शीतलहर से बचने बरतें सावधानी

शीतलहर के प्रभाव से बचने बरतें सावधानी

  • चिकित्सकों ने दी आमजनों को सलाह

मंडला महावीर न्यूज 29. शीतलहर का प्रभाव प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी के महीनों में होता है और कभी-कभी विस्तारित शीत लहर की घटनाएं नवंबर से फरवरी माह तक होती है। वर्तमान में जिले में शीत लहर का प्रभाव जारी है। जिसके चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडऩे के साथ-साथ यदाकदा मृत्यु होना भी संभावित है।

सीएचएमओ डॉ. केसी सरोते द्वारा आमजनों के लिए जारी एडवाईजरी में बताया गया कि शीतलहर का नकारात्मक प्रभाव गर्भवती महिलाओं, वृद्धजनों एवं 5 वर्ष के छोटे बच्चों पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों, बेघर व्यक्तियों, दीर्घकालिक बीमारियों से पीडि़त रोगियों, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए भी शीतलहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है।

इनका कहना है

शीत ऋतु में शीत-घात (शीत लहर) में जन सामान्य को सलाह है कि पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनें जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जूते आदि पहनें। शीतलहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें, अतिआवश्यक हो तो ही बाहर यात्रा करें।


डॉ. सुरेन्द्र निठारवाल

शीत लहर के दौरान नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहें। आवश्यकतानुसार रूम हीटर का उपयोग करें एवं रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। शीत लहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है।


डॉ. मिताली डामौर

फ्लू, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर चिकित्सक से संपर्क करें। सामान्य से कम शरीर का तापमान, न रूकने वाली कंपकपी, यादाश्त चले जाना, बेहोशी या मूर्छा की अवस्था का होने पर चिकित्सक से संपर्क कर उपचार प्राप्त करें।


डॉ. राकेश विश्रोई


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