चिया सीड से मंडला के किसानों को लखपति बनाने की कवायद

  • चिया सीड से मंडला के किसानों को लखपति बनाने की कवायद
  • संचालनालय को भेजा दो हजार हेक्टेयर का प्रोजेक्ट, हरी झंडी मिलने का इंतजार
  • गेहूं से कम लागत में 10 गुना फायदा, विदेश में चिया सीड की ज्यादा डिमांड
  • 100 एकड़ में चिया सीड लगाने की योजना 

मंडला महावीर न्यूज 29. सफलता एक रात की कहानी नहीं होती है, इसके लिए बदलते परिवेश में ढलना पड़ता है, नई तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने पर ही मंजिल तक व्यक्ति पहुंचता है, जिसके बाद ही सफलता मिलती है। खेती, किसानी तो हर किसान करता ही है, लेकिन कम लागत में अधिक मुनाफा किस फसल से मिलता है, इसके अभाव में भी किसान अपनी आर्थिक स्थिति सुधार नहीं पाते है, जिसके कारण किसानों का रूझान खेती से हटने लगता है, लेकिन खेती में भी एक अच्छा भविष्य बन सकता है, इसके लिए किसान परंपरागत खेती के साथ इसमें कुछ नया नवाचार करें तो कम लागत में अधिक आमदानी कर सफलता प्राप्त कर सकता है।


एक ऐसा ही नया नवाचार मंडला जिले में विगत वर्ष किया गया, जिसके अच्छे परिणाम भी मिले। विगत वर्ष 60 एकड़ में नया नवाचार किया गया था, जिसे इस वर्ष करीब 100 एकड़ में करने की कार्य योजना बनाई गई है। इसके साथ ही इस नवाचार के लिए संचालनालय को दो हजार हेक्टेयर का प्रोजेक्ट भी भेजा गया है, यदि सही समय में प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाती है तो जिले के किसानों की दो हजार हेक्टेयर भूमि में इस नवाचार से लखपति बनने का मौका मिल सकेगा, जिसके बाद किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

जानकारी अनुसार जिले के सभी विकासखंडों में आत्मा योजना अंतर्गत एक नया नवाचार विगत वर्ष 60 एकड़ में किया गया था, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक फायदा मिला। यह नवाचार चिया सीड पर किया गया है। जिले के नारायणगंज, निवास, बीजाडांडी, बिछिया, मवई, मंडला, निवास और नैनपुर में चिया सीड की फसल को विगत वर्ष करीब 60 एकड़ भूमि में किसानों के माध्यम से लगाकर एक नया प्रयोग किया गया। जिसके अच्छे परिणाम मिले। अब इस वर्ष इस नवाचार के क्रियान्वयन के लिए किसानों की करीब 100 एकड़ भूमि में चिया सीड की फसल लगाई जाएगी।

आत्मा परियोजना उपसंचालक आरडी जाटव ने बताया कि चिया सीड रबी सीजन की एक तिलहनी फसल है और अभी इसकी खेती ज्यादा नहीं होती है, लेकिन चिया सीड सेहत के लिए खजाने से कम नहीं है, यह छोटा बीज किसानों को बड़े मुनाफे की गारंटी देता है। किसानों के जीवन में बदलाव के साथ उन्हें एक सफल कृषक बना सकता है। स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से चिया सीड को बहुउपयोगी माना गया है, जिसके कारण ही इसकी डिमांड बाजार में बढऩे लगी है, लेकिन इसकी खेती बहुत ही कम स्तर पर की जाती है। इसकी खेती करने में कम लागत लगती है, लेकिन मुनाफा कई गुना होता है। पैदावार कम होने के कारण इसकी बाजार में अच्छी खासी कीमत मिल रही है।

किसानों को दिया जा रहा अनुदान 

उपसंचालक आरडी जाटव ने बताया कि चिया सीड की फसल लगाने के लिए जिले के किसानों को आत्मा योजना अंतर्गत प्रति एकड़ 3 हजार 500 रूपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। जिससे किसानों की रूचि चिया सीड की तरफ हो। बताया गया कि चिया की फसल प्रति एकड़ में 3.5 से 5 क्विंटल की पैदावार होती है। फसल की गुणवत्ता के हिसाब से इसकी कीमत मंडी में 14 से 20 हजार रूपए प्रति क्विंटल होती है। यदि किसान इस फसल की तरफ अपनी रूचि बढ़ाते है, तो किसान अपनी आर्थिक स्थिति चिया सीड की फसल लगाकर सुधारकर एक उन्नत कृषक बन सकते है।

