जल, जंगल, जमीन के साथ सदियों पुरानी परंपराओं को सुरक्षित रखने प्रयास

  • जल, जंगल, जमीन के साथ सदियों पुरानी परंपराओं को सुरक्षित रखने प्रयास
  • वनवासी विकास परिषद महाकौशल द्वारा दो दिवसीय पेसा कार्यशाला आयोजित
  • पेसा क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम 2006 और पेसा अधिनियम 1996 की दी जानकारी

मंडला महावीर न्यूज 29. पेसा एक्ट मप्र पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्र का विस्तार नियम 2022 के अंतर्गत मप्र के अनुसूचित क्षेत्र में लागू अधिनियम के तहत मंडला में वनवासी विकास परिषद महाकोशल द्वारा विकासखंड भुआबिछिया में दो दिवसीय पेसा कार्यशाला का आयोजन किया गया। पेसा कार्यशाला में मंडला जिले के चार विकासखंड घुघरी, मोहगांव, बिछिया और मवई के ग्राम सभा सदस्य, पेसा एक्ट अन्तर्गत समितियों के सदस्य के साथ अन्य ग्रामीणजनों ने पेसा कार्यशाला में सहभागिता की। पेसा कार्यशाला में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय हित रक्षा प्रमुख गिरीश कुबेर मौजूद रहे। जिन्होंने कार्यशाला की शुरूआत की।

कार्यशाला के प्रारंभ में सर्वप्रथम जनजातीय नायक एवं महापुरुष बिरसा मुंडा के चित्रण में पुष्प अर्पित कर पेसा कार्यशाला की शुरुआत की। इस अवसर पर गिरिश कुबेर अखिल भारतीय अधिकारी, श्री प्रेम सह प्रान्त संगठन मंत्री, विजेन्द्र कोकडिय़ा समाजिक कार्यकर्ता, झालूलाल टेकाम कल्याण आश्रम अध्यक्ष मंडला मौजूद रहे। गिरीश कुबेर द्वारा पेसा कार्यशाला में समस्त प्रतिभागियों को वन अधिकार अधिनियम 2006 के बारे में विस्तार पूर्वक प्रतिभागियों को जानकारी दी। प्रतिभागियों को श्री कुबेर ने कार्यशाला में बताया कि 700 से अधिक अनुसूचित जनजाति की सूची संविधान के आदेशों के माध्यम से तैयार की गई थी। इस सूची में शामिल जनजातियों को विशेष अधिकार और सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से आगे बढऩे में मदद मिल सके।

पेसा एक्ट और व्यक्तिगत वन अधिकार की दी जानकारी 

पेसा कार्यशाला में उपस्थित ग्रामीण और अतिथियों को बताया कि ग्राम सभा के गठन के दौरान पेसा एक्ट का उद्देश्य जल, जंगल, जमीन और सदियों से चली आ रही रूडी प्रथा, संस्कृति और परंपराओं की सुरक्षा करना है। इस अधिनियम के तहत ग्रामीण समुदाय को अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण में अधिक अधिकार दिए गए। इसके साथ गिरीश कुबेर ने बताया कि ग्राम सभा में सभी ग्रामवासियों को ग्राम सभा के कार्य समिति के कार्य एवं ग्राम सभा की ताकत के विषय में विस्तार से बताया। इसके साथ ही वन अधिकार अधिनियम 2006 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने आगे व्यक्तिगत वन अधिकार की जानकारी दी। जिसमें व्यक्तिगत वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार ऐसे ग्राम जो वन ग्राम हैं और वहां निवास करते हैं तो वह अपने निवास स्थान एवं उपयोग किए जाने वाले भूमि का अधिकार पत्र वन अधिकार कानून के तहत व्यक्तिगत अधिकार पत्र प्राप्त कर सकते हैं।

सामुदायिक वन अधिकार को समझाया 

कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को सामुदायिक वन अधिकार की जानकारी भी दी गई। जिसमें बताया कि ग्राम के निवासी अपने वन पर अधिकार के लिए सामुदायिक संसाधनों पर अधिकार प्राप्त करने के लिए एक सामुदायिक अधिकार पत्र की मांग करते हैं। उन्हें वन में सामुदायिक अधिकार प्राप्त होता है। जिसमें उन्हें अपने मवेशियों के लिए चारागाह, गोठान इत्यादि संसाधनों की उपलब्धता की जाती है। आयोजित कार्यशाला पेसा एक्ट मार्गदर्शक गौरव शर्मा, पेसा सह समन्वयक एवं पेसा जिला समन्वयक सोमेंद्र कुशराम के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। इस कार्यशाला में जिले के नौ विकासखंड के पेसा विकासखंड समन्वयक जितेंद्र धुर्वे, प्रतीक उईके, सोनू मरावी, तरेंद्र मरावी, अनूप उईके, सुरेश तेकाम, उमेश पट्टा मौजूद रहे।


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