क्रिसमस पर्व – कैरोल सिंगिंग को लेकर युवाओं में है उत्साह
- कैरोल सिंगिंग के साथ गिरजाघरों में चल रही विशेष तैयारी
- घर-घर दे रहे प्रभु यीशु के प्रेम और शांति का संदेश
मंडला महावीर न्यूज 29. प्रभु यीशु के जन्म का त्योहार क्रिसमस पर्व 25 दिसंबर को मनाया जाएगा। आपसी भाइचारे और प्रेम और शांति का संदेश देने वाला पर्व क्रिसमस पर्व है। जिसे लेकर समाज के लोगों में काफी उत्सुकता दिखाई दे रही है।शहर के गिरजाघरों में पर्व को धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है। गिरजाघर को रंग-रोगन के साथ रंग-बिरंगी रोशनी की भी व्यवस्था की जा रही है। बता दे कि प्रभु के जन्मदिन को लेकर चर्च में साफ-सफाई का कार्य अंतिम चल रहा है। युवा की टोली घर-घर जाकर प्रभु के जन्म का सुसंदेश लोगों के बीच दे रहे हैं। इसके साथ ही कैरोल सिंगिंग भी कर रहे हैं।
जानकारी अनुसार मसीही समाज में हर किसी को बस उस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है, जब प्रभु यीशु धरती पर आकर अपने पुत्रों का उद्धार करेंगे, युवा और बड़े हर कोई क्रिसमस को सेलिब्रेट करने की तैयारी में जुटा है। क्रिसमस के लिए चर्च और सेमनरी में तरह-तरह की सजावट की जा रही है। इसके साथ चर्च और सामाजिक जनों के घर-घर जाकर कैरोल सिंगिंग की धूम मची हुई है।
बताया गया कि कैरोल सिंगिग का मुख्य उद्देश्य प्रभु यीशु के धरती पर आने का संदेश घर-घर तक पहुंचा जा सके पूरे विश्व में क्रिसमस धूमधाम से मनाया जाता है। जहां एक और युवा प्रार्थना में अधिक समय दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर कैरोल सिंगिंग के माध्यम से लोगों में उत्साह बढ़ता जा रहा है,इसके लिए युवा समूहों में जाकर गीत गायन से मनोरंजन करते हुए संदेश दे रहे हैं, इसके लिए अलग अलग क्षेत्र में अलग तारीखों में आयोजन किए जा रहे हैं।
इनका कहना है
क्रिसमस के आगमन को लेकर हम युवाओं में कैरोल सिंगिंग को लेकर काफी उत्साह है सभी घरों में जाकर कैरोल गायन एवं प्रभु यीशु का संदेश सुना रहे हैं, प्रभु का साया मुझ पर छाया रहता है क्योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं जनमानस को प्रभु यीशु का संदेश का समाचार प्रेषित करूँ और प्रभु के अनुग्रह का वर्ष घोषित करूं, यह एक प्रेम एवं शांति का प्रतीक है इसी के साथ हम सभी को भी क्रिसमस पर्व के लिए खुशियां बांट रहे हैं जिसके लिए विभिन्न तैयारियों में जुटे हुए हैं।
प्रभु यीशु का जन्मदिवस हम सभी के दिलों को हर्ष से भर देता है, कैरोल सिंगिंग के माध्यम से प्रभु यीशु के जन्म का संदेश देते हैं, क्रिसमस पर्व के आगमन में यीशु मसीह के जन्मोत्सव के गीत गाकर हम उनकी महिमा करते हैं, क्रिसमस पर्व के माध्यम से हम यह संदेश देते हैं कि संसार में शांति एवं प्रेम हमेशा बना रहे, कैरोल सिंगिंग के माध्यम से हम घरों में जाकर यह संदेश देते हैं कि हमारे लिए उद्धार करता मुक्तिदाता का जन्म हुआ है एवं संसार में सभी के लिए सुख शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
क्रिसमस पर्व को सेलिब्रेट करने के लिए कैरोल सिंगिंग जिसमें सभी विश्वासी भाई बहनों के घर जाकर उनके साथ नाच के, गाकर के और प्रार्थना करके प्रभु यीशु के आने का संदेश उनको फिर से बताते हुए खुशियां बांट रहे हैं। सिर्फ खुशियां ही नहीं अपितु जब प्रभु यीशु के जन्मदिन को हम सेलिब्रेट करें तो हमारे दिल और दिमाग में किसी भी के प्रति, कोई भी द्वेष की भावना ना रहे। ये संदेश भी कैरोल सिंगिंग के माध्यम से सभी तक पहुंचाना आरंभ कर दिए हैं। इसी संगीत मनोरंजन के साथ गु्रप में युवा उत्साहित रहते हैं।
क्रिसमस पर्व नजदीक आ रहा है, अब दुनियाभर में ख्रीस्तीय विश्वासी एक दूसरे को नाच गाने के साथ बालक यीशु के जन्म का सुसमाचार सुनाएंगे, इस उत्सव में गाये जाने वाले गीत क्रिसमस कैरोल गीत कहलाते हैं, अक्सर इन गीतों का क्षेत्रीयकरण भी हो जाता है, हमारे क्षेत्र में प्रचलित कुछ कैरोल गीतों में राग करमा और राग ददरिया का भी प्रयोग किया जाता है, मगर चाहे विश्व का कोई भी कोना हो, कैरोल गायन का मुख्य संदेश यही होता है कि हम, आने वाले शुभ अवसर के लिए आध्यात्मिक रूप से तैयार रहें और मसीह के जन्म का उत्सव एकता और भाईचारे के साथ मनाएं।
रेवरेंट ललित सोलोमन
फादर, सेंट लुक्स चर्च मंडला