अजगर दादर के अजगरों का किया जाएगा प्रचार, प्रसार

  • अजगर दादर के अजगरों का किया जाएगा प्रचार, प्रसार, बनेगा पहुंच मार्ग
  • “अनुभूति” कार्यक्रम से वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में कार्य होंगे-मंत्री श्रीमती संपतिया उइके
  • “अनुभूति” कार्यक्रम से पर्यटक दर्शनीय स्थलों की ओर आकर्षित होंगे
  • मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने भूमिपूजन कर “अनुभूति” कार्यक्रम को संबोधित किया

मंडला महावीर न्यूज 29. प्रदेश शासन की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि वन विभाग के द्वारा अनुभूति कार्यक्रम आयोजित कर वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा रहा है। अनुभूति कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण के महत्व को बताया जा रहा है। जिससे विद्यार्थी बचपन से ही वन्य जीवों की जीवनशैली और वनों की महत्वता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि अनुभूति कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण के लिए सहायक बनेंगे।

मंत्री श्रीमती संपतिया उइके सोमवार को अजगर दादर ग्राम ककैया में वन विभाग द्वारा ईको पर्यटन क्षेत्र अजगर दादर के भूमिपूजन के अवसर पर आयोजित अनुभूति कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर डीएफओ श्रीमती ऋषिभा सिंह नेताम, वन मंडलाधिकारी माधवराव उइके, एसडीएम बिछिया सुश्री सोनल सिडाम, अध्यक्ष ग्राम वन समिति ककैया तेजलाल भलावी, ईको पर्यटन समिति ककैया श्रीमती रूकमणी वरकड़े, प्रफुल्ल मिश्रा, सचिन शर्मा सहित विभागीय अधिकारी एवं विद्यार्थी मौजूद थे। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके के आगमन पर विद्यार्थियों एवं ग्रामीणजनों ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्होंने इसके बाद माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वन विभाग के द्वारा अजगर दादर की तरह लगातार कैम्प लगाना चाहिए। जिससे जिले के पर्यटक और दर्शनीय स्थलों की जानकारी सभी को हो सके।

क्षेत्र के नागरिकों को महत्वपूर्ण योगदान

मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि अजगर दादर में वन विभाग के द्वारा अजगर सांपों को संरक्षित करने का कार्य किया गया है। जिसकी वजह से अजगर सांपों की संख्या अत्यधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि अजगर सांपों की संख्या इस क्षेत्र में अधिक होने के कारण वन परिक्षेत्र के द्वारा अजगर सांपों को संरक्षित करने के लिए इस स्थल का चयन किया गया है। जब भी कोई पर्यटक या नागरिक इस क्षेत्र में सुबह-सुबह आते हैं तो उन्हें अजगर सांप दिखाई देते हैं। अजगर दादर में सांपों को संरक्षित करने के लिए इस क्षेत्र के नागरिकों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। वन विभाग के द्वारा “अनुभूति” कार्यक्रम के माध्यम से वन एवं वन्यप्राणियों को संरक्षण करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे विद्यार्थी और नागरिकों की सहभागिता ली जा रही है। उन्होंने इस कार्य के लिए वन विभाग के अमले को धन्यवाद दिया। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने अनुभूति कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों और नागरिकों को वन एवं वन्य जीवों के संबंध में जानकारी देने को कहा। जिससे वे वन एवं वन्यजीवों का महत्व समझ सकें और इनके संरक्षण की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी “अनुभूति” कार्यक्रम से सीखकर अपने स्कूलों और घरों में सभी को वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण के बारे में जानकारी दें।

सांपों की जीवनशैली संबंधित बोर्ड लगाने दिए निर्देश

मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि वन विभाग के द्वारा लगातार वन एवं वन्य जीवों के बचाव के लिए कार्य किए जा रहे हैं। इस कार्य में वन समितियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार की अधिकांश योजनाएं वन विभाग एवं वन समितियों के माध्यम से संचालित होती है। जिससे वन एवं वन्य प्राणियों का संरक्षण व सुरक्षा हो सके। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने आयोजित कार्यक्रम में सुझाव दिया कि अजगर दादर में आने वाले पर्यटकों से दस रूपए शुल्क लिया जाए।
उन्होंने अजगर दादर में दिखाई देने वाले सांपों के बारे में सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। जिससे पर्यटक अजगर दादर की ओर आकर्षित हो सकें। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने अजगर दादर में सांपों की जीवनशैली से संबंधित बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। जिससे आने वाले पर्यटकों को सांपों की जीवनशैली के बारे में जानकारी मिल सके। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने इस अवसर पर अजगर दादर तक एक सुरक्षित सड़क मार्ग बनाने की बात कही।


 

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