- पूतना वध ,गोवर्धन पूजा के साथ कृष्ण की माखन चोरी लीला का वर्णन
- श्री सिद्धेश्वर धाम सुरंगदेवरी में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण
मंडला महावीर न्यूज 29. जीव कल्याण सेवा संस्थान सांई दरबार धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में सभी भक्तों के सहयोग से दशम वर्ष में प्रवेश कर चुका है। जिसके उपलक्ष्य में सिद्धेश्वर धाम सुरंगदेवरी में श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन किया जा रहा है। 5 जनवरी को साँई जन्मोत्सव, गीता, पूर्णाहुति, कन्याभोज एवं भण्डारा का आयोजन किया जाएगा। कथावाचक पं. ललित मिश्रा एवं आचार्य पंडित सनद महाराज की उपस्थिति में सम्पूर्ण श्रीमद् भागवत महापुराण का आयोजन किया जा रहा है।
सिद्धेश्वर धाम सुरंगदेवरी में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण में नववर्ष को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जिसमें पूज्य व्यास जी महाराज ललित नारायण मिश्रा ने कथा का वाचन करते हुए बताया कि कैसे प्रभु भादों माह की कृष्ण पक्ष अष्ठमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिये। कथा में आगे बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने अष्ठमी को ही जन्म क्यों लिया और प्रभु श्री राम ने नवमी को जन्म क्यों लिया इसका विस्तार से वर्णन श्रोताओं को सुनाया।
भगवान श्रीकृष्ण की लीला का किया बखान
श्रीमद् भागवत महापुराण के पांचवें दिन पंडित ललित मिश्रा ने पूतना वध ,गोवर्धन पूजा एवं कृष्ण की माखन चोरी लीला का विस्तार से वर्णन सुनाया। जिसमें उन्होंने बताया कि श्री मद्भागवत पुराण में भगवान श्रीकृषष्ण की लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। जिसमें भगवान की तीन महत्वपूर्ण लीला है। कथा में पूतना वध का वर्णन करते हुए बताया कि पूतना वध भगवान श्रीकृष्ण की एक प्रसिद्ध लीला है। यह घटना भगवान कृष्ण के बचपन में घटित हुई थी। कंस ने भगवान कृष्ण को मारने के लिए पूतना नामक एक राक्षसी को भेजा था। पूतना ने अपने स्तन में जहर भर लिया और भगवान कृष्ण के पास जाकर उन्हें दूध पिलाने का बहाना बनाया। भगवान कृष्ण ने पूतना की चाल को समझ लिया और उसके स्तन से जहर निकालकर उसे मार डाला। इस प्रकार भगवान कृष्ण ने पूतना का वध किया और अपने जीवन की रक्षा की।
गोवर्धन पूजा का वर्णन करते हुए बताया कि गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण की एक प्रसिद्ध लीला है। यह घटना भगवान कृष्ण के बचपन में घटित हुई थी। उस समय भगवान कृष्ण के गाँव में बाढ़ आई थी और लोगों के घरों में पानी भर गया था। भगवान कृष्ण ने अपने गाँव को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाकर अपने गाँव को बचाया। इस प्रकार भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर अपने गाँव को बचाया और गोवर्धन पूजा की शुरुआत की। तीसरी लीला में कृष्ण की माखन चोरी भगवान श्रीकृष्ण की एक प्रसिद्ध लीला है। यह घटना भगवान कृष्ण के बचपन में घटित हुई थी। भगवान कृष्ण अपने मित्रों के साथ मिलकर गोपियों के घरों से माखन चुराते थे। गोपियाँ भगवान कृष्ण की इस चोरी से बहुत परेशान थीं, लेकिन भगवान कृष्ण की चोरी को रोकने में असमर्थ थीं। इस प्रकार भगवान कृष्ण ने अपने मित्रों के साथ मिलकर माखन चोरी की लीला को पूरा किया और गोपियों को अपने प्रेम का अनुभव कराया।