समता श्रमण का चातुर्मास के बाद हुआ व्रती नगरी पिंडरई से बिहार

समता श्रमण का चातुर्मास के बाद हुआ व्रती नगरी पिंडरई से बिहार

मंडला महावीर न्यूज 29. व्रती नगरी पिंडरई में 5 माह के प्रवास के बाद 14 दिसंबर को पूज्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समता सागर जी महाराज ससंघ का व्रती नगरी पिंडरई से मंगल बिहार हुआ। बताया गया कि इस वर्ष व्रती नगरी वासी लगातार 5 माह से समता सरोवर में डुबकी लगा रहे थे। ऐतिहासिक जैन धर्म की प्रभावना के साथ यह ऐतिहासिक चातुर्मास भव्यता के साथ संपन्न हुआ। मुनि संघ के बिहार के दौरान जन जन की आंखें नम थी, बच्चों से लेकर वृद्ध जानो तक सभी का ह्रदय भावुक था। बिहार की बेला में समाज के प्रत्येक घरों मुनि श्री के पाद प्रक्षालन हुआ और जन समूह के मध्य मुनि श्री का बिहार पिंडरई से केवलारी की ओर हुआ।


मुनि श्री से सभी ने बहुत निवेदन किया कि मुनि श्री का थोड़ा सानिध्य और मिले लेकिन साधु सरिता के सामान होते है जैसे नदी एक स्थान में नहीं थमती वह तो लगातार बहती जाती है ठीक वैसे ही साधु लगातार आगे बढ़ते एक ही स्थान में नहीं रुकते नहीं। पूज्य मुनि संघ आचार्य महाराज श्री समय सागर जी की आज्ञा से युग शिरोमणि आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी के प्रथम समाधि दिवस पर समाधि स्थल चंद्रगिरि की ओर जा रहे है। आगामी 1 फरवरी से 8 फरवरी तक समाधि स्थल चंद्रगिरि में विशाल संघ के मंगल सानिध्य में सिद्ध प्रभु की आराधना श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान के माध्यम से की जाएगी।


 

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