मंगल गीत, आतिशबाजी के साथ प्रस्तुत की राधा-कृष्ण की झांकी

  • मंगल गीत, आतिशबाजी के साथ प्रस्तुत की राधा-कृष्ण की झांकी
  • श्रीमद्भागवत कथा में सुनाया श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग
  • श्रद्धालुओं ने की पुष्पवर्षा

मंडला महावीर न्यूज 29. निवास क्षेत्र के ग्राम पिपरिया के बाजार चौक में चल रही श्रीमदभागवत कथा में कथावाचक पंडित संदीप कृष्ण शास्त्री जी वृंदावन धाम वाले ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना श्रीकृष्ण-रुक्मणि का वेश धारण किए कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए आतिशबाजी जमकर हुई वही सुंदर राधा कृष्ण की झांकी के साथ कलाकारों ने जमकर नृत्य किया। वही धार्मिक गाने पर श्रद्धालु भी जमकर थिरके।

कथा को आगे बढ़ाते हुए प्रसंग में कथाव्यास जी ने कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था।

रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया।

रुकमणी विवाह के इस अवसर पर आचार्य जी ने बताया कि कथा के अंतिम दिवस पर सुदामा चरित्र का वर्णन किया जाएगा जो भी श्रद्धालु आखिरी दिन कथा सुनने आता है उसको पूरी कथा का पुण्य मिलता है। आचार्य जी ने बताया कि कल कथा का अंतिम दिन हैं सुदामा चरित्र कथा का प्रसंग होगा सभी से आग्रह किया है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर कथा का विश्राम होगा बताया गया की कथा का आयोजन पिपरिया ग्राम के रजक परिवार द्वारा रमेश प्रसाद रजक की धर्म पत्नी श्रीमति उर्मिला रजक की पुण्य स्मृति में आयोजित किया जा रहा हैं और बताया गया कि कथा को सुनने बड़ी संख्या में पिपरिया ग्राम सहित आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं कथा का समापन शनिवार को होगा और हवन भंडारा रविवार को आयोजित होगा आयोजक समिति ने सभी से पहुंचने की अपील की हैं।

राधा कृष्ण की झांकी रही आकर्षण का केन्द्र 

कथा में प्रतिदिन कथा व्यास पंडित संदीप कृष्ण शास्त्री द्वारा अलग अलग प्रशंग श्रद्धालुओं को श्रवण कराया जा रहा हैं वही जबलपुर से आए कलाकारों द्वारा प्रतिदिन प्रसंग के अनुसार झांकी बनाई जा रही हैं वही शुक्रवार को श्री कृष्ण रुकमणि विवाह पर राधा कृष्ण की झांकी के साथ गोपियों की सुंदर झांकी के साथ कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी जो कि आकर्षण का केंद्र रही।

 

श्रीमति उर्मिला रजक की स्मृति में श्रीमद्भागवत कथा

रिपोर्टर- रोहित प्रशांत चौकसे

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