प्रवक्ता ने शहद संग्रहण एवं शहद के प्रकार के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही अन्य वक्ताओं में मनोज मोदी, सुमित अग्रवाल, अनुज गर्ग रवं मनोज मेश्राम ने अपने विचार रखे एवं लोगो को मधुमक्खी पालन के कार्य में आगे आने को कहा। कार्यशाला में प्रवीण रघुवंशी द्वारा मधुक्रान्ति पोर्टल पर पंजीयन की जानकारी दी। आयुष विभाग, वन विभाग, एवं कृषि विभाग के प्रवक्ताओं ने अपनी बात रखी।