अखोनी परंपरा बुधवार को ही भरता है यहां मेला

  • अखोनी परंपरा बुधवार को ही भरता है यहां मेला
  • 13 नबंवर को लगेगी नारायणगंज की प्रसिद्ध मड़ई
  • तैयारी शुरू, मेला में लगेगी तरह-तरह की दुकानें

मंडला महावीर न्यूज 29. मंडला जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां का प्राकृति सौंदर्य और यहां की परंपराएं अद्भूत है। एक ओर यहां की प्राकृति लोगों को अपनी ओर खींचती है, वहीं यहां की अनोखी पंरपराएं भी जिले की अलग पहचान बनाती है। जिले में दीवाली पर्व के बाद मड़ई मेलों का दौर शुरू हो जाता है। अहीर अपनी परंपरिक पौषाक में झूमते, नाचते लोगो का मनमोहते है।

इसी मड़ई, मेलों की परंपरा में आदिवासी बाहुल्य जिले के विकासखंड नारायणगंज में एक अखोनी पंरपरा वर्षो से चली आ रही है। नारायणगंज मुख्यालय में दीवाली के बाद लगने वाली मड़ई प्रतिवर्ष ग्यारस के बाद और उस माह के दूसरे सप्ताह में पडऩे वाले बुधवार को ही प्रारंभ होती है। बुधवार के दिन से लगने वाली मड़ई का सिलसिला वर्षो से चला आ रहा है, इस परंपरा में आज तक कोई व्यवधान नहीं आया है।

विकासखंड नारायणगंज मुख्यालय में तीन दिवसीय मड़ई का आयोजन आगामी 13 नबंवर से शुरू होगा। जिसकी तैयारियां शुरू हो गई है। ग्राम पंचायत नारायणगंज पडरिया में 7 नबंवर गुरूवार सुबह 9 बजे से ही मेला स्थल में झूले लगाने का कार्य प्रगति पर था। पडरिया सरपंच रामकुमार तेकाम ने बताया कि यह नारायणगंज मुख्यालय की प्रसिद्ध मड़ई है, जो चारो ओर विख्यात है। इस मड़ई में जिले समेत अन्य जिलों के व्यापारी व्यापार करने आते है।

जानकारी अनुसार जिले में एकादशी पर्व के बाद मड़ई मेले का आयोजन शुरू हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे साल भर का एक बड़ा त्योहार माना जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह मड़ई चंडी का आयोजन किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत जिले के विकासखंड नारायणगंज में तीन दिवसीय मड़ई का आयोजन आगामी 13 नबंवर को किया जाएगा। जिसकी तैयारी पंचायत द्वारा की जा रही है। नारायणगंज मड़ई जिले भर में प्रसिद्ध है। यहां हर प्रकार की दुकानें लगाई जाती है। मेले में व्यापारी भी जिले समेत अन्य जिलों से अपना व्यापार करने पहुंचते है। मड़ई के पहले दिन से ही जन सैलाब इस मेले में उमड़ता है। नारायणगंज बस स्टेंड से लेकर मेला स्थल तक सिर्फ जन समूह की भीड़ ही दिखाई देती है।

साल भर करते है लोग इंतजार 

विकासखंड नारायणगंज मुख्यालय की मड़ई क्षेत्र की सबसे बड़ी मड़ई है। बताया गया कि नारायणगंज की मड़ई देवउठनी ग्यारस के बाद और माह के दूसरे सप्ताह में पडऩे वाले दूसरे बुधवार के दिन नारायणगंज मुख्यालय की मड़ई भरना प्रारंभ होती है। यहां वर्षो से यह परंपरा चली आ रही है। बुधवार का दिन नारायणगंज का साप्ताहिक बाजार का दिन भी होता है। जिसके कारण मड़ई के प्रथम दिन लोगों का हुजूम रहता है। नारायणगंज मेले में तीन दिन मड़़ई स्थल में जमकर भीड़ रहती है, तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है। क्षेत्र समेत जिले के बाहर के व्यापारी मेला स्थल में आकर दुकाने लगाते है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नारायणगंज जैसा मेला कहीं ओर देखने को नहीं मिलता है, यहां हर प्रकार की दुकानें लगाई जाती है। लोगों की जरूरत का हर सामान यहां उपलब्ध होता है। इस दिन के लिए लोग यहां साल भर इंतजार करते है।


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