आंवला नवमी में महिलाओं ने की आंवला पेड़ की पूजा

  • आंवला नवमी में महिलाओं ने की आंवला पेड़ की पूजा
  • वृक्ष के नीचे परिवार के साथ मनाई पिकनिक

मंडला महावीर न्यूज 29. कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी या इच्छा नवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन व प्रसाद ग्रहण करना चाहिए। मान्यता है कि भोजन के समय यदि थाली में आंवले का पत्ता गिरे तो यह शुभ माना जाता है। आंवला नवमीं के अवसर पर रानी पार्क, रपटा घाट, बड़ी खैरमाई मंदिर बिंझिंया, गायत्री मंदिर परिसर सहित अन्य स्थानों मेंं महिलाओं ने पूजा अर्चना की एवं आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर मन्नत मांगी। आंवला नवमीं को देखते हुए मंदिर परिसर में सुबह से श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी, जो शाम 05 बजे तक चलती रही।

जानकारी अनुसार जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं, बच्चों की खासी भीड़ देखी गई। कार्तिक स्नान कर महिलाओं ने आंवले की कपूर और घी का दीपक जलाकर पूजा की। पूजा के बाद महिलाओं ने आंवला नवमी की कहानी सुनी। आंवले के पेड़ की महिलाओं ने 11 परिक्रमा और कुछ महिलाओं ने 108 परिक्रमा कर पति और पुत्र की लंबी उम्र की कामना की। पूजा, अर्चना के बाद महिलाओं ने परिवार समेत आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। महिलाओं ने पूजन, तर्पण, दान करके अक्षत फल की प्राप्ति की कामना की।

गायत्री मंदिर, रानी पार्क में लगा हुजूम 

प्रतिवर्ष आंवला नवमी के दिन जिला मुख्यालय के धार्मिक स्थलो, पर्यटन स्थलों में महिलाओं और श्रृद्धालुओं का हुजूम लगता है। जिन स्थलों में आंवला के पेड़ लगे होते है। वहां महिलाएं आंवला नवमी की पूजा के लिए पहुंचती है। जिला मुख्यालय के गायत्री मंदिर परिसर, जबलपुर मार्ग स्थित रानी पार्क समेत अन्य स्थलों में श्रृद्धालु महिलाएं आंवले के पेड़ की पूजा अर्चना करने पहुंची। यहां पूजा अर्चना कर घर-परिवार में सुख समृद्धि की कामना की। गांव, कस्बे के जिन देवालयों में आंवले के वृक्ष थे वहां भी सुबह से ही महिलाओं की भीड़ देखने को मिली।

हनुमान घाट आश्रम में विधिवत मनाई आंवला नवमी 

ग्राम पंचायत बड़ी खैरी स्थित हनुमान घाट आश्रम में आंवला नवमी में बड़ी संख्या में महिलाओं ने आंवला पेड़ की विधिवत् पूजन किया। ग्राम की महिला रितु पटेल ने बताया कि कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पूजन किया जाता है इसे कुष्मांड नवमी और अक्षय नवमी भी कहा जाता है।

पिपरिया में महिलाओं ने की सामूहिक पूजा 

निवास विकासखंड के ग्राम पिपरिया में महिलाओं आंवला नवमीं पर आंवला वृक्ष की पूजा, अर्चना की। पिपरिया निवासी चंादनी चौकसे ने बताया कि इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी है, इस दिन दान, जप व तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं अर्थात इनका कभी क्षय नहीं होता है। ग्राम पिपरिया में महिलाओं द्वारा सामूहिक तौर से आंवला नवमी पर पूजन अर्चन कर परिक्रमा लगाई।


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