- नारायणगंज के पुलिस कर्मियों को दी टीबी रोग की जानकारी
- टिकरिया थाना परिसर में कार्यशाला प्रशिक्षण आयोजित
मंडला महावीर न्यूज 29. आदिवासी जिला मंडला के आकांक्षीय विकासखंड नारायणगंज को टीबी मुक्त करने पुरजोर प्रयास जारी है। नारायणगंज के समस्त विभागों को टीबी मुक्त अभियान के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी के अंतर्गत नारायणगंज के टिकरिया थाने में टीबी रोग से संबंधित प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में टिकरिया थाने का स्टाफ मौजूद रहा।
बताया गया कि टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत टिकरिया थाना स्टाफ को टीबी रोग से बचाव और उससे सावधानी बरतने के लिए जागरूकता कार्यशाला प्रशिक्षण थाना परिसर में आयोजित किया गया। जहां टीबी विभाग से एसटीएस देवेन्द्र साहू ने टीबी बीमारी के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान टिकरिया थाना प्रभारी गोपाल घासले ने टीबी कैसे फैलता है, इस विषय में एसटीएस से पूछा, जिसका उत्तर देते हुए देवेन्द्र साहू ने बताया कि पलमोनरी टीबी हवा द्वारा फैलने वाली बीमारी है। जब टीबी का रोगी खांसता या छींकता है, तो उसके टीबी के जीवाणु बाहर आकर हवा में फैल जाते है और हवा के माध्यम से यह टीबी का जीवाणु वहां मौजूद लोगों को संक्रमित कर देता है। इस प्रकार एक टीबी रोग से ग्रसित व्यक्ति करीब 10 से 12 लोगों को टीबी रोग से ग्रसित कर सकता है।
कार्यशाला प्रशिक्षण के दौरान टिकरिया थाना स्टाफ के पुलिस कर्मियों ने पूछा कि टीबी कितने प्रकार की होती है, और इससे कैसे बचा जा सकता है। श्री साहू ने बताया कि टीबी दो प्रकार की होती है। पलमोनरी टीबी और एक्सट्रा पलमोनरी टीबी। पलमोनरी टीबी हवा के माध्यम से फैलती है, वहीं एक्सट्रा पलमोनरी टीबी शरीर के बाल और नाखून को छोड़कर किसी भी भाग में यह बीमारी हो सकती है। इसके साथ ही टीबी रोगियों को दी जाने वाली योजनाओं की जानकारी दी। जिसमें बताया कि टीबी रोग से ग्रसित व्यक्तियों को छह माह के उपचार के दौरान उन्हें पोषण आहार और यात्रा भत्ता के लिए राशि दी जाती है। इसके साथ ही टीबी रोगियों को दी जाने वाले फुड बास्केट की भी जानकारी दी।
कार्यशाला प्रशिक्षण में टीबी रोग से ग्रसित व्यक्तियों के परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए दी जाने वाले उपचार की जानकारी दी गई। जिसमें बताया गया कि टीबी रोगियों के संपर्क में आने वालों को टीबी प्रबंट्यू ट्रीटमेंट के माध्यम से उपचार दिया जाता है, जिससे संपर्क वाले व्यक्ति को संक्रमित होने से बचाव होता है और वह टीबी रोग से ग्रसित नहीं हो पाता है। इसके साथ ही एडल्ट बीसीजी टीकाकरण की जानकारी दी गई।