अब नहीं थमेगी ह्दय रोग के बच्चों की धड़कन

  • अब नहीं थमेगी ह्दय रोग के बच्चों की धड़कन
  • ह्दय रोग से पीडि़त बच्चों की हुई ईको जांच
  • चिन्हित 24 बच्चों के हदय रोग की होगी सर्जरी

मंडला महावीर न्यूज 29. जिले के 24 बच्चों के दिल की धड़कन अब नहीं थमेगी। सभी बच्चे सामान्य जीवन जी सकेंगे। जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय मंडला के अंतर्गत हृदय रोग जांच शिविर का आयोजित किया गया। जिसमें मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर से आए विशेषज्ञों की टीम और पेडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट ने 78 बच्चों की इको कार्डियो मशीन से जांच की। जिसमें 24 बच्चे हृदय रोग से पीडि़त मिले। इन 78 बच्चों में 20 बच्चों में माइनर हृदय की समस्या थी, जिनको जांच, परीक्षण के बाद दवाई दी गई एवं 19 बच्चे नॉर्मल मिले। चयनित 24 बच्चों में आठ बच्चों की सर्जरी एसआरसीसी चिल्ड्रन नारायण हेल्थ हॉस्पिटल मुम्बई में की जाएगी और 16 बच्चों की सर्जरी मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर में की जाएगी। शिविर में स्वास्थ्य विशेषज्ञ की टीम में मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर से डॉ. केएल महेश्वर एवं उनकी टीम ने अपनी सेवाएं दी।


जानकारी अनुसार जिला हस्तक्षेप केन्द्र मंडला में 78 बच्चों का पंजीयन किया गया। जिसमें 24 बच्चे हद्य रोग से पीडि़त मिले। इन सभी बच्चों को शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना के अंतर्गत नि:शुल्क उपचार किया जाएगा। डीईआईसी प्रबंधक अर्जुन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं जिला शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र में दी जा रही है। जिससे कि पीडि़त बच्चे निरोगी हो सके। इसी उद्देश्य से आरबीएसके अंतर्गत जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय मंडला में मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना के अंतर्गत ह्दय रोग से पीडि़त बच्चों का नि:शुल्क जांच परीक्षण मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर द्वारा ईको पद्धति से किया गया। शिविर में जांच परीक्षण के बाद चिन्हित बच्चों को शल्य चिकित्सा के लिए नि:शुल्क भेजा जाएगा।

24 बच्चों की मुम्बई और जबलपुर में होगी सर्जरी

सीएमएचओ डॉ. केसी सरोते ने बताया कि आयोजित हद्य रोग शिविर में चिन्हित बच्चों में हार्ट डिसीज मिली है। जिनका उपचार मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर और एसआरसीसी चिल्ड्रन नारायण हेल्थ हॉस्पिटल मुंबई में किया जाएगा। यहां चिन्हित 24 बच्चों में कुछ बच्चों की लेजर पद्धिती से सर्जरी की जाएगी। मेट्रो हास्पिटल में सर्जरी के लिए चिन्हित बच्चों में रंजीता मरावी 10 वर्ष ग्राम गोपांगी, समृ़िद्ध चैरसिया डेढ़ वर्ष ग्राम बम्हनी बंजर, अंश सारथी 9 वर्ष महाराजपुर, कुबेरी साहू 5 वर्ष ग्राम चाबी, सूर्या वरकडे 7 वर्ष ग्राम कोहरी, द्विपांशु कोढी 17 वर्ष ग्राम धनवाई, निशा मरावी 13 वर्ष ग्राम भडिया, शिवांगी परते 7 वर्ष ग्राम रमधडी, विनोद कुमार मरावी 7 वर्ष ग्राम किसली भिलवानी, राशि यादव 7 वर्ष ग्राम राम्हेपुर, चंादनी भांवरे 14 वर्ष ग्राम आमाडोंगरी, रूकमणि भांवरे 13 वर्ष ग्राम पेटेगांव, घनेश्वरी मार्को 6 वर्ष ग्राम डुंगरिया, अनुभव मरावी 8 माह ग्राम मानादेही, अनिल तेकाम 14 वर्ष ग्राम पीपरपानी, पंकज कुमार भांडे 11 वर्ष ग्राम दल्कोगोपानी शामिल है। वहीं आठ बच्चे मुम्बई हॉस्पिटल के लिए रैफर किया गए है। जिसमें शिवांश तिवारी 7 माह ग्राम सारसडोली, पुष्पेन्द्र टंाडया 10 वर्ष ग्राम मलवाथर, प्रतिभा बैरागी 12 वर्ष ग्राम राजीव कॉलोनी देवदरा, अंकित 17 वर्ष, दिव्यांश मरावी 2 वर्ष, हर्षित भांवरे 8 वर्ष, मानवी यादव 6माह, संजना 13 वर्ष सर्जरी के लिए चिन्हित हुए है।

ह्दय रोग की पहचान

जिला समन्वयक अर्जुन सिंह ने बताया कि अब बच्चे भी हृदय रोग से अछूते नहीं रहे। आम तौर पर बच्चों में होने वाले हृदय रोगों को पहचानना कठिन होता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत सामान्य होते है। माता-पिता भी बच्चों में हृदय रोगों के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते और समय पर इसकी पहचान नहीं होने के कारण ये रोग गंभीर हो जाते है। अनदेखी के कारण ही ये बीमारियां जीवन के लिए भी खतरा बन जाती है। ह्दय रोग से पीडि़त बच्चों की पहचान बच्चों में बार बार बुखार आना, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी या थकान, होंठ नीले पड़ जाना, एक पैर में सूजन, दिल की धडकन की ताल में परिवर्तन, लगातार या सूखी खांसी, त्वचा पर चकत्ते, अंगुलियां के सिरे मोटे हो जाना ह्दय रोग से पीडि़त की पहचान की जा सकती है।

ये रहे उपस्थित 

जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय मंडला में हृदय रोग जांच शिविर में सीएमएचओ डॉ. केसी सरोते, सिविल सर्जन डॉ. विजय सिंह धुर्वे, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वायके झारिया, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीके मरकाम, आरएमओ डॉ. प्रवीण उईके, आरबीएसके डीईआईसी प्रबंधक अर्जुन सिंह, वीरेन्द्र पाटिल, डॉ. सुनील भांवरे, डॉ विकास राय, डॉ अरविंद मरावी, डॉ मुकेश झारिया, डॉ ओम प्रकाश पटेल, डॉ राजकुमार नंदा, डॉ धनराज भांवरे, डॉ ठल्लू राम झारिया, डॉ मुकेश मर्सकोले, डॉ ललित चतुर्वेदी, डॉ प्रियंका वरकडे, डॉ रोशनी परस्ते, डॉ शशिकला केराम, डॉ किरण पन्द्रो, डॉ अजय खण्डेल, डॉ जयंती बटटी एवं एएनएम दशोंदी कुशराम, श्रीमति अनीता तेकाम, हेमलता विश्वकर्मा, गीता धुर्वे, राजकुमारी परते, संगीता मरावी, सुनील द्विवेदी, काजल बैरागी एवं मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर से पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. केएल उमामहेश्वर व उनकी टीम मौजूद रही।


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