- शासकीय विद्यालय में साफ सफाई नदारत, संक्रमण का खतरा
- ग्राम मांगा के शासकीय विद्यालय में गंदगी का आलम
- शौचालय के दरवाजे टूटे, छात्र, छात्राएं हो रही परेशान
- शाला प्रबंधन का ध्यान नहीं, जवाबदार अंजान
मंडला महावीर न्यूज 29. मप्र सरकार एक तरफ शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर बड़े बड़े दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत धरातल पर कुछ और ही नजर आ रही है। बरसात के मौसम में जहां संक्रमण बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। यदि साफ सफाई ना हो तो ऐसे स्थानों पर गंदगी के कारण मच्छर तो पनपते ही है, साथ ही गंदगी और साफ सफाई ना होने के कारण बीमारी फैलने वाला संक्रमण जल्द फैलता है। समय रहते यदि संबंधित विभाग इस ओर ध्यान ना दे तो यह संक्रमण कब महामारी में बदल जाए पता नहीं चलता है।
जानकारी अनुसार शासन, प्रशासन लोगों को संक्रमण से बचने हिदायत देने के साथ समझाईश भी देती है। वहीं अपने अधिनस्थ अधिकारी, कर्मचारियों को मैदानी स्तर पर इस संक्रमण और मच्छरों से बचाव के उपाए करने के दिशा निर्देश भी जारी करते है, लेकिन जबावदार अधिकारी कागजों में खानापूर्ति कर इस कार्य से पल्ला झाड़ लेते है। जिससे दूरांचल, ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। रैनी सीजन में सबसे ज्यादा संक्रमण का खतरा रहता है। बताया गया कि जिले के ऐसे कई शासकीय विद्यालय है, जहां साफ सफाई नहीं रहती है। यहां के शौचालय और लघुशंका घरों की सफाई पर स्कूल प्रबंधन ध्यान नहीं देता है। जिससे छात्रों में संक्रमण का खतरा बना रहता है।
बताया गया कि जनपद पंचायत बिछिया की ग्राम पंचायत मांगा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गंदगी का आलम है। जहां छात्र इसी गंदगी के बीच अपना भविष्य संवार रहे है। इस विद्यालय में साफ सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे छात्रों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। जिले में बैठे जवाबदार अधिकारी कागजी घोड़े दौड़ाकर बस खानापूर्ति करने में लगे हैं। मांगा विद्यालय के शौचालय गंदगी से पटे है, शौचालय के दरवाजे अपनी कहानी स्वंय बयां कर रहे है, लेकिन स्कूल प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
शासकीय विद्यालय में सुविधाएं नदारत
बिछिया के ग्राम पंचायत मांगा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कक्षा नवमी से बारहवीं तक कक्षा संचालित होती है। इस विद्यालय में करीब 150 छात्र, छात्राओं का भविष्य संवारा जा रहा है। जहां इन छात्रों को सुविधाओं के नाम पर संक्रमण का खतरा मिल रहा है। इस शाला के 150 छात्रों के बीच दो लघुशंका घर है, लेकिन यह भी गंदगी और बदबू से पटा पड़ा है। जिसमें प्रवेश करने की इच्छा भी नहीं होती है। यहां साफ सफाई नहीं कराई जा रही है। जिसके कारण छात्रों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संक्रमण का बना है खतरा
क्षेत्रीयजनों ने बताया गया कि शाला भवन के आसपास झाडिय़ां उग आई है, जिससे विषेले जीव जन्तु का भय छात्रों को बना रहता है। इस ओर शाला प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके कारण छात्रों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसके साथ ही इन अव्यवस्थाओं के कारण अब बच्चे सरकारी स्कूलों में पढऩे से कतराने लगे है। बताया गया कि लफरा संकुल केंद्र के अंतर्गत आने वाले इस स्कूल के बच्चों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि शौचालय और पेशाबघरों की संख्या बढ़ाई जाए, इसके साथ ही यहां नियमित साफ सफाई कराई जाए। जिससे संक्रमण ना फैल सके।
इनका कहना है
आपके माध्यम से मामले को मेरे संज्ञान में लाया गया है, स्कूल प्राचार्य को बोल कर सफाई के लिए निर्देशित किया जाएगा, आगामी कार्ययोजना में शामिल कर शौचालयों की संख्या बढ़ा दी जाएगी।
श्रीमती मुन्नी वरकडे
जिला शिक्षा अधिकारी, मंडला