- कैबिनेट मंत्री के बंगले के सामने घंटो बैठे रहे प्रदर्शनकारी
- अंशकालीन कर्मचारियों का 10 वर्ष से नहीं बढ़ा वेतन
- छात्रावासों की रसोईयों के वेतन में भी विसंगतियां एवं असमानता
- चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग
मंडला महावीर न्यूज 29. अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचे आउट सोर्स, अस्थाई, अशंकालीन, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कैबिनेट मंत्री के बंगले के सामने प्रदर्शन किया। कैबिनेट मंत्री को ही ज्ञापन देने की बात कही और सभी कर्मचारी बंगले के सामने ही बैठ गए। इस दौरान अपनी मांगो से सबंधित नारेबाजी भी की। दोपहर करीब 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक प्रदर्शन जारी रखा।
जानकारी लगने के बाद एसडीएम ने कर्मचारियों को समझाईश दी और ज्ञापन लेने की बात कही। लेकिन कर्मचारी केबिनेट मंत्री से ही मुलाकात करने पर अड़े रहे। जिला अध्यक्ष शैलेष मानिकपुरी, मंडला ब्लॉक अध्यक्ष संत लाल मरावी, भृत्य संघ जिला सचिव विरान पावले सहित आधा सैंकड़ा कर्मचारी मौजूद रहे। संत लाल मरावी ने बताया कि प्रदेश के स्कूलों एवं छात्रावासों में हजारों की संख्या में अंशकालीन कर्मचारी काम करते हैं, जिनके वेतन में 10 साल से कोई वृद्धि नहीं हुई है, उन्हें बढ़ती महंगाई में भी 5 हजार रुपए मात्र मिल रहे हैं। इसी तरह आवासीय छात्रावासों की रसोईयों के वेतन में भी विसंगतियां एवं असमानता है, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए।
अंशकालीन कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों के विरुद्ध काम कर रहे हैं, इनकी नियुक्ति शासन द्वारा तय नियमों के तहत हुई है, जो 15-20 साल से काम कर रहे हैं।
स्कूलों-छात्रावासों के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में भी समानता नहीं है, यह चिंता की बात है। ज्ञापन में अंशकालीन कर्मचारियों की सालों से चली आ रही वेतन वृद्धि एवं नियमितीकरण की मांग मांग रखी गई। जिसमें बताया गया कि शिक्षा विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग के अंशकालीन, दैनिक मजदूरी, रसोईया आदि कर्मचारियों को मप्र शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दिलाया जाए। अंशकालीन कर्मचारियों को चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियमित किया जाए, जिससे उनकी नौकरी में स्थायित्व और सम्मान जनक वेतन मिल सके। चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउटसोर्स भर्ती बंद कर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।