- गोबर से गोवर्धन बनाकर की पूजा
- गायों को सजाया विभिन्न रंगो से
- शुरू होगा मड़ई मेलों का दौर
- पशुपालकों ने परंपरागत तरीके से की गोवर्धन पूजा
मंडला महावीर न्यूज 29. दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा विधि विधान से की जाती है, लेकिन इस वर्ष दीवाली दो दिन पडऩे के कारण 2 नबंवर शनिवार को दीवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा की गई। बताया गया कि कुछ लोग शुक्रवार को भी गोवर्धन पूजा की। गौ माता को नहला धुलाकर तरह तरह के रंगो से सजाया गया और उन्हें अनाज व पानी का भोग लगाकर उनकी पूजा की गई। कहा जाता है कि गौ में समस्त देवी देवताओं का वास होता है और यह विश्व पालक कहलाती है। यह पूजा शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से की जाती है। जिनके यहां पशु पाले जाते है। वे इस पूजन को विशेष रूप से करते है।
सुबह से ही घर के सभी पशु गाय, बैल, भैंस को स्नान कराने के बाद उन्हें विभिन्न रंगो से रंगा जाता है। घर में उनके लिए विशेष पकवान बनाए जाते है। घर आंगन में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है। जिसके बाद पशुओं को विशेष पकवान खिलाए जाते है। इस दिन के बारे में मान्यता है कि इन्द्र भगवान ने जब कुपित होकर अत्याधिक वर्षा मथुरा वृंदावन में की थी तो पूरा शहर जल मग्न होने लगा। दोनों ही जगह के लोग कृष्ण जी के पास पहुंचे और बचाने के लिए आग्रह किया। तब कृष्ण जी गोवर्धन पर्वत को उठाकर लोगों की रक्षा की। तब से ही दीपावली के दूसरे दिन से गोवर्धन पूजा प्रारंभ की।
नहीं आए दूधिए
गोवर्धन पूजा पर पशुओं की पूजा होती है। इस दिन दूध देने वाले पशु का दूध नहीं दुहा जाता। केवल पूजा की जाती है। जिस वजह से घरो में, हॉटलों में दूधिए दूध लेकर नहीं पहुंचे। सभी होटले इसी वजह से बंद रही।
रंगोली बनाकर गौ माता की पूजा
जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम अंजनिया निवासी कक्षा 11 वीं की छात्रा साक्षी पटेल ने घर पर गोवर्धन पूजा में गौ माता की रंगोली बनाकर गौ माता का पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। बताया गया कि पांच दिवसीय दीपोत्सव त्यौहार जिले समेत ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आज रविवार को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। बताया गया कि अंजनिया क्षेत्र में घर-घर गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाकर चांवल, फूल, मौली, दही और दीपक जलाकर पूजा, अर्चना कर परिक्रमा की, इसके साथ ही घर में बने पकवान को गौ माता को खिलाया गया।