- टीबी लाइलाज बीमारी नहीं, अब इलाज संभव
- जिले को टीबी मुक्त बनाने आज से शुरू होगा 100 दिवसीय नि:क्षय शिविर
मंडला महावीर न्यूज 29. क्षय यानि टीबी रोग अब लाइलाज बीमारी नहीं है, टीबी का इलाज होता है, टीबी से डरने की किसी को भी जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी भारत को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया है जिसमें मंडला जिला भी अपनी सहभागिता निभा रहा है। भारत और जिला मंडला को टीबी मुक्त बनाने जिले के स्वास्थ्य कर्मचारी मैदानी स्तर पर कार्य कर रहे है। जिससे जिला टीबी मुक्त हो सके। टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत 100 दिवसीय नि:क्षय शिविर की शुरूआत आज सात दिसंबर से की जाएगी। जिसके लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें इस 100 दिवसीय शिविर के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
जानकारी अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 में देश को टीबी (क्षय रोग) से मुक्त कराने का संकल्प लिया था। लोगों की जिंदगी बचाने प्रधानमंत्री श्री मोदी के इस अभियान में सहभागिता कर हम सब उनके साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। सभी की सक्रिय सहभागिता से कोई भी प्रभावित व्यक्ति टीबी की जांच और इलाज से वंचित नहीं है। टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, टीबी का इलाज है और टीबी से डरने की जरूरत नहीं है। टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणगंज में सीबीएमओ डॉ. अमृत लाल कोल के मार्गदर्शन में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी समेत स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद रहे।
सीबीएमओ डॉ. अमृत लाल कोल ने उपस्थित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बताया कि हम सब सक्रियता के साथ इस अभियान में भागीदारी करें। हमारे आसपास कोई भी टीबी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति हो तो उसे इस अभियान का हिस्सा अवश्य बनाएं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लोगों का जीवन बचाने के लिए शुरू किये गए इस 100 दिवसीय नि:क्षय शिविर में जिले का प्रत्येक व्यक्ति एक कार्यकर्ता है। हम सब मिलकर टीबी से प्रभावित व्यक्तियों को इस रोग से मुक्त कराने का प्रयास करें। सबके प्रयासों से देश को टीबी मुक्त कर, प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को साकार करने में निश्चित ही सफलता मिलेगी।
एसटीएस देवेन्द्र साहू ने आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी और स्वास्थ्य कर्मचारी को 100 दिवसीय नि:क्षय शिविर के आयोजन से संबंधित जानकारी को विस्तार से बताया। श्री साहू ने बताया कि आयुष्मान आरोग्यम मंदिर के अंतर्गत आने वाले सभी उच्च जोखिम वाले मरीज जो पूर्व में टीबी रोग से ग्रसित हुए हो, परिवार में कोई टीबी का मरीज हो, डायबिटीज मरीज, एचआईवी पीडि़त, कुपोषित मरीज और 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जानी है। जिसके लिए रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इसके साथ ही एक्टिव केस फाइडिंग के तहत ग्रामों में मैदानी स्तर पर सर्वे कार्य आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा।
कार्यशाला में आगे बताया कि आयोजित 100 दिवसीय नि:क्षय शिविर में आयुष्मान आरोम्यम मंदिर स्वास्थ्य संस्था के माध्यम से नि:क्षय शिविर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इस 100 दिवसीय नि:क्षय शिविर में आप सभी आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगनी और सीएचओ, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, सुपरवाईजर समेत अन्य मैदानी स्वास्थ्य अमले की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। जिसमें सभी मिलकर इस बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को खोज कर लगने वाले शिविर स्थल तक लाने की जिम्मेदारी लेनी होगी। जहां संभावित और पीडि़त व्यक्तियों की जांच कर उसका उपचार शुरू किया जाएगा। जिससे वह पीडि़त व्यक्ति जल्द से जल्द इस बीमारी से मुक्त हो सके।
कैम्प स्थल में जाएगी टीबी वैन, होगी शिविर में जांच
एसटीएस देवेन्द्र साहू ने बताया कि आयोजित होने वाले 100 दिवसीय नि:क्षय शिविर में सभी की सहभागिता से इस अभियान को सफल बनाने का पुरजोर प्रयास किया जा रहा है। आयोजित होने वाले इस शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक टीबी वैन की उपलब्धता कराई गई है। इस वैन में टीबी से संबंधित सभी जांच की जाएगी। जिसमें एक्सरे मशीन, सीबी नॉट मशीन भी उपलब्ध रहेगी। जहां आने वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी।
मरीजो की होगी स्क्रीनिंग
जिला क्षय अधिकारी डॉ. सुमित सिंगौर ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी एवं कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर द्वारा शिविर में आने वाले सभी उच्च जोखिम वाले मरीजों की स्क्रीनिंग, टीबी के लक्षणों में की जाएगी। लक्षण मिलने पर इन मरीजों की टीबी जांच कर संपूर्ण काउंसलिंग कर जांच कराई जाएगी। जिसके बाद इन मरीजों का उपचार शुरू किया जाएगा और उनका फालोअप लिया जाएगा। जिससे पीडि़त मरीज जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो सके।