- स्वयं भगवान अपने परम भक्तों से मिलने रहते है लालयित
- पंडित अनुज कृष्णम जी महाराज ने किया दादा गुरु के नर्मदा मिशन का समर्थन
- कथा के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्म का किया वर्णन
मंडला महावीर न्यूज 29. निवास के समीपी ग्राम पिपरिया में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म कथा सुनाई गई। कथा वाचक पंडित अनुज कृष्णम ने बड़े ही सुंदर ढंग से सुनाया जिसे उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथा व्यास ने कहा भक्तों पर कृपा करने भगवान नारायण समय-समय पर अवतार लेते रहते हैं। जिससे वे बैकुंठ लोक से वंचित अपने भक्तों से भी मिल सकें। स्वयं भगवान भी अपने परम भक्तों से मिलने के लिए लालयित रहते हैं। जिनसे मिलने के लिए कभी राम तो कभी कृष्ण के रूप में अवतरित होते हैं। भगवान मृत्यु लोक में धर्म की हानि होने पर धर्म की पुनस्र्थापन के लिए जन्म लेते हैं। भगवान श्री कृष्ण का अवतरण भी पृथ्वी पर बढ़ रहे कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ था।
कथा पंडाल में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। जिसमें नंदबाबा, माता यशोदा और भगवान श्रीकृष्ण के साथ बाल सखा गोपी आदि की मनमोहक झांकी एवं बैंड बाजों आतिशबाजी के बीच नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के घोष किए गए। इस अवसर पर भगवान को गुड़ के लड्डू का भोग लगाया गया और श्रृद्धालुओं में वितरित किए गए।
माँ नर्मदा मोक्ष एवं जीवन दायिनी
मोक्ष एवं जीवन दायिनी है मां नर्मदाकथा व्यास पंडित अनुज कृष्णम ने कहा कि नर्मदा एकमात्र ऐसी नदी हैं। जिनकी परिक्रमा की जाती हैं और यह एक ऐसी नदी हैं जिनके ऊपर पुराण भी लिखे गए हैं मोक्ष एवं जीवन दायिनी भी मानी गई हैं, जिसके दर्शन मात्र से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। जिसकी पवित्रा और संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है। नर्मदा तटों और घाटों पर स्वच्छता बनी रहे इसके लिए समय समय पर स्वच्छता अभियान चलाया जाना चाहिए। नर्मदा जल में प्लास्टिक के बने पात्रों का उपयोग नहीं करना चाहिए। दीपदान भी ईको फ्रेंडली दौनों से करना चाहिए। मां नर्मदा की अविरल धारा प्रवाहित होती रहे इसके लिए नदी के किनारे पौधारोपण करना चाहिए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।