महिला शक्ति का उत्सव, पोषण और सशक्तिकरण का अनूठा समागम
- देशी बीज के लगाए स्टॉल
- कर्मा, ददरिया की दी प्रस्तुति
- महिला किसानों ने मनाया उत्सव
- उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओ को किया सम्मानित
मंडला महावीर न्यूज 29. ग्रामीण विकास मंच बिछिया और निवास द्वारा ग्रामीण महिला किसान उत्सव पर्व मनाया गया। इस आयोजन के माध्यम से महिलाओं ने न केवल कृषि और पारंपरिक खान पान की महत्ता को समझा, बल्कि सामुदायिक संसाधनों और महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श भी किया। ग्रामीण महिला किसानों ने इस दिवस पर अपने अधिकारों और योगदानों को उजागर करते हुए भविष्य के लिए सामूहिक रूप से कदम उठाने का संकल्प लिया। आयोजित कार्यक्रम में करीब 400 महिलाओं की सहभागिता रही।
कार्यक्रम की तैयारी, रुपरेखा और प्रबंध महिलाओं द्वारा किया गया। उत्सव में मंडला जिले में कार्यरत समाजसेवी संस्थाओ ने भाग लिए और विभिन प्रदर्शनी के माध्यम से लोगो को पोषण और स्वस्थ के प्रति जागरूक किया। प्रदर्शनी में हस्त चालित मशीनों का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित एक सशक्त नाटक का मंचन किया। नाटक के माध्यम से बेटियों और बेटों के बीच समाज में किए जाने वाले भेदभाव को उजागर किया गया और समानता का संदेश दिया गया। इस दृश्य ने बेटियों की शिक्षा और अवसरों के महत्व पर जोर दिया।
बताया गया कि इस उत्सव कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओ को सम्मानित किया गया। जिसमें महिला जागरूकता, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, प्राकृतिक खेती, महिला उद्दमी, कृषि में नवाचार, देशी बीज का संरक्षण एवं बढ़ावा, जंगल एवं वन्य प्राणी संरक्षण, स्थानीय बाजार को बढ़ावा, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल एवं मृदा संरक्षण और प्रबंधन, परंपरागत रीति रिवाज का संरक्षण और बढ़ावा आदि विषय पर जिले की 45 महिलाओ को प्रशस्ति पत्र दिया गया।
बताया गया कि आयोजित कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण का केन्द्र पारंपरिक खान पान और देशी बीज स्टॉल रहा। जिसमें सभी के लिए पोषण और स्वस्थ की सुनिश्चिता के आधार पर पारंपरिक खान पान और देशी बीज के स्टॉल लगाए गए। स्टॉल में महुआ का आचार, महुआ का लाटो, मक्का पेज, मक्के रोटी, चेंच भाजी, सुरन की सब्जी, बरमाकशी पत्ते के पकौड़े, अंगेठी कंदा भुना और उबला हुआ, कचरिया का चिप्स, कोदो का पुलाव जैसे स्थानीय खाद्य पदार्थों का स्टॉल में प्रदर्शन किया गया। इन सभी खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता और स्वास्थ्य लाभ की जानकारी स्टॉल में दी गई।
आयोजित उत्सव के दौरान महिलाओं ने कृषि से जुड़े अपने पारंपरिक गीतों, कर्मा और ददरिया की प्रस्तुति दी गई, जिससे ग्रामीण जीवन और कृषि में महिलाओं की महत्तवपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया। इसके साथ ही महिलाओं ने कविताओ के माध्यम से समाज में समानता और महिला सम्मान पर प्रस्तुति दी गई।