16 राज्यों से की 7 करोड़ की ठगी, मंडला पुलिस ने पकड़ा

  • 16 राज्यों से की 7 करोड़ की ठगी, मंडला पुलिस ने पकड़ा
  • ग्राम अंजनिया में एक ही व्यक्ति से 17 लाख रूपए की थी ठगी
  • अंतर्राज्यीय सायबर ठगों ने व्हाटसअप व टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट के नाम लोगों को ठगा

मंडला महावीर न्यूज 29. व्हाटसअप व टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट के नाम से ठगी करने अंतर्राज्यीय सायबर ठग गिरोह का मंडला पुलिस ने खुलासा किया है। सायबर ठगों ने देश के 16 राज्यों में 48 शिकायतों में 6 करोड 96 लाख रुपए से भी अधिक की ठगी की है। जिसमें गु्रप में जोड़कर ट्रेडिंग वा इन्वेस्टमेंट के नाम पर चौकी अंजनियां के एक व्यक्ति से 17 लाख रुपए की ठगी की गई। मामले में एफआईआर के बाद मंडला अंजनियां पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने बताया कि 30 सितंबर 2024 को आवेदक अंकुश झारिया निवासी ग्राम अंजनियां ने चौकी में लिखित आवेदन दिया था। जिसमें बताया कि 25 अगस्त 2024 को मोबाईल नंबर से मैसेज किया गया कि हम ऑन लाईन ट्रेडिंग के माध्यम से लोगों को अच्छा मुनाफा कमा देते हैं एवं आपके मुनाफे का 15 प्रतिशत सेवा शुल्क लेते हैं। जिससे प्रभावित होकर अंकुश ने 26 अगस्त 2024 को 20 हजार रुपए की राशि ठगों को भेजी। ठगों ने मोबाइल नवंबर एक लिंक भेजी जिससे अकुंश ने ऐप डाउनलोड किया। जिसमें कोटेक का लोगों दिख रहा था एवं कोटेक अल्टरनेट असेट मैनेजर लिमिटेड आ रहा था एवं राशि 20 रुपए भी दिख रही थी। इसके बाद अंकुश को 28 अगस्त 2024 को फिर से बोला गया कि आप जितनी अधिक राशि जमा करेंगे उतना अधिक मुनाफा कमाएंगे।

28 अगस्त को 15 हजार रुपए की राशि फिर से फोन-पे के माध्यम से भेज दी। जिसका एवं ट्रेडिंग ऐप में 15 हजार रुपए की राशि जुडकऱ मुनाफा दिखता रहा। 4 सितंबर को अंकुश को कॉल करके बोला गया कि पर्मानेंट मेंबर बनना है तो गु्रप के प्रमुख से मोबाईल पर व्हाट्सअप के माध्यम से संपर्क कर लें। अंकुश ने बताया कि आप जितना ज्यादा पैसा लगाओगे और प्रोफिट कमाओगे जिससे पर्मानेन्ट बनने के लायक हो जाओगे। जिसके बाद अंकुश ने 17 लाख रुपए पिता के रिटायरमेंट में मिली राशि बैंक से निकालकर आरटीजीएस के माध्यम से ठगों के बताए खाते में भेज दी। 17 सितंबर को एप में अंकुश को 72 लाख 11 हजार 56 रूपए अपने ट्रेडिग अकाउंट में माइनस में दिखा। अंकुश की चिंता बढ़ गई। अंकुश को फिर 72 लाख रुपए जमा करने के लिए बोला गया अन्यथा राशि डूब जाने की बात कही। अंकुश को ठगी का पता चला तो तत्काल पुलिस को सूचना दी गई।

शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। सायबर सेल की मदद से कई महत्वपूर्ण सुराग मिले। जिसको कन्फर्म करने के बाद उनि लाखन सिंह राजपूत के नेतृत्व में गुजरात रवाना हुई टीम ने गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, राजकोट, मेहसाणा में रूककर सायबर सेल व मुखबीरों के माध्यम से तीन शातिर आरोपियों विशाल झाला पिता शंकर झाला उम्र 27 वर्ष निवासी महादेव मंदिर नगर चौक वेडा थाना कलोल जिला गांधीनगर गुजरात, लक्ष्मण पिता आत्मराम ठाकौर उम्र 47 वर्ष निवासी दानज थाना कलोल जिला गांधीनगर गुजरात, नीरव पोपट पिता मनी लाल उम्र 43 वर्ष निवासी के. 1201 गाला हैवन वैष्णव देवी सर्कल के पास एसजी हाईवे अहमदाबाद गुजरात को गिरफ्तार किया गया व अन्य आरोपीगण फरार हैं।

कंपनी के आइपीओ खरीदने को देते रहे झांसा 

शातिर आरोपी व्हाटसअप व टेलीग्राम ग्रुप में लोगों को जोड़कर ट्रेडिंग व इन्वेस्टमेंट के नाम से ठगी करते थे। अंतर्राज्यीय सायबर ठगों ने देश के 16 राज्यों में 48 शिकायतों में 6 करोड़ 96 लाख रुपए की ठगी की है। देश के राज्य दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उत्तरप्रदेश, गुजरात, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, बिहार, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश सहित 16 राज्यों में ठगी की है। शातिर आरोपियों की मोडस ऑपरेंडी ये थी कि ये लोग लोगों को कंपनी के आईपीओ खरीदने व ऑनलाईन आइपीओ खरीदने का झांसा देते थे।

गरीबों के खाता खुलवाकर रख लेते थे चैक बुक 

गरीब, मजदूर, वृद्ध लोगों के बैंकों में खाता खुलवाकर उनकी चैक बुक में उनके हस्ताक्षर करवाकर खुद रखते थे जिनके खातों में ये कॉल सेंटर के माध्यम से इन्वेस्टमेंट के नाम पर पैसा जमा कराते थे फिर उनकी चैक बुक के माध्यम से खुद जाकर बैंक से पैसा निकालकर शेयरिंग करते थे। एसपी ने बताया कि यह गिरोह देश के बड़े शहरों में अपना फर्जी कॉल सेंटर संचालित करते हैं जिसमें से एक टीम फर्जी कॉल सेंटर चलाती है और दूसरी टीम पैसा विड्राल कराती है। इसमें कई फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और देश के कई राज्यों में इनकी टीमें काम कर रही है। इस प्रकार के गंभीर प्रवृत्ती के अपराध करने वाली गैंग को करीब एक सप्ताह की कड़ी मेहनत व विपरीत परिस्थितियों में गुजरात राज्य में सायबर सेल के सहयोग से काफी प्रयासो के बाद गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। मंडला मध्यप्रदेश पुलिस की एक बडी उपलब्धि है। उक्त स्पेशल टीम में चौकी प्रभारी अंजनियां उनि लाखन सिंह राजपूत, सउनि अशोक चौधरी, प्रधान आरक्षक भूपेन्द्र धुर्वे, आरक्षक सुनील सिंह, आरक्षक कीर्ति कुमार, आरक्षक विलेन्द्र नायक, आरक्षक अंचल बघेल एवं सायबर सेल टीम की विशेष भूमिका रही।


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