चंडी देवी की पूजा कर ढोल मंजीरे की धुन पर नाचे अहीर

  • चंडी देवी की पूजा कर ढोल मंजीरे की धुन पर नाचे अहीर
  • राजीव कालोनी में भरी मढ़ई, लोगों का उमड़ा सैलाव

मंडला महावीर न्यूज 29. दीपावली पर्व की भाईदूज से लेकर देवउठनी ग्यारस तक क्षेत्र के ग्रामो में मढ़ई मेले भरने की पुरानी परंपरा है। मेले की खास बात यह है कि क्षेत्र के कुछ ग्राम ऐसे भी है, जिनकी मढ़ई मेले का आयोजन मशहूर है। जिनमें शिरकत करने क्षेत्रवासियों व नगर के लोगों का सैलाब उमड़ पड़ता है। बता दे कि मढ़ई मेले का दौर शुरू होते ही यादव समाज के लोग ढोल डमाल के साथ नृत्य कर सबका मन मोहते है।


जानकारी अनुसार मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम देवदरा के राजीव कालोनी में देव उठनी ग्यारस के एक दिन पहले मढ़ई भरी जाती है। जिसके अंतर्गत मढ़ई ब्याही गई। राजीव कालोनी मढ़ई में पंडा ने चंडी देवी की पूजा कर ढोल मंजीरे की धुन के सथ अहीर समाज ने जयकारे लगाए। पंरपरागत वेशभूषा में ढोल की धुन पर झूमते अहीरों को देखने लोगों का तांता लगा रहा। राजीव कालोनी स्थित शासकीय स्कूल के सामने स्थित मैदान में मड़ई का आयोजन किया गया।

मढ़ई में पहुंचे अहिरों ने बीच मढ़ई स्थल मैदान में चंडी लगाकर उसके चारों और नाचते गाते हुए पूजन किया। मढ़ई यदि कुछ विशेष आकर्षण होता है तो वह है परंपरागत वेशभूषा में सजे अहीरों का नृत्य। इसके आलावा मढ़ई में आने वाले लोग झूला झूलने के लिए उमड़ पड़े। यहां भी झूले के इर्द गिर्द लोगों का हूजुम लगा रहा। झूले को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। वही बड़े झूले के पास युवक, युवतियों की भीड़ लगी रही। गुड़ की मिठाईयां, सिंघाडे, गुब्बारे, गन्ने की मढ़ई में अधिक बिक्री हुई।

ग्राम पंचायत ने किए इंतजाम 

दुकानदारों को कोई परेशानी न हो इसके लिए पंचायत द्वारा इंतजाम किए गए। शहर के नजदीक होने के कारण शहर के अधिकतर व्यापारी ने अपनी दुकानें राजीव कालोनी मढ़ई में सजाई। व्यापारी अपनी दुकानें लेकर सुबह 10 बजे से मढ़ई स्थल पहुंच गए। दोपहर बाद मढ़ई में लोगों का आना प्रारंभ हो गया। शाम होते ही क्षेत्र के अहिरों के नृत्य लोगों की चहल पहल मढ़ई में चार चांद लगा दिया। शहर के नजदीक होने के कारण इस मढ़ई में नगरवासी भी खरीदी करने पहुंचे। मेला प्रागंण खचाखच भरा हुआ था। महिलाएं, पुरूष, बच्चे, बुजूर्ग सभी लोग मेले में खरीदी के लिए पहुंचे।

परंपरागत भरी मड़ई 

मेले में सबसे ज्यादा मनहारी की दुकानों में भीड़ देखी गई। महिलाओं ने इन दुकानों से श्रृंगार सामग्री खरीदी। राजीव कालोनी निवासी इंद्रजीत उसराठे ने बताया कि वर्षो से यहां परंपरागत मढ़ई भरती आ रही है। गांवों में भरने वाली मढ़ई मेलों में ग्रामीण जिन्दगी का मौलिक रंग दिखाई देता है। इन क्षेत्रों के मेले में सब्जी से लेकर रंग रोगन, श्रृंगार, खिलौने, फल, गृहस्थी के समान, खाद्य सामग्री की दुकाने सजी रही। मड़ई में जमकर बिक्री हुई। आसपास के अंचलों से मढ़ई ब्याहने पहुंचे आहीरों ने अपने पंरपरागत परिधान में झूमते गाते दिखाई दिए। जिनको देखने लोगो का हुजूम लगा रहा, और लोगों ने इनका स्वागत किया।


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