100 एकड़ में चिया सीड लगाने की योजना 

बताया गया कि जिले में चिया सीड की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित और प्रेरित किया जा रहा है। जिससे जिले के किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सके। इसके लिए आत्मा परियोजना द्वारा जिले के सभी विकासखंडों में विगत वर्ष करीब 60 एकड़ भूमि में चिया सीड की फसल लगाकर नवाचार किया गया था। एक किसान से एक एकड़ खेत में चिया सीड लगवाया गया था, जिसके अच्छे परिणाम भी मिले। इस वर्ष इस नवाचार से किसानों को अच्छा मुनाफा अर्जित करने के लिए आत्मा योजना अंतर्गत करीब 100 एकड़ में चिया सीड की फसल लगाने की योजना विभाग द्वारा बनाई गई है। 100 एकड़ में चिया सीड की खेती करने वाले किसानों को अच्छा मुनाफा होने से जिले के अन्य किसान भी इस नवाचार से प्रोत्साहित होकर इस तरफ अपना रूझान कर सकेंगे।

600 किसानों को विगत वर्ष किया जागरूक 

आत्मा परियोजना उपसंचालक आरडी जाटव ने बताया कि चिया सीड को अपनी परंपरागत खेती में शामिल करने के लिए विगत वर्ष करीब 600 किसानों को प्रचार, प्रसार के माध्यम से जागरूक किया गया था। विगत वर्ष किये गए नवाचार के मिले अच्छे परिणाम के कारण इस वर्ष चिया सीड का रकबा भी दुगना कर दिया गया है। आगे इस नवाचार को अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है। जिससे जिले के किसान अपनी अर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकेंगे।

डब्ल्यूएचओ ने चिया को सुपर फूड में किया शामिल 

चिया सीड में फाइबर, अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन, आवश्यक वसा, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिज जैसे आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक मौजूद होता है। चिया सीड का उपयोग अच्छी सेहत के लिए जरूरी है। उपसंचालक आरडी जाटव ने बताया कि चिया सीड में मौजूद गुणों की वजह से डब्ल्यूएचओ ने इसे सुपर फूड माना है। ये कई बीमारियों के उपचार में काम आता है और शरीर को स्वस्थ्य रखता है।

ऐसे होती है चिया की खेती 

मंडला जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए नए नवाचार के साथ चिया की खेती शुरू की गई है। चिया सीड के अच्छे उत्पादन के लिए इसकी बुआई से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करना होता है। पहले खेत को पलटने वाले तवा हल से जुताई कराई जाती है फिर मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए कल्टीवेटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद पाटा चलाकर खेत को समतल किया जाता है। खेत में नमी बनाने के लिए इसकी हल्की सिंचाई करने के बाद चिया बीज बोया जाता है। खेत की मिट्टी बलुई और दोमट है तो चिया सीड की अच्छा उत्पादन होता है।

करीब चार माह में हो जाती है फसल तैयार 

चिया सीड की फसल 3 से 4 महीने में तैयार हो जाती है और पकने पर इसकी पत्तियां गिर जाती हैं। फसल पकने के बाद इसके तने में सिर्फ बालियां बचती हैं, जैसे सरसों के पौधों पर होता है। फसल काटने के बाद 5-6 दिन इसे धूप में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। बीज को अलग करने के लिए थ्रेसर मशीन या डंडे का उपयोग किया जाता है। इस सब प्रक्रिया के बाद एक एकड़ में करीब 5 क्विटंल चिया बीज मिल पाता है।

अन्य फसल से ज्यादा होता है फायदा 

बताया गया कि एक एकड़ खेत में किसान 3.5 से 05 क्विंटल चिया सीड उत्पादन कर सकता है। चिया सीड की मंडी बाजार में कीमत अन्य फसलों से काफी अच्छी है, जिसके चलते यदि किसान इसकी अच्छी पैदावार कर ले तो एक अच्छा मुनाफा अन्य फसलों की अपेक्षा ले सकते है। आत्मा परियोजना के उपसंचालक श्री जाटव ने बताया कि एक एकड़ में करीब 80 से 90 हजार रूपए तक किसान इस फसल से कमा सकते है। करीब चार माह बाद इस फसल से खेत भी खाली हो जाता है, इसके बाद किसान दूसरी फसल इस खेत में लगा सकता है। वहीं चिया सीड की बुवाई रबी सीजन में की जा सकती है।

इनका कहना है

जमीन में एक सी फसल लगाने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती है, गेहूं की फसल से ज्यादा फायदा चिया सीड की फसल में है। चिया सीड्स का इस्तेमाल दवाइयों और केप्सूल बनाने में किया जाता है जो शरीर के लिये ये फायदेमंद है। शरीर के हार्ट ब्लॉकेज और नस नाडिय़ों के ब्लॉकेज को ठीक करने में चिया सीड्स की दवाइयां कारगर होती है। हमने पूरे मंडला जिले में इस वर्ष करीब 100 एकड़ मेंं फसल लगाने की कार्य योजना बनाई है, इसके साथ ही दो हजार हेक्टेयर में फसल लगाने का प्रोजेक्ट शासन को भेजा है। यदि प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाती है तो जिले के किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।


आरडी जाटव
उपसंचालक आत्मा परियोजना, मंडला


